आत्ममुग्धता से मै ही नही, बड़े - बड़े तीस मार ख़ाँ तक ग्रसित है और इसका उदाहरण मै तो हूँ ही परन्तु वाट्सएप्प से इंस्टाग्राम तक इस पूरी फौज के दर्जनों उदाहरण है
सबको सिर्फ शाबाशी चाहिए - लेखक हो या पत्तलकार, रेखांकन करने वाले हो या कवि - कहानीकार या प्रकाशक या कोई और , माड़साब लोग्स तो पढ़ाने के अलावा सब कर रहें है सरकार इनसे पाँच साल में चुनाव करवाती है और ये क्लास में बैठकर बच्चों के संग सेल्फी खेल रहें है और पूरी पीढ़ियाँ बर्बाद कर रहें है ऊपर से 2015 -18 में छपी और सेटिंग से पुरस्कृत सड़ी गली किताबें बेचने का धँधा चला रहे है कम्बख़्त
मतलब गजब का खेला है, बहती गंगा में धो लो सब हाथ, अरे आपने कुछ किया तो फ्री में किया या समाज सेवा की - मानदेय, पारिश्रमिक, अनुदान, फेलोशिप, रॉयल्टी कुछ न कुछ तो मिला ही होगा और कुछ नही तो बाबा आदम के ज़माने में छपा किसी कलेक्टर या पटवारी के हाथों मिला प्रमाणपत्र होगा - इसका प्रचार करने की क्या ज़रूरत है यारां, मामला गम्भीर हो रहा आजकल, मेहरबानी करके अपनी उपलब्धियों को मुझे ना परोसे प्लीज़, आप अपनी वाल पर चिपका दें पढ़ लूँगा रुचि हुई तो, मेरे मोबाइल में वैसे ही ससुरे गुड़ मॉर्निंग से लेकर भविष्यफल और जग्गी सद्गुरु से लेकर खेती - किसानी और धीरेंद्र मिश्राओं के प्रवचनों से त्रस्त हूँ - फिर एक ही इलाज बचेगा कि ब्लॉक कर दूं , और ये वादा कि मैं भी कुछ नही भेजूँगा आपको
अरे भाई अपनी वाली वाल पर चैंपकर करो ना प्रदर्शन, प्रमोशन और धँधा मेरे निज फोन में घुसकर क्यों ग़दर मचा रहे हो, नही देखना तुम्हारे पोस्टर, चित्र, रेखांकन या कविता - कहानी या और घर परिवार के चित्र, खानदान के किस्से या जिले भर के लोगों की काँव काँव या शादी की सालगिरह के घटिया फोटो या मुहल्ले के आयोजनों की यादगार तस्वीरें, मैं क्या करूँ यार - तुमने की थी 25 साल पहले शादी मेरे कूँ क्यों सज़ा दे रहे हो गुरू - खुद झेलो ना सास या बीबी को, तुम्हारा शोध पत्र छपा फेसबुक पर लगाओ लिंक, पर मेरे मोबाइल में मत भेज़ो - गाइड पटाओ वही उद्धार करेगा - मैं नही, किस चमन सुतिये ने तुम्हे पीएचडी लायक समझ लिया कि हर कॉपी पेस्ट की फोटॉकॉपी पूरी आकाश गंगा को बांट रहे हो, तुम्हारी बीबी गाती है, बेटा स्केटिंग करता है तो - करें ना, मना नही है - पर मेरे को क्या इससे, मेरे मोबाइल में वो भयंकर कर्कश आवाजें क्यो यारां , तुम्हारी नई शादी हुई तो जीवन भर हनीमून मनाओ - मेरे कूँ कायकूँ गले में हाथ डालें फोटो भेज रहें हो अधनँगे, डाल दूँ क्या किसी पोर्न साइट पर - नही समझें
जाओ भिया, जाओ यार सुबू - सुबू दिमाग़ का दही मत करो, निकल लो पतली गली से
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