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Showing posts from May, 2024

Panchayat Review, Khari Khari, Man Ko Chiththi - Posts from 26 to 31 May 2024

73 वें सँविधान संशोधन अधिनियम को 23 अप्रैल 1993 को संसद ने पास किया था और मप्र पहला राज्य बना था जिसने इसे लागू किया था इसके क्रियान्वयन के बाद मैंने तत्कालीन पंचायत सचिव श्रीमती अनिता दास, यूनिसेफ के राज्य प्रभारी मनु कुलकर्णी और कुछ संस्थाओं के साथ मिलकर पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण मॉड्यूल का लेखन, परीक्षण और फिर उन्हें फाइनल करने में महत्वपूर्ण काम किया, बिंदिया थापर ने बहुत सुंदर चित्र बनाएं थे - किसी को याद हो तो, बाद में मैंने एक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसी के राज्य प्रमुख का दायित्व निभाया और देश के अलग - अलग राज्यों में 50 हजार से ज़्यादा महिला जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि का काम किया जिस तरह से इस पंचायत राज्य अधिनियम में 29, 30 विभागों को पंचायतों को सौंपा गया था और जिस विकेन्द्रित विकास की क्रांतिकारी परिकल्पना की गई थी, वह तो सरकारों ने ध्वस्त कर दी और पंचायतों को कमज़ोर कर दिया , आज पंचायती राज में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, घटिया राजनीति, लड़ाईयां, सांप्रदायिकता, गैर जवाबदेही जिस तरह से बढ़ी है - वह बेहद निराशाजनक है, प्रशासन आज भी हावी है और पँच, सरपंच ...

Khari Khari, Drisht Kavi, Man ko Chiththi and other Posts from 24 to 26 May 2024

"किसी के तुम हो, किसी का ख़ुदा है दुनिया में मेरे नसीब में तुम भी नहीं, ख़ुदा भी नहीं" ◆अख़्तर सईद ख़ान ____ उतरते चाँद की अदाएँ बेहद मासूम होती है और चेहरे पर कोई शिकवा-गिला भी नही, मालूम है ना उसे जल्दी ही उरूज़ पर फिर होगा मीर कहते है ना - "गली तक तेरी लाया था हमें शौक़ कहाँ ताक़त के अब फिर जाएँ घर तक" #मन_को_चिट्ठी रात 01.39 *** कल सुबह नींद खुल जाए तो पहले आँखें मिंच कर देखना कि क्या सच में एक सुबह और मिली है जीने को, क्या मेरे आसपास मैं चिड़िया, कौवे, टिटहरी की आवाज़ सुन सकता हूँ, कबूतर की गुटर गूँ सुन सकता हूँ, चींटियों की कतार देख सकता हूँ, किसी गिलहरी को शैतानी करते देख सकता हूँ, एक बछड़े के रम्भाने की ध्वनि पहुंचती है मुझतक, क्या आसमान से गुजरते पक्षियों को देख सकता हूँ, क्या सड़क पर गाड़ियां आ जा रही है और लोग चलते-फिरते नज़र आ रहें है, मेरी देह से सटे मेरे पैर सक्षम है अभी किसी वामन की तरह दुनिया नापने को और मेरे हाथों की पकड़ में है वो सब जो लालायित करता है जीने की अभीप्सा हेतु उठना आहिस्ते से, एक चिकोटी काटना इस देह पर अपनी और फिर अपने-आपको एहसास दिलाना कि य...

Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts from 13 to 24 May 2024

  लोग कहते है और आज फिर किसी ने कहा कि भाप्रसे के कोई लोग परिचित हो तो आपके कोई भी काम निर्विघ्न सम्पन्न हो जाते है कितने मुगालते में जीते है लोग - कौनऊ मल्लब ना है भाया , 10 साल में ई देख लिया, एक दो भले लोग थे बाकी के तो यूज निकले यहाँ दर्जनों परिचित है , तीन-तीन चीफ सेक्रेटरी तक आजमा लिये, प्रमुख सचिव से एडीएम तक पर धेले भर के काम नही कर सकते ये लोग और इनकी भी मजबूरी है बापड़ो की, इससे बेहतर तो किसी बाबू को सिर्फ़ चाय पिलाकर आप सत्ता हासिल कर सकते हो या असम्भव को शब्दकोश से बाहर फेंक सकते हो होता उल्टा है, जितने परिचित उतने नियम कायदे और प्रक्रिया एवं ज्ञान बहुत ज़्यादा, साला आम आदमी बेहतर जो दिल्ली या प्रदेश की राजधानी जाता है सुबू की बस से और ले देकर डंके की चोट पर काम करवाकर कागज़ हाथ मे लेकर सीना फुलाये लंच तक अपने गांव - कस्बे के लिये निकल आता है इनको दूसरे ज़्यादा जमते है - जैसे बकर बिहारी या रागिणी गाने वाले जाट, फर्जी किरान्तिकारी और कॉपी पेस्ट लेखक, छर्रे और छर्रों के गुरू घण्टाल और ज्जे उनको गाड़ी घोड़ा, भजन - भोजन करवा देंगे, समय देंगे भरपूर, पिज़्ज़ा चबवा देंगे, क्या कहते है ...

Khari Khari and Kuchh Rang Pyar ke - Posts from 2 May to 13 May 2024

केजरीवाल को कल छोड़ा ही इसलिये गया कि जब सारे मुद्दे फेल हो गए है और मन्दिर, मस्ज़िद, 370, तीन तलाक, हिन्दू - मुस्लिम या अयोध्या अब नही चल रहा तो वो बाहर आये और कांग्रेस का सत्यानाश करें जैसे गुजरात में किया था, वोटिंग प्रतिशत कम है और 400 पार की संभावनाएं धूमिल होती जा रही तो इस नए जोकर को मैदान में उतारा है, सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस आदि से मिलने पर रोक लगाई है पर यह तो रोड़ शो तक कर रहा आज हनुमान भक्त केजरी ने "मोदी नही - अमित शाह प्रधान बनेगा" कहकर मोदी और भाजपा के प्रति निष्ठा दिखा दी, हनुमान हो तो ऐसा, मोदी की पब्लिक इमेज खराब हो रही थी और लोकतंत्र की परंपराओं की हत्या करते हुए केजरी ने भाजपा के एजेंडे को चुनाव पूर्व ताक पर रखकर प्रधान घोषित कर जनता की सहानुभूति बटोरने में टेका लगा दिया, यह जनमानस पर जबरन थोपने जैसा है दूसरा यह भी लगता है कि केजरीवाल को सुरक्षित रखने के लिये ही जेल में रखा गया है, ज़मानत पर सिसौदिया और सत्येन जैन को क्यों नही छोड़ा जबकि ये दोनों तो लम्बे समय से जेल में बन्द है, केजरीवाल को इस समय इन्हीं अपने लोगों से शायद खतरा था क्योंकि सारी पोल पट्टी खुलने का...