नईम जी की स्मृति में उस दिन कार्यक्रम था हम दोपहर को नईम जी घर से भोजन कर लौट रहे थे अचानक महेश्वर ने कहा कि वो क्या है ...... मैंने बहादुर को कहा कि भाई गाड़ी रोको फिर महेश्वर और ओम प्रभाकर को भी गाड़ी से उतरने को कहा फिर उन्हें ये अद्भुत दृश्य दिखाया
देवास में पानी कि समस्या नई नहीं है ये वही मालवा का शहर है जहाँ "डग डग रोटी -पग पग नीर " की बात खून में डाली जाती है पर पानी तो खत्म हो गया है
आज मेरे शहर में हर १२ दिनों में पानी आता है कितने ही नेता जीत गए हम सब को उल्लू बनाकर पर पानी नहीं आया हाँ अब रोज़ झगड़े होने लगे है खून हो जाते है पर हमारे नर्मदा नायको और नायिकाओ को कोई फर्क नहीं पड़ता ॥
महेश्वर ये देखकर विचलित हो गए पर क्या कोई हमारे शहर का बाशिंदा इस पीड़ा को समझेगा??? अब तो इतना भी पानी नहीं की इन्हें कहू कि डूब मरो चुल्लू भर पानी में ...........
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