यादें माज़ी अज़ाब है या रब
छीन ले मुझसे हाफ़िज़ा मिरा !!!
जमानत के सिलसिले में सही, पर (दरअसल वास्तव में गुलशन बावरा) के लिखे मनोज कुमार की देशभक्ति भुनाने वाली फिल्म 'उपकार' के गाने (मेरे देश की धरती सोना उगले) से 'मातृभूमि' के प्रति प्रेम को परिभाषित करता फैसला कन्हैया कुमार के देशभक्तिपूर्ण भाषण पर भरोसा करने में हिचकिचाता है, न्यायाधीश महोदया का यह कहना कि उपकार से देश भक्ति सीखें..... इसी तरह से कानन कौशल संतोषी माँ के रूप में स्थापित हुई थी और अरुण गोविल श्रीराम के रूप में, दीपिका सीता मैया के रूप में.........और चैनल्स पर इन दिनों बजरंग बली से लेकर तमाम धार्मिक ग्रंथो की भरमार है, उर्दू हो, हिन्दी या, क्षेत्रीय भाषा में !!! जीसस से लेकर सारे भगवान, खुदा, और सर्व शक्तिमान मौजूद है.
यानी अब हमारी न्याय पालिकाएंं हमें फिल्मों से प्रतीक सीखकर धर्म, देशभक्ति या अन्य मूल्य सीखने को कह रही है. एक धर्म निरपेक्ष राज्य और संविधान से शासित देश में कैसे न्यायपालिकाएं अपने फैसलों में धर्म, नैतिकता और अन्य आख्यान या दृष्टांत देकर फैसलें दे रही है यह समझना हो तो पिछले तीन सालों में आये फैसलों को पढ़ लें चाहे वे स्त्री विमर्श के हो, श्रम क़ानून के, व्यक्तिगत अधिकार के मसले मसलन- भोजन, सेक्स, लिखने- पढ़ने या अन्य कुछ.
दुर्भाग्य यह भी है कि इतने बड़े देश में इतनी भीड़ में न्यायालय ही बचे है जो कोयला आवंटन, बस- रेलवे, कैटरिंग, नौकरी, इन्क्रीमेंट, सार्वजनिक कर, LGBT समुदाय के हक़, ग्रीन ट्रिब्यूनल, चुनाव से लेकर बाकि सारे काम करते है क्योकि हमारा तंत्र लड़खडा ही नहीं गया ध्वस्त हो गया है और अब देशभक्ति को सीखने - सिखाने को न्यायालय ही रह गए थे जो Doctored वीडीओ, बस्सी जैसे नापाक अफसरान और उपकार के स्व मनोज कुमार के सहारे देश भक्ति सीखा रहे है.
जो युवा पिछले दो दशकों से हमारा प्रिय भारत देश छोड़ रहे है वे मूर्ख नहीं है सही पढ़े है IITs, IIMs में, जिसे आप "ब्रेन ड्रेन" कहकर कोसते है - वे असली समझदार है; मूर्ख हम और आप है जो इस लद्दड और खंडित हो चुकी व्यवस्था में जीने को अभिशप्त है........
सही पकडे है, अब बोलना मत, थोड़ा विचारिये और मंथन करिए.......आप है कहाँ जनाब और ये सब आपका ही किया धरा है कोई मंगल या शुक्र ग्रह से नहीं आया था सिखाने को- बिगाड़ने को अब कलयुग में अवतार की प्रतीक्षा कीजिये........... एक अवतार तो आपने देख लिया महिषासुर और दुर्गा भी बस, याद रखिये हम सब भस्मासुर है ............
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LBSNAA मसूरी के पाठ्यक्रम में जब तक बदलाव नही लाएंगे तब तक बस्सी और पिल्लई जैसे सांप और संपोले पैदा होंगे।
देश हित में जरूरी है कि इसे बम से उड़ा दिया जाए ताकि नए पानी की झीर से साफ़ , निर्मल पानी आये और नवनीत जैसे उपयोगी देश के हित में बोलने और काम करने वालों की उत्पत्ति हो ना कि चापलूस, और भृष्ट ब्यूरोक्रेट्स की।
बस्सी को देश के हित में सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया जाए और उसके पेंशन उपरान्त लाभांशों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।
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नेपाल की बेरोजगारी का असर दिख रहा है, अनुभवहीन, मक्कार और उज्जड़ किस्म के चौकीदारों की संख्या देश में अचानक बढ़ गयी है, दे दो रे , इन बेरोजगार निर्लज्जों को कुछ भी काम - कुछ नही तो अपने कुत्ते घूमाने को रख लों !! ये अपना और अपने बाप का देश समझकर यहां चले आये है और कमजोर दक्षताओं और बगैर कौशल के मेरे देश की चौकीदारी करने आये है, हाँ बहुत सस्ते और रीढ़विहीन जरूर है - पर जमे रहेंगे क्योकि वहाँ कुछ काम नही है, एक निठल्लों की फौज जमा है और हर कोई अब चौकीदारी करने का बीड़ा लेकर जोश में है।
जय हिन्दू राष्ट्र नेपाल की !!!
