आज जनपथ पर उत्तर प्रदेश ने श्रीराम मंदिर की झाँकी निकाली जो कि एक पंथ निरपेक्ष राज्य में (संविधान के हिसाब से गलत होता) किसी ने पूछा कि "श्री राम देश के आदर्श है और श्री राम की झांकी भारत मे नही तो कहा दिखाई देगी", मैंने कहा खूब निकालो, सारे भक्तों की भी निकालो पर शासकीय रुपयों को खर्च करके नही और यह भी कि सब धर्मों को मानने का हमने संविधान में संकल्प लिया है - इसलिये मरियम, ईसा, राम, कृष्ण, रावण, बाली, सुग्रीव, सारे ऋषिगण, ब्रह्मा - विष्णु - महेश, घासीदास, पैगम्बर, गुरुनानक से लेकर तेजाजी महाराज या गोगादेव सब आदर्श है, पर कल्याणकारी राज्य और पंथ निरपेक्षता इस सबसे बड़ी है क्योंकि देश "संविधान से चलता है किसी धर्म ग्रँथ से नही" - यह याद रखा जाना ज़रूरी है और यदि नही तो बन्द कीजिये लोकतंत्र का नाटक और गुंडागर्दी चुनावों के नाम पर तानाशाह घोषित कर सत्ता पर काबिज़ हो जाईये समय संविधान की उद्देशयिका को लागू करने का है, समता, स्वतंत्रता और भ्रातृत्व जैसे मूल्यों को फैलाने का है और यह जान लीजिये कि झाँकी से दिक्कत नही - झाँकीबाजों से है जो देश की गंगा - जमनी तहज़ीब को बर्बाद...
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