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Showing posts from January, 2025

Man Ko Chiththi Posts from 25 to 31 Dec 2025

समय जब बीतते जाता है तो हम बार - बार पलटकर देखते है और पाते है कि जीवन एक बोझ ढोते हुए बड़ी जिम्मेदारियों के साथ बीत गया, हमने कभी सोचा भी नही था कि यह सब इतना सहजता से गुज़रता जाएगा कि हम एक दिन जब ठिठक कर रुकेंगे और देखेंगे तो पता चलेगा कि सब कुछ व्यर्थ हो गया, पचास -साठ साल बर्बाद या सार्थक होकर निकल गये - हम परिवार में रहें, अकेले रहें, झुण्ड में, या निपट अपने भीतर धीरे-धीरे खत्म होते रहें - दाये हाथ को कभी मालूम नही पड़ा कि बाये हाथ ने कब जिम्मेदारियाँ ओढ़ ली और एक सर्द खामोशी से सब कुछ यंत्रवत हो गया और अब जब वक़्त गुज़र गया है तो तमाम आरोप - प्रत्यारोप, बेईमानी - ईमानदारी, सच - झूठ, भीड़ और एकाकीपन, आवाज़ों और गहन सन्नाटों के बीच हम इतने बेबस हो गए है कि अब कुछ कहने या सुनने का मन नही करना अपने जीवन पर लगे तारीफों के पुल या इल्ज़ामों के लिए कोई प्रतिउत्तर नही, कोई अनुतोष नही चाहते, अपने कामों और निर्णयों के लिये किसी भी प्रकार की प्रतिपुष्टि नही लेनी और ना ही ज़िन्दगी के कटघरे में खड़े रहकर किसी भी तरह की स्व- संस्तुति देनी है, अब जीवन या सब कुछ, कर्म और अकर्मण्यता फेल - पास, महल - अटारी, ...