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Showing posts from December, 2020

Posts of 29 to 31 Dec 2020 Drisht kavi, Sandip ki Rasoi

हम सब अपने बनाये हुए जाल में किसी चूहे की भांति फँस जाते है, एक ऐसे जाल में जो किसी भी प्रकार का खतरा दिखने पर अपनी मरम्मत करता है और अंत में जाल के उस छेद को भी बुर देते है जो हमें भागने में मदद कर सकता था और बेहतर जीवन जीने को सक्षम बना सकता था साल 2020 एक ऐसा ही छेद था पर हम फिर फँस गए है और हमारे अस्तित्व पर संकट गहरा गया है, आईये हम कुछ करें ताकि इस जाल को काटा जा सकें हिम्मत नही कि कह सकूँ साल 2021 की मंगल कामनाएँ , फिर भी दोस्तियां, यारियां, दुश्वारियाँ, दुश्मनियाँ बनी रहें - संवाद बना रहे स्नेह, दुलार, सम्मान और दुआएँ [ तटस्थ ] [*बुर का यहां अर्थ है 'भरना' - जैसे गढ्ढे को बुरना - मालवा में इस्तेमाल होता है बहुतायत में ] *** "कितनी कविताएँ छपी पिछले बरस"- मैंने पूछ लिया लाईवा से " सत्रह हजार थी कुल - जिसमे से मैंने पत्नी को ग्यारह हजार लाइव के माध्यम से सुनाई, बाकि किसी ने घास नहीं डाली, दो हजार नौ सौ बारह संपादकों को भेजी थी - बस तीन छपी , पांच हजार के वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डाले - नौ लोगों ने देखें और दो लाईक भी आये...." " चुप कर बै , मैंने ...

Khari Khari, Drisht kavi, Posts from 7 to 30 Dec 2020

  कुछ शहर जबरन ओव्हर रेटेड हो जाते है क्योंकि वहां कुछ लोग रहते है - जो अतिशयोक्ति में सब कुछ लिखते पढ़ते है, जबकि हर शहर, कस्बा या गांव या दुनिया के देश भी आजकल ग्लोबल है और लगभग समान हर जगह हर सामान मिलता है,भारतीय सन्दर्भ में नदी, मन्दिर, मन्नत, मूर्खताएँ, मगज के लड्डू और मनमांगी चीजें सहज उपलब्ध है रहा सवाल संस्कृति का तो वो गाली गलौज की हो या पांव पड़ने की - उसमे समय बर्बाद करने से कोई मतलब नही, सुविधाओं और कला की गुलामी करने वाले या कला के बंधुआ हर जगह उपलब्ध है - बशर्तें कौशल और दक्षता में दम हो किसी की, मालवा के हर गांव में कबीर है और बुंदेलखंड के हर गांव में आल्हा ऊदल गाने वाले पर बेचारे वो क्या करें उनमें से एकाध चतुर बेचने वाला बन गया बाकी सब अनुयायी, हर गांव में कलाकार और लेखक है - बस कोई चतुर सुजान व्यापारी बन गया , बाकी तो हम इक उम्र से वाकिफ़ है देवास का गुणगान मैं भी करता था पर देवास जिनके पुण्य प्रताप से दुनिया में आबाद, विख्यात, या कुख्यात था - उन्होंने तो देवास का कभी भला ना किया - सिवाय लोगों को गुलाम या बेवकूफ बनाने या इस्तेमाल करने के - चाहे फिर राजे रजवाड़े हो, क...

Khari Khari, Krishi bil, Training on Health, Story idea - Posts of 3 to 7 Dec 2020

  महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के अध्यापन विभागों का कोई ठिकाना नही है, पढ़ाई हो नही रही और तथाकथित बुद्धिजीवी प्राध्यापक गण मजे से डेढ़ से ढाई लाख तनख्वाह ले रहे है गत 10 माह से अबकी बार तो कॉपी भी जाँचना नही पड़ी - बड़ी बेशर्मी है साहब तंत्र में - दिनभर प्रवेश प्रक्रिया के नाम पर फ़िजूल वक्त बर्बाद कर रहें है समोसे खाते है, गपशप,घटिया स्टाफ रूम की राजनीति और घर -मक्कारी और हरामखोरी का दूसरा नाम सरकारी नौकरी है क्या शासन को ऑनलाइन कक्षाओं को लेने के अनिवार्य आदेश नही देने चाहिए, राज्य शासन ने फीस तो भरवा ली पूरे साल की, और मप्र के विश्वविद्यालयों ने अभी तक परिणाम भी नही दिए है, लॉ के परिणाम बीसीआई के कारण रुके पड़े है पूरे कुएँ में भांग पड़ी है और सब मस्त है और हम चाहते है कि हमारे यहां विश्व स्तर की पढ़ाई हो, रैंकिंग में पहले 100 में आये हम लोग क्या करें #शिवराजसिंहजी #मोदीजी ? कोई हल, सुझाव है या घँटे, घड़ियाल और थाली पीटते रहें, दीये जलाते रहें, बंगाल चुनाव का प्रचार करने चले क्या, महाविद्यालयों के प्राचार्य, लीड कॉलेज के प्राचार्य, एडी, जेडी और तमाम ब्यूरोक्रेट्स जो उच्च शिक्षा क...

Posts of 2 Dec 2020

आज मुझे लगा कि सोनू सूद, आमिर खान, मृत सुशांत का परिवार, शाहरुख खान, कंगना, रिया, सोनाक्षी, अमिताभ, धर्मेंद्र, कपूर खानदान, सांसद किसान सन्नी देओल, स्वप्न सुं "डरी" हेमामालिनी, प्रेयसी मीरा रेखा और अनुराग कश्यप से लेकर (अ)प्रकाश झा तक के ज्ञानी, समाज विश्लेषक और परम बुद्धिजीवी समुदाय किसानों के लिए लंगर खोलकर सेवा कर रहे है, सबको परोस रहें है और सेवा में जुटे है इन सबने अरबों रुपया कमाया है - इन्हीं सबको अपने ज्ञान और विलक्षण कल्पनाशीलता से समाज की, खेती की, गैर बराबरी को बदलने की तकनीक सीखाई है "मेरे देश की धरती सोना" उगले टाईप देशभक्ति के गानों से भक्ति की अलख जगाई है तो अब बेचारे कर्ज़ अदा कर रहें है नमक और गेहूँ की बाली का और सरसों के साग का अफसोस और सुबु सुबु नींद खुल गई उस गाड़ी की आवाज़ से जो कर्कश स्वर में चिल्ला रही थी - "गाड़ी वाला आया जरा कचरा निकाल" , फिर सो गया कि कचरा तो बनारस में होता है यहाँ कहाँ - मप्र में तो किसान के बेटे और हम सबके लाड़ले मामा का राज है जो जमीनी सिंधिया के समर्थन से मुखिया बने है, वो महान सिंधिया जिसने चंबल में किसानों को अरब...