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Showing posts from November, 2021

Kuchh Rang Pyar ke, Gestalt Prayer, Social Media and 14 वर्षों की अनवरत यात्रा Vikas Samvad Yatra - Posts from 26 to 30 Nov 2021

  Gestalt Prayer I do my thing and you do your thing I am not in this world to live up to your expectations, And you are not in this world to live up to mine You are you, and I am I, and if by chance we find each other, it's beautiful If not, it can't be helped. ◆Fritz Perls, "Gestalt Therapy Verbatim", 1969 *** 14 वर्षों की अनवरत यात्रा 2006 की बात है, जब एक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसी में राज्य प्रमुख के रूप में भोपाल में ज्वाइन किया था और देश और प्रदेश की कई बड़ी और बेहतरीन संस्थाओं के साथ काम करने का मौका मिला था मीडिया में रुचि होने के कारण विकास और जनमुद्दों पर पैरवी करने वाले एक शैक्षिक संस्थान के साथ भी जुड़ा था, हम मित्रों ने यह महसूस किया था कि मीडिया में विकासात्मक मुद्दों की तुलनात्मक रूप से कमी थी - लिहाज़ा मीडिया के साथ काम करने की जरूरत थी, सो हमने विकास सम्वाद की सार्थक और जरूरी पहल के बाद काम आरम्भ किया - जिसमें से एक वार्षिक गोष्ठी करने का भी महत्वपूर्ण काम था इस गोष्ठी में विकास के अलग - अलग मुद्दों पर चर्चा गहन, गम्भीर, तथ्यपरक, सार्थक बहस, जानका...

Khari Khari and Poem Kabir Awards of MP Govt - Posts of 23 to 25 Nov 2021

  || तू कहता कागद की लेखी | | नौकरशाहों को पुरस्कार और मंच से दूर रखने की कोशिश होना चाहिए - बशर्ते जब तक वो बहुत मौलिक स्वरूप में लेखन या दीगर विधाओं में एक स्वतंत्र व्यक्तित्व के रूप में सामने ना आये, अपने पद का बगैर उपयोग किये हो यह रहा है कि कोई भी नौकरशाह जब कला, साहित्य या दीगर व्यापक क्षेत्रों में साधना करते- करते अचानक से सत्ता का चाटुकार बन जाता है या वह सब लिखने लगता है जो संविधान के ख़िलाफ़ हो, जातिय वैमनस्य बढ़ाता हो, भेदभाव बढ़ाता हो, किसी धर्म विशेष को अपने फर्जी ज्ञान या अंग्रेजी के लंबे लम्बे उद्धरणों से आतंकित करता हो, धौंस जमाकर जबरन की कुंठित विचारधारा थोपता हो और हर जगह संस्कृति की दुहाई देकर स्वयं को महान सिद्ध कर पार्टी विशेष का बौद्धिक प्रतिनिधि बन जाता हो और फिर वो सर्वोच्च पुरस्कार या उस विभूति के नाम पर पुरस्कार "हासिल" कर लेता हो - जिस पर लिखना तो दूर उस विभूति की विचारधारा, समझ और जीवन शैली से जिसका लेना - देना ना हो यह प्रवृत्ति बहुत घातक और दुखद है, मुंह में राम और हर जगह छुरी - तलवार लेकर घूमने वाले और कोरी बौद्धिकता की डुगडुगी पीटने वालों से भगवान...

Khari Khari, Drisht KAvi and other Posts from 15 to 21 Nov 2021

#धमाका #नेटफ्लिक्स मीडिया मंडी की सच्ची दास्ताँ है जो एंकर को एक्टर में बदलकर पूरी न्यूज को ड्रामे में तब्दील कर देती है और ऊपर से तुर्रा यह कि न्यूज सच्चाई नही है किसी देश में एंकर जब खुदा हो जाये और लोग उनके हर झूठ को सच मानकर अपना जीवन दाँव पर लगा दें तो वह देश बहुत गन्दा, वीभत्स और दयनीय हो जाता है, अर्जुन पाठक के बहाने रवीश बाबू को प्राइम टाइम के एंकर का सच उघाड़ने की कमजोर और अतिरंजित कोशिश है मीडिया मंडी में न रिश्तों की जगह है ना निजी ताल्लुकात की जो है वह है टीआरपी और इस दुष्चक्र में यदि कोई फँसता है तो एंकर क्योंकि मालिक और प्रबन्धन तो पर्दे के पीछे डील में व्यस्त रहते हैं, इसलिए एंकर को मीडिया समझना यानी कमज़ोर या प्रभावी निहायत ही मूर्खता पूर्ण विचार होगा फ़िल्म अतिशयोक्तिपूर्ण है पर बहुत प्रतीकों में बात करती है, डिजिटल युग में ये सब सम्भव है बल्कि हो रहा है इसलिये इसे सिर्फ़ एक फ़िल्म समझकर आगे ना बढ़ जाये बल्कि इसे आज की मीडिया मंडी के बरक्स देखने समझने और विश्लेषित करने के साथ यह साफ़ करने की जरूरत है कि रवीश, रजत, सुधीर, रुबीना, दीपक चौरसिया, पुण्य प्रसून, सुमित अवस्थी, अर्...

Khari Khari, Kuchh Rang Pyar ke, Kya padhe and other Posts between 8 to 14 Nov 2021

निर्लज्ज है ये सरकार 18 सालों में कुपोषण से लाखों बच्चे मर गए पर कान पर जूँ नही रेंगी प्रदेश के लाड़ले और विश्व विख्यात शिवराज मामा सरकार के 18 साल के कार्यकाल में, हाल ही में हुए SRS के सर्वे में हम फिर फ़िसड्डी साबित हुए - कुछ हुआ - नही, क्यों नही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से लेकर जिला चिकित्सालयों में काबिज़ स्टाफ, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे #यूनिसेफ , #निप्पी #UNFPA आदि की जवाबदेही तय की जाती है जो सेवा के नाम पर स्वास्थ्य मिशन के भोपाल दफ्तरों से उप स्वास्थ्य केंद्रों तक झोला उठाकर आंकड़ों की बाजीगरी करके ब्यूरोक्रेट्स के तलवे चाटते रहते है, जबरन घुस जाते है, मक्कार और हरामखोर किस्म के फर्जी MSW जो ओपन यूनिवर्सिटी से पास है और विशुद्ध गधे है वो जननी सुरक्षा से लेकर SNCU जैसे बेहद जटिल और तकनीकी पहलुओं पर काम करते है और कुछ नही करते ये गधे, कुछ नही आता इन्हें, एक प्लेन MBBS भी यह नहीं कर सकता - तो ये उजबक क्या करते होंगे, पर स्वास्थ्य मिशन के भोपाल दफ्तर में ही दर्जनों को जानता हूँ - जो एकदम बकवास है, डाक्टर ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास "नरक यात्रा" को देखना हो ...