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Showing posts from December, 2024

Khari Khari and other Posts of 3 Dec 2024

राज्य या किसी भी व्यवस्था का अर्थ ही दमन, तानाशाही और अत्याचार है, राज्य का अर्थ ही है व्यवस्था, अनुशासन या धर्म की आड़ में लोगों का शोषण करें और अपनी सत्ता बनाये रखें यहाँ राज्य से मेरा आशय सिर्फ सत्ता, सरकार से नही - वरन उन सभी जगहों, तंत्रों तथा व्यवस्था से है जहाँ निर्णय लिए जाते है फिर वो रसोइघर में करेले या पालक की सब्जी बनने का निर्णय हो या यूक्रेन को हथियारों की बड़ी खेप सप्लाई करने का हो - सरल सी बात है जहाँ निर्णय है वहाँ राजनीति है और राजनीति स्वतंत्रता की जानी दुश्मन है, घटिया और उजबक लोगों को हमने पॉवर देकर देख लिया और कितना भुगतना पड़ा है - यह हम सब जानते हैं सभी नियम कायदे और इनका गुणगान करने वाली नियमावली की किताबें हो या अनुशासन और मिशन या विचारधारा के नाम पर थोपी गई किसी सनक की ज़िद हो - सब बकवास है इसलिये मैं यह मानता हूँ कि स्वतंत्रता महज एक ढकोसला है और गम्भीर साज़िश, कोई भी व्यवस्था, राज्य या क़िताब स्वतंत्रता नही दे सकती - क्योंकि स्वतंत्रता सृजन देती है, व्यक्ति को रचनात्मक बनाती है, और रचनात्मकता या सृजनशील होने से मूर्ख और कुपढ़ व्यक्तियों की कुव्यवस्था में, कमाई के ...

Man Ko Chithtthi - Posts from 29 Nov to 2 Dec 2024

जीवन बहुत छोटा है और बहुत सरल है - जन्म और मृत्यु बस, पर दिक्कत यह है कि हम सब अपने सपनों और ज़िद के बुरी तरह से शिकार है - लिहाज़ा ताउम्र भुगतते रहते हैं और इन दो ध्रुवों के बीच से गुज़रने वाले सुगम मार्ग को कष्टप्रद बना लेते हैं #मन_को_चिठ्ठी *** यह पूरा संसार माया, प्रलोभन, अनाचार, आसक्ति, तमाम तरह की वासनाओं, और गलाकाट होड़ से भरा पड़ा है - आवश्यकता इस बात की है कि हम बग़ैर किसी से तुलना किये और दूसरों की चकाचौंध से प्रभावित हुए बिना अपने सिद्धांतों, मूल्यों और न्यूनतम आवश्यकताओं को अपनी सीमाएँ पहचानकर पूरा करते हुए जीवन के दुर्गम पथ पर चलते रहें जब लगें कि भोग - विलास और दूसरों की जीवन शैली, सुख और माया आपको बेचैन कर रहें हैं तो उस मार्ग से विमुख हो जाये, ऐसे रिश्तों को भी विलोपित कर दें और अपना मार्ग अपनी चादर के अनुसार प्रशस्त कर आगे बढ़ें - जीवन तुलना करके या नकल करके कभी सिद्ध नही हो सकता किसी का भी - यह सर्व मान्य निराली बात है और हमें ज्ञात है यह परम सत्य है कि सबका अंतिम ध्येय और मंज़िल वही है - जहाँ मैं जा रहा हूँ बाकी सब व्यर्थ है, हर कोई अपने लिये नही बल्कि अपने पीछे आने वाली पी...