|| त्वमेव माता - पिता तुम्ही हो || अधेड़ उम्र में आकर पत्नी से तलाक हो गया, जब आखिरी दिन कागज़ अदालत में साइन हुए तो दस साल का बेटा आसमान ताक रहा था, उसने सिर्फ इतना पूछा कि माँ अब हर हफ्ते पापा जब मिलने आयेंगे और बाहर घूमाने ले जायेंगे तो मुझे डाँटोगी तो नही ना, आजकल वह एक स्त्री के साथ लिव इन में रहता है, उसका त्याज्य बेटा बड़ा हो रहा है, उसकी जरूरतें बढ़ रही है पर यह अभागा बेरोजगार बाप कुछ भी नही दे पाता, अब वो रविवार को मिलने से कतराता है , "कोविड में मर जाता तो बेहतर रहता पर एक दिन सब खत्म कर दूंगा" - यह कहकर वह लौट जाता है मेरे घर से ___ 20 बरस का हो गया है वो, आठ बरस का था तो माता पिता का देहांत हो गया था, एक बड़ा भाई था जो फ़ौज में था वो लड़ाई में मारा गया कारगिल के समय , दादी भी यह सब सह नही सकी और गुज़र गई - मौसी मौसा उसे उठा लाये और जब तक वह 18 का होता , उन्होंने प्रोपर्टी बेच दी और इसे वृंदावन भेज दिया पढ़ने, अब बीस का है और सब समझता है और मौसी के घर आना नही चाहता - वहां कृष्ण भक्ति, ड्रग्स और चालो में पड़ गया है, फक्कड़ हो गया है, सुना है विदेशी लोगों के साथ रहकर उसके शौक...
The World I See Everyday & What I Think About It...