Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2025

Khari Khari, Drisht Kavi, Samajik Kam Me Kya Na karen - Posts from 27 to 30 Sept 2025

समाज सेवा या वकालत के क्षेत्र में आजकल स्थानीय, क्षेत्रीय भाषाओं और लोक बोलियों को छोड़कर अंग्रेजी का "प्रकोप" बढ़ता जा रहा है, ना जाने क्यों यह कैसे शुरू हुआ कि काम दलित, वंचित या आदिवासियों के साथ करना है पर हम सारे दस्तावेज, रिपोर्ट, किताबें अंग्रेजी में लिखेंगे - छापेंगे और जनता में भी बंटवाएंगे, सारी फंडिंग एजेंसी काम भाषा बल्कि स्थानीय बोली में करने की मांग करती है पर रिपोर्ट और प्रस्ताव अंग्रेजी में मांगती है - जिसका विरोध किया जाना चाहिए दूसरा, आजकल अपने किए छोटे से छोटे काम को प्रदर्शित करने की अजीब आत्ममुग्धता बढ़ गई है, मैने इसी प्लेटफॉर्म पर देखा है कि लोग और संस्थाएं आडिट के फोटो भी डालते है, पिकनिक पर गए वो भी डालते है, और इन संस्थाओं का स्टाफ या जुगाड़ी गई फेलोशिप या तथाकथित मुहल्ले में किए काम की रिपोर्ट को AI का प्रयोग करके अंग्रेजी में इतनी लंबी लिखकर यहां डालते है कि उनसे पूछा जाए कि इसका अर्थ क्या है - वे बता नहीं सकते हमारे मप्र, छग, उड़ीसा, राजस्थान, बिहार या दूसरे राज्यों की संस्थाओं के कई दूरस्थ इलाकों के साथियों को जानता हूँ - जो आठवीं - दसवीं पास भी...

Vishal Rathore, Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts from 17 to 26 Spet 2025

ये रतलाम से ग्वालियर जाने वाली ट्रेन है - 21125 और ये है विशाल राठौर - जो ग्वालियर के कोटेश्वर में रहते है, एसी कोच B - 3 के अटेंडेंट है आज रतलाम से जब इंदौर ट्रेन पहुंची तो इन्हें अपने कोच में एक बैग मिला - जिसमें कुल तिरपन हजार रुपए थे, कोई और होता तो रख लेता पर विशाल ने टीटी को और चार लोगों को बुलाकर वीडियो बनाया, और फिर संबंधित को सूचित किया अब वे कल इसी ट्रेन से आकर रतलाम में यह रूपया जमा करेंगे और संबंधित को पुलिस की मौजूदगी में देंगे ईमानदारी क्या होती है इस बारहवीं पास बच्चे ने सिखाई - जिसे हर माह मात्र आठ हजार मिलते है, कल कोई दस यात्री चादर उठाकर ले गए - जिसकी कीमत इन्हीं के आठ हजार के वेतन से अभी एक अक्टूबर कटेगी, ठेकेदार भी पूरा ईमानदार है, हर माह दो हजार कट जाते है - क्योंकि एसी में बैठने वाले हम कुलीन, संभ्रांत लोग नेपकिन - चादर घर ले जाते है चोरी से, एक मित्र ने एक बार कम्बल चोरी किया था पर बाद में ग्लानि होने पर एक तंग बस्ती में दे आया था बहरहाल , हमें माल्या या अंबानी अदाणी नहीं - विशाल जैसे करोड़ों लोग और युवा चाहिए जो "झेन जी" का असली अर्थ जानते है शाबाश वि...

Khari Khari, Man Ko Chithti and other Posts from 14 to 17 Sept 2025

जिंदगी में शातिर, चतुर और घाघ लोगों की कभी भी कोई मदद मत करो, ये वो लोग है जो आपके कंधे पर रखकर ना मात्र बंदूक चलाएंगे - बल्कि आपका इस्तेमाल करके अपने लिए अभेद्य किले बनाकर सुरक्षित हो जायेंगे, बेहतर है इनके साथ जितना बदतर व्यवहार हो सकता है - करो और अंत में इन्हें ऐसे चौराहों पर लाकर पटको कि ये कोई भी दिशा चुनने लायक नहीं रहे इसके बजाय उन लोगों के लिए अपनी जान दे दो - जो सहज है, जो पारदर्शी है, जो आपसे लड़ते - भिड़ते रहते है और अक्सर आपके नुक्स निकालकर आपके संग - साथ बेफ़िक्री से बगैर किसी उम्मीद और भरोसे के चलते है #मन_को_चिठ्ठी *** हम सब चुन सकते है - दोस्त, यार, योग, क्षेम, अवसर, चुनौतियां, सुख, कष्ट, अवसाद, पीड़ा, स्वर्गिक लोक, सुविधाएं, मौके, ख़ुशी, हास - परिहास, पर जन्म और मृत्यु चुनने का अधिकार हमारा अभी नहीं है और इसलिए तमाम प्रलोभनों, विस्तार, समझ और बुद्धि चातुर्य के बाद भी हम बेहद कमज़ोर और नाकाबिल है - जीवन सिवाय अस्थिरता, अनिश्चितता और रिस्क के कुछ नहीं, दूसरों को मूर्ख साबित कर स्वयं को श्रेष्ठ साबित कर हमारा साम्राज्य बनाने का ध्येय निहायत ही बचकाना प्रयास है, हममें से ...