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Posts of 30/31 May 2019

एक पूंजीपति कामरेड से मुलाकात हुई जो धार्मिक किस्म के कॉमरेड है, अपनी बीबी को छोड़कर एक दूसरे कॉमरेड की बीबी के साथ चुहल में व्यस्त रहते है और ज्ञान के भंडार [अर्थात -कंट्रोल, कॉपी और पेस्ट] से दुनिया को लाभान्वित करते हैं
बेरोजगार दर्शाते है अपने को - ऑडी में बैठकर सिगार पीते हुए, सो अभी राष्ट्रीय सेवक संघ की एक किताब - "टुकड़ा टुकड़ा गैंग और मोदी के अस्तित्व वाद का अनुशासनात्मक अध्ययन" - सम्पादन, अंग्रेजी अनुवाद किया
अब वे "दलित चेतना और वामपंथी अनुशीलन" पर भिड़ेंगे जिसका खर्च अखिल भारतीय बावीसा ब्राह्मण और औदुम्बर ब्राह्मण समाज मिलकर देंगे
जून में कॉमरेड अमेरिका जा रहें हैं - "बंगाल में वाम राजनीति के पतन में ट्रम्प की नीतियों का रोल" का अध्ययन करने
मेरा देश महान
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अपने से छोटों को आशीर्वाद देता हूँ कि बड़े होकर रामविलास पासवान और रामदास आठवले बनें, अभी से राम की आराधना शुरू करें
दोनो ही राम से शुरू होते है एक विलासी है और दूसरे दास प्रवृत्ति के
बाकी पासवान या आठवले होने से इनकी जातियों का कुछ भला नही हुआ है और ना होने वाले है
बहरहाल , बच्चों पढ़ों लिखों मत - बस दलाली सीखो और ऐसे गुण अर्जित करो कि मोदी हो या मनमोहन हर समय हर जगह बनें रहो पूरी बेशर्मी और ढीटता से
जय हो , तुम्हारी जय हो, सदा विजय हो
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आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत...

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