जब नाश मनुज पे छाता है तो विवेक सबसे पहले मर जाता है
सम्बोधन ना हुआ मजाक हो गया
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इससे क्या होगा ? क्या मजाक बना रखा है इस देश के पढ़े लिखें लोगों का - जिस देश के सबसे ज्यादा डॉक्टर्स, सॉफ्ट वेयर इंजीनियर, कुशल लोग दुनिया भर में काम करते है, जिस देश में IIT, IIM,BARC, CAT, IIE, Atomic research centers, Medical Colleges से लेकर चोटी के शिक्षा संस्थान है वहाँ घोर अवैज्ञानिक माहौल - घण्टा बजाओ, दिया जलाओ, मोमबत्ती जलाओ - क्या हो गया है आखिर हम सबकी सामूहिक चेतना को - हम सब विक्षप्त हो गए लगता है
5/4/20 - 9 बजे - 9 मिनिट ....
कोई वैज्ञानिक बताएं - उस समय कोई बड़ा संकट होने वाला है क्या ? और अब फिर उस दिन 9 मिनिट के बाद हुड़दंग तो नही होगा ?
कुछ पल्ले नही पड़ रहा - विरोध नही समर्थन है पूरा पर क्या निहितार्थ है इसके, कुछ विज्ञान की बात करो भिया , इमोशनल अत्याचार मत करो - अंधकार करके दिया और मोमबत्ती जलाना
अंधेरा क्यो ? अब मतलब प्रशासन उपरोक्त समय पर बत्ती गुल कर ही देगा अर्थात, दया कुछ तो गड़बड़ है - इतना छोटा सन्देश और सारगर्भित भी !!!
स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो गई है और हो सकता है यह सामूहिक क्रंदन और शोक का पूर्वाभ्यास है - 5 तक संख्या कितनी हो जाएगी कहा नही जा सकता
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कही मालूम तो नही पड़ गया कि मेरा जन्मदिन है उस दिन और पूरा देश रात को मोमबत्ती जलाकर मुझे " हैप्पी बड्डे बोले "
भोत भोत धन्यवाद - जीवन मे पेली बार 130 करोड़ मेरे भगिनी बन्धु मेरे कूँ जन्मदिन की बधाई देंगे
लभ यू हमेंशा रहेगा आप पर मोदी जी
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खुदा ना खास्ता, ईश्वर, अल्लाह, जीसस, वाहे गुरु ना करें कि
किसी मंत्री, किसी मुख्यमंत्री की कोरोना से अपढ़, मूर्ख, गरीब, भिखमंगी, मजदूर, सड़कों पर नंगे पांव चलने पर उतर आने वाली घटिया किस्म की और बेबस जनता का बचाव करते समय मृत्यु हो जाये
यदि हो गया तो कितना मुआवजा उसके परिवार को मिलेगा - अनुकम्पा नियुक्ति, पेंशन, पीपीएफ, ग्रेज्युटी, आदि कितनी होगी
और महत्वपूर्ण कि कौनसी सरकार देगी
बहुत कन्फ्यूज हो गया हूँ - कृपया ज्ञान दें
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हे कोरोना नरेश, सर्वशक्तिमान, विश्वव्यापी सम्प्रभु - एक करम कर - हम हिंदुस्तानियों को तेरी जात बता दें
ताकि हम अपनी औकात और ताकत के अनुसार तेरी आवभगत कर सकें - यदि तेरी जात के कुछ अनुष्ठान , विधि विधान हो तो वो भी बता ताकि तेरी सेवा -सुश्रुवा में कोई कमी ना रहें
अभी हम लोग समझ नही पा रहें - सगुणी - निर्गुणी, द्वैत - अद्वैत , साकार -निराकार, सिया - सुन्नी, दरगाह और तब्लीगी, मरियम - जीसस, ईश्वर- अल्लाह में उलझे हम लोग बेहद शंकित है
मानव सभ्यता के विकास और भलाई के लिए मेहरबानी करके यह और बता दें तो कृपा होगी
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