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Future Trends in Education - an Indian Context , Khari Khari and Drisht Kavi - Poss of 22 to 24 June 20201

 मल्लब हद ही हो गई, अब्बी एक माड़साब जो पिल्लों कू पिरावेट टूसन पढ़ाते हेंगे, ने मेरे कूँ भाट्सअप ग्रुप पे जोड़ लिया, ग्रुप में पेली, दूसरी, तीसरी के बच्चों के साथ उनके बाप माँ भी हेंगे, माड़साब बोले कि आपकी उपस्थिति से बच्चे लाभान्वित होंगे और सीखेंगे, उनकूं एक कविता रोज सुना देना आप

जे ई काम के रह गए हो अब संदीप बाबू - जब ग्रुप लेफ्ट किया तो बो बोला एडमिन बना दूँ आप कहें तो
किसी कवि कूँ जुड़ना हेगा तो नम्बर दो अब्बी जुड़वा देता हूँ, कल से पारायण सुरु कर देना वहां पे भी
मन के रिया हूँ
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जो लोग यहाँ पेलते है, इंस्टाग्राम पर भी वही माल चैंपते रहते है, लिंक्ड इन पर भी वही, वाट्सएप पर भी सेम टू सेम, और साला ट्वीटर पर भी वही और अब एक और भड़ास निकालने को आया है नया अड्डा - क्लब हाउस, इस क्लब हाउस की मूर्खताएँ और ज्यादा बड़ी वाली है - मतलब बड़ेवाले बकर के शिखर भड़ासिये है वहाँ
मतलब कही भी जाओ नया कुछ नही, वही लोग वही कचरा और वही सड़ी - गली भड़ास और कुंठाएँ , आदिम आत्म मुग्धता - "मरकर भी चैन ना पाया तो कहाँ जाओगे"
घबराईये नही आप ही नही इन मूर्खताओं में, मैं भी शामिल हूँ भीड़ में, इसलिये अब क्लब हाउस से विदाई ले रहा - नही झिलाते फर्जी लोग और बकर के उस्ताद
अब यहाँ से कुछ पुराने लोगों का चन्दन तिलक लगाकर विदाई समारोह करना पड़ेगा गाजे बाजे से जिन्हें ज़्यादा ही मुगालते हो गए है और अपुन को किसी से रोटी - बेटी का सम्बंध बनाना है नही अब
एक उजबक के क्रांतिकारी ग्रुप से निकल आया तो वाट्सएप पर रोज दिन में 10 बार कचरा फेंक जाता है, एक सत्तर साला बुढ़ऊ रोज अपने चित्र फेंक जाता है 50, 60 क्या करें , रेखांकन करने वाले पूरा ट्रक भरके माल फेंक जाते है हर जगह और ये हर जगह है भगवान की तरह , आप नया प्लेटफॉर्म लाओ और नया कुछ सीखने वहाँ जाओ तो ये हुक्का गुड़गुड़ाते हुए वहाँ मिलेंगे चरसिये कही के
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शिक्षा के हर स्तर पर इस समय बड़ी चुनौती है और अब आने वाले 3 - 4 वर्षों में लग यह रहा है कि -
◆ कक्षा 1 से 5 तक स्कूल स्कूल की तरह होंगे, बच्चो के सामाजीकरण की प्रक्रिया यहां होगी
◆ कक्षा 6 से 8 तक स्कूल में डिजिटल पढ़ाई का अभ्यास करवाया जायेगा
◆ कक्षा 9 से 12 तक बच्चे स्कूल में तो पंजीकृत होंगे पर पढ़ाई घर से होगी - इन कक्षाओं का भौतिक स्कूल नही होगा वर्चुअल स्कूल होगा
◆ महाविद्यालयीन पढ़ाई पूरी तरह से वर्चुअल होगी, जिसको जो करना हो करें डिग्रियाँ मिल जायेगी एक निश्चित समय सीमा में कुछ अहर्ताएँ पूरी करके
◆ हर नौकरी के लिए प्रवेश परीक्षा होगी हालांकि अभी भी है पर वह अलग तरह की होगी उसमे ज्ञान भी होगा और व्यवहार कुशलता के साथ कौशल दक्षता की भी जाँच होगी
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★ बहुत रुपया बचेगा और ढेर सारा प्रशासनिक श्रम, खर्च और समय भी बचेगा, स्थापना खर्च खत्म होंगे, यूँ भी सरकारें कंगाल है, जब स्वास्थ्य सुविधा के लिए रुपया नही तो शिक्षा जैसी "ऐयाशी" के लिए बजट कहाँ से आएगा
★ जो लोग स्कूल कॉलेज के या शिक्षा के व्यवसाय चला रहे है - वे ये सुझाव गम्भीरता से मानकर अपनी दिशा तय करते हुए योजना बना लें
★ वैसे असली बात यह है कि अब शिक्षा - दीक्षा में रुपया है नही, इसलिए थोड़े लिखें को ज्यादा समझना
★ बेहतर है - सामग्री, पैकेज, शैक्षिक एपस, वेबसाईट आदि पर काम करें, छोटे वीडियो बनायें विषयवार और ऑनलाइन पढ़ने - पढ़ाने में मास्टरी हासिल करते हुए पारंगत बनें और निष्णात हो
★ निजी संस्थान चलाने वालों को स्लो नेटवर्क वाले ग्रामीण इलाकों में लोकल केबल नेटवर्क से कैसे पढ़ाया जा सकता है और बड़े ग्रामीण इलाके को कव्हर किया जाये इस पर विचार करना चाहिये
★ ध्यान रखिये मित्रों, सरकार - पालक सब समझदार हो गए है - शिक्षा अब किसी की ज़रूरत और प्राथमिकता नही है
★ सरकारी मास्टर कोई भी किसी भी स्तर के हो 5 साल के बाद तैयार रहें कि आपको युक्तियुक्त करण के नाम पर हकाल दिया जायेगा या जबरन सेवा निवृत्ति दे दी जायेगी और यह बनता भी है दो साल से केंद्रीय विद्यालय, नवोदय से लेकर महाविद्यालय और विवि के माड़साब लोग फोकट की तनख्वाह उड़ा रहें है (अब मास्टर लोग यहां कुतर्क करने ना आये - सबको मालूम है कि कितनी हरामखोरी हो रही है और आप लोग क्या काम कर रहें है)

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