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DM Delhi देश द्रोही है , कन्हैया से मिला हुआ है मितरो !!!!
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कितना और गिरोगे
वो तो मूर्ख है ही, पप्पू है पर तुम तो गणमान्य हो, इतने ओछे स्तर पर आ गए । शर्मनाक नही है, इतिहास में लोकसभा की बहस में इस तरह से याद कहलाना चाहोगे ? छी !!!
लोकसभा में भांड
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First time a powerful govt of second largest country got scared of 10 young students, merely because of 4 Stupid media guys and a cunning lady called Shilpi Tiwari , interestingly the govt got scared due to doctored video, what hell they talk of fighting with Pak. We cant trust these guys who bank upon photo shop and minister who speak Lie in parliament.
Still entire Modi govt got a good shock who were involved in conspiracy. Should feel shame that representing 125 cr persons is deeply involved in such a dirty work along with a team of idiots in Media and illiterate MPs, ministers and photo shop operators. A big shit on faces of ruling ones. I have read the decision as well, some points r valid but on the contrary Court is also in role of preachers and giving away non constitutional references. One can refer the recent decisions given by Hon Courts - full of preaching and religious examples, though we r a secular state. Strange but true !!!!
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आज फिर कहता हूँ कन्हैया तुम पर मुझे गर्व है, हम सब तुम्हे , तुम्हारी हिम्मत और जज्बे को प्यार करते है, We Love You #Kanhaiya
आज पूरी पुलिस, बदले वाली राजनीति, घटिया प्रशासन और सुधीर चौधरी, शिल्पी तिवारी, दीपक, रोहित और अर्नब जैसे लोग फेल हुए है।
स्मृति ईरानी जैसे बचकाना नेता शर्मसार हुए है जो बैकडोर से आये है और मोदी जैसे घाघ नेता और भाजपा जैसी राष्ट्रवादी पार्टी ने देश का महत्वपूर्ण विभाग दे दिया, ये अनुभव की कमी, बगैर पूर्वाग्रह से कह रहा हूँ, भाजपा को ले डूबेगी। मोदी जी आप फेल हो रहे है आप भाजपा के आंतरिक कलह के शिकार हो रहे है, सम्हालिए हम आपको फेल होते नही देखना चाहते क्योकि अभी कोई विकल्प भी नही है ।
दूसरा, अंग्रेजों के बनाये क़ानून की समीक्षा और उन्हें विलोपित करके आज के और आने वाले कम से कम पचास वर्षों के संदर्भ में सुसंगठित किया जाए चाहे वो 370 हो, 377 या 498 या वन क़ानून, रेवेन्यू या सीमा के क़ानून या प्रत्यार्पण के क़ानून।
इस बात को मानिए कि शिक्षा एक पूरी राजनीति है और इस बात को ध्यान में रखकर अपनी किताबें , पाठ्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण, संस्थान बनाइये, बजट का प्रावधान करिये और खर्च भी करिये, क्योकि कन्हैया के केस से देश में जो ध्रुवीकरण हुआ वह बेहद चिंताजनक है और इस सबके बाद अभी चार " बच्चे " जेल में है, उन्हें भी बाहर लाया जाए और समझाईश दी जाए। वकीलों पर हिंसा की कड़ी कार्यवाही की जाए और बस्सी जैसे गिरगिट अधिकारी जो " स्टील फ्रेम " में गढ़े जाते है उन पर नजर रखने की जरूरत है।
लोगों को अब अपने प्रेशर ग्रुप बनाकर समाज पर निगाह रखना होगी क्योकि सरकार चाहे मोदी हो या मनमोहन कुल मिलाकर लिजलिजी और टाइम पास ही होगी असंवेदनशील और एडहॉक , तो फिर हम सब क्यों भुगते ?
धैर्य रखें और मनन करें , मन की बात 17 बार सुनकर देश का नुकसान ही हुआ है। तो अब अपनी सुनें अपने घर, परिवार, समुदाय, मोहल्ले, शहर की चिंता करें, देश अपने आप ठीक हो जायेगा।
पुनश्च, #कन्हैया तुम हम सबके प्यारे, सम्माननीय रोल मॉडल और आज के युवाओं के आइकॉन हो।
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