लखनऊ मे एक ऐसे कॉलोनी मे
रहता हूँ जहाँ ज्यादा बड़े अफसर, पुलिस वाले और तथाकथित ओहदेदार लोग रहते है इसमे एनजीओ से लेकर डाक्टर भी
शामिल है. आज शाम को जब बिजली नहीं थी तो मेरे पड़ोस मे कुछ लोग बैठे थे जिनमे एक
डाक साब थे रिटायर्ड और उन्होंने और कॉलेज की एक मेडम और उनके इंजिनियर पति ने एक
गरीब बच्चे को इतनी जोर से तमाचा मारा कि सारे निशान उसके गालों पर आ गये.
बच्चा घर गया और अपने बड़े
भाई को बुलाकर लाया. भाई ने मेरे सामने इन तीन बड़े लोगों की जब क्लास ली तब मुझे
पता चला कि क्यों मारा. कारण यह था कि वो बच्चा इन मेडम के घर के सामने से कई बार
निकला था क्योकि उसकी आज छुट्टी थी और वो सायकिल चला रहा था, इन्हें शक हुआ कि वो दस बारह साला बच्चा चोर होगा और
इनके घर के सामने से निकला है तो कोई गहरी साजिश रच रहा होगा. उस बच्चे के भाई ने
कहा कि क्या आपके बच्चे सायकिल नहीं चलाते, क्या हमें सड़क पर घूमने का कोई हक नहीं है, बेचारे मेरे भाई आज होटल की छुट्टी थी इसलिए घर से
बाहर घूम रहे थे, वे
सुल्तानपुर के पास किसी गाँव से आये है और तेलीबाघ मे किसी दूकान पर लिट्टी चोखा
बनाने का काम करते है.
पर ये तीनों शरीफ लोग उस
पर भी चढ बैठे तब मैंने बीच बचाव किया. तब उस बच्चे के भाई ने कहा कि मै लिहाज कर
रहा हूँ वरना गालों पर जिस तरह के निशान
है मै उससे ज्यादा बेहतर निशान आपके गालों पर बना सकता हूँ और पुलिस मे
जाकर एफ आई आर करवा दूँ तो सारी शराफत रह जायेगी कल जब मीडिया मे आप लोगों की औकात
दिखेगी तो सब समझ जाओगे. यह सुनना था कि ये तीनों खिसक लिए और उससे माफी माँगने
लगे. वो भाई बोला कि मै भी इसी कॉलोनी मे रहता हूँ और आप हम मजदूरों को बेवक़ूफ़ मत समझना हम भी पढ़े लिखे है और सब
नियम कायदे जानते है, अगर
आई डी प्रूफ चाहिए हमारा तो थानेदार मांगे
आप होते कौन है यह माँगने वाले, आपकी औकात क्या है, चोर तो आप लोग है जो यहाँ महल बनाकर बैठे है गरीबों
के हक का रूपया मारकर.
भाई मजा आ गया पहली बार
ऐसा तू तडाक करने वाला दमदार युवा मिला जिसने इन तीनों तथाकथित संभ्रांतों को एक
ही झटके मे पानी पिला दिया. जियो मेरे शेर जियो.
और सच मे उस बच्चे को इस
नालायक डाक्टर ने मारा था वो बेहद गंभीर था, बच्चों पर इतने अधिकार से मारने वाला नालायक डाक्टर
मैंने पहली बार देखा है. बाद मे मैंने तीनों से कहा कि आईन्दा आप ऐसी हरकत ना करें
और यह सड़क सच मे किसी की बाप की संपत्ति नहीं है और अगर आपको डर है तो अपने घर के
आगे सिक्योरिटी लगावाईये ना कि किसी अबोध बच्चे को मारकर अपनी मर्दानगी दिखाए.
उस युवा को सच मे सलाम जो
करता तो मजदूरी है पर इतना जागरूक और स्पष्ट कि बता नहीं सकता. अगर ऐसे लोग हो
जाये तो हमारे देश की हालत सुधर सकती है.
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