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Sandip Ki Rasoi and Manoj's wife in UP Severe Death - Post of 12 March 2024

एकदम सादा भोजन
मुम्बई का वडा पाव
अब विधि मत पूछियेगा
आज बहुत दिनों बाद हाथ साफ किये रसोई में





***
भ्रष्ट और लापरवाह है डबल इंजिन की सरकार यूपी में
◆◆◆
यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी खराब है कि कहा नही जा सकता और देश की डबल इंजिन सरकार अपना काम बड़े भौंडे ढंग से दिखा रही है
मुम्बई में हमारे ड्राईवर मनोज की गर्भवती पत्नी की कल मृत्यु हो गई
मनोज प्रतापगढ़ के पास के किसी गांव के रहने वाले युवा है और मुम्बई में ड्राईवरी करके परिवार पालते है, उनकी दो छोटी बेटियां है - एक दो वर्ष की और दूसरी एक वर्ष की, हाल ही में उनकी पत्नी को डेढ़ माह का गर्भ था, कल दोपहर मनोज ने घर फोन लगाया तो पता चला कि पत्नी की तबियत खराब है और ब्लड प्रेशर कम हो रहा है
गांव से केस को प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया, पर वहाँ ले जाने पर पता चला कि डॉक्टर नही और ऑक्सीजन भी नही थी, सो उसकी पत्नी को प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया
पत्नी की हालत खराब होते जा रही थी, आख़िर घर के लोगों ने गाड़ी करके प्रयागराज ले जाने का फ़ैसला किया परन्तु होनी को कुछ और ही मंजूर था, थोड़ी दूर जाते ही रास्ते में मनोज की पत्नी का निधन हो गया
मनोज कल सारा दिन बदहवास से फोन पर लगे रहें, घर वाले परेशान होते रहें, निधन की सूचना मिलने पर क्या हालत हुई होगी यह कल्पना करना कितना मुश्किल है, बाद में भतीजे ने उसका फ्लाईट का टिकिट किया और उसे घर भेजा रूपये आदि देकर
उसकी दो छोटी बच्चियों का और उसकी इस हालत के लिये कौन ज़िम्मेदार है - डबल इंजिन की मक्कार और भ्रष्ट सरकार या ये पूरा तंत्र
शर्म क्यों नही आती इन बीमारू राज्य के प्रधानों को और दिल्ली को, क्या मनोज की पत्नी की मौत हम सबके के लिये चुनाव का मुद्दा है, क्या अरबों रुपये चट कर जाने वाले NHM या ब्यूरोक्रेट्स के लिए इस एक मौत से फर्क पड़ेगा
कल देश का प्रधान अरबों रुपये का शिलान्यास करके बेवकूफ बना रहा था पूरे राज्य को और ढोंग करके तस्वीरें परोस रहा था - शर्मनाक है कितना, हर जगह भाजपा राज्य में यही ढकोसला है - देवास के जिला अस्पताल में दवाईयां नही है मनमर्जी से खरीदी की जा रही है और कोई सुनने वाला नही है
क्यों ना CMHO, DM प्रतापगढ़ को सार्वजनिक रूप से कौडे मारे जाए और सम्बंधित सांसद, विधायक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को उम्र क़ैद की सज़ा दी जाये
मनोज हमारे परिवार के सदस्य की तरह था और उसके गम में हम सब शामिल है पर देश और उसके सँविधान को कोई फर्क नही पड़ता, बराबरी और गरिमा का कोई अर्थ नही है यह सब चोंचले है फंड जुटाने और विधि वेत्ताओं की दुकान चलाने के , हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट महज पाखंड है और बेहद मजबूर जो सिर्फ़ अम्बानी अडाणी और नीच सरकारों का साथ देते है
डूब मरो

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