नर्मदा यात्रा , पौधारोपण और राज्य के मूल कर्तव्य - नागरिकों के संदर्भ में मप्र में पिछले 15 वर्षों में नाटक, लुभावने नारे, घोषणाओं और मूर्खताओं के अलावा कुछ नही हुआ। व्यापमं, रेत खनन से लेकर फर्जी एनकाउंटर, किसान आत्महत्या के कारण हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके है। राज्य क्या कर रहा है - सिंहस्थ में 3000 करोड़ रूपये बर्बाद, घर पर पंचायतें बुलाकर घोषणाएँ, सिर्फ और सिर्फ नाटक। पिछले साल से एक बड़ा मेलोड्रामा नर्मदा के नाम पर चल रहा है जिसमे राज्य का खजाना खाली कर दिया गया है। पहले पांच माह नर्मदा यात्रा चली और प्रशासन ठप्प रहा, और अब 2 जुलाई को पौधारोपण के नाम पर एक माह से राज्य में सारे काम ठप्प पड़े है। कई अधिकारियों से बात की तो वे कह रहे है कि कुछ काम नही कर पा रहें , सारा समय इस नौटँकी में जा रहा है। मतलब मूर्खता यह है कि विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए महिला कर्मचारियों को जो चपरासी, लिपिक, शिक्षक, डाक्टर या प्राध्यापक है का पौधें कैसे लगाएं इसकी ट्रेनिंग पर खर्च, फिर इन्हें दूरदराज के गांव में 1जुलाई की रात पहुंचना है और रात वही रुककर अगले दिन सुबह से अ...
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