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Showing posts from November, 2016

लेपटॉप बाबा के आश्रम "कबीर कुल" में पत्रकार Navodit Shaktavat

लेपटॉप बाबा के आश्रम "कबीर कुल" में पत्रकार   Navodit Saktawat ***** भाषा और समझ के स्तर पर पत्रकार होना और व्यक्ति, भाषा, दुनियावी समझ के साथ धर्म, राजनीति और व्यवहार के स्तर पर पत्रकार होना एकदम भिन्न है। संगीत की अदभुत जानकारी, माइकल जैक्सन से लेकर कर्कश कुमार उर्फ किशोर कुमार , लता मंगेशकर और बाकी सबके बारे में तर्क और विश्लेषण करने वाले नवोदित इन दिनों इंदौर में काम कर रहे है। जीवन की दूसरी नौकरी करने वाले इस युवा की दुनिया, साहित्य और मीडिया को लेकर गहरी पैठ और समझ है।  वे कहते है कि बार बार नौकरी बदलना भी एक तरह का प्रोफेशनल प्रोसटीट्यूशन है इसलिए बारह साल भास्कर में काम किया और अब नईदुनिया जागरण में संतुलन बनाकर नौकरी कर रहे है। पिछले तीन चार वर्षों से इस आभासी दुनिया में दोस्ती थी पर मिलना आज हुआ जब वो घर आये और बहुत तसल्ली से देर तक अनुभव बाँटते रहे बतियाते रहे। राजनीति पर आकर बातचीत ख़त्म तो नही पर आगे मिलने और विस्तृत विश्लेषण के वादे पर रुकी। जाते समय मेरे कमरे की तारीफ़ इतनी की और फोटो खींचे कि मैं लगभग शर्मिंदा हो गया और इतना ही कहा कि अपनी जरूरतों क...

Waseem, Karmuram and Super - Three Successful Cases of Changing Chhatisgarh

Waseem and CG state  राशिद बस सर्विस, अम्बिकापुर और बलरामपुर, अभी उन्नीस बरस के हुए वसीम के वालिद की है - जो गैरेज भी चलाते है, और बसों के साथ अन्य कई कारोबार भी है। वसीम ने बी ए पहला वर्ष पास होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और बसों का काम देखने लगे, रोज 500 किमी तक बस के साथ आते जाते है और चोखा हिसाब रखते है। " आधा रुपया थानों और आर टी ओ में बंट जाता है" वसीम कहते है। बस के साथ अगरबत्ती के प्रोडक्शन का काम भी देखते है थोक का, जब मैंने कहा कि अगरबत्ती तो बोला अल्लाह ने बुतपरस्ती को मना किया है ना कि ध ंधा करने को, गलत काम नही करता बस, ब्याज नही लेता मैं। नोट बन्द होने के क्या असर है पूछा तो कहते है नोट बन्द होना ठीक है, पर बड़े लोग तो पहले ही सेटिंग कर चुके है और अब आम लोगों को दिक्कत है, बस में हम आदिवासी लोगों को बिठा नही पा रहे, क्या करें ना छुट्टे है - ना बड़े नोट। बाजार से चिल्लर भी गायब है अब तो आदमी क्या करें अब। वसीम कहते है छग में अगला चुनाव भाजपा ही जीतेगी क्योकि यदि जोगी को तीस और कांग्रेस को तीस वोट मिलेंगे और भाजपा वाले को चालीस भी मिले तो सरकार बन ही जायेगी...

Demonetization यानी नोट बंदी पर कुछ फूटकर नोट्स

50 % काली कमाई को आयकर विभाग में जमा करो सुबह 11 बजे जाकर, प्रमाणपत्र लो 250 रूपये में मॉल के पी वी आर में राष्ट्रगीत सुनकर "सैयाजी से ब्रेक अप कर लिया" " मैं कमली हो गयी यार" "जग घूमिया थारे जैसा ना कोई" टाइप गाने का लुत्फ़ उठाओ डेढ़ बजे घर लौटो दो चार कुत्तों को कुचलते हुए और लाईंन में खड़े टुच्चे नागरिकों को देखते हुए शाम को सच कहता हूँ एकदम राष्ट्रभक्त टाइप फीलिंग आती है भगवान कसम रात को थ्री चीयर्स फॉर सरकार राज !!! 29/XI/16 आमात्य जी जी महामात्य ? ये काला धन 50-50 तर्ज पर इकठ्ठा कर रहे हो क्या राम मंदिर बनवाया जा रहा है ? महामात्य, सीमा में रहे और चुपचाप अपना बुढ़ापा काटें, फ़ालतू बात ना करें आप लोग, अंदर जाईये, पूज्य अम्बानी जी और अडानी जी उष्ण पेय पर अर्थ और अर्थ नीति की चर्चा करने आते ही होंगे, मुझे राजधर्म का पालन करने दें। रघुकुल रीत, राम और एक वचन की बात करने वाले इतनी बार रोज बदलेंगे कि खुद को भी याद नही रहता कि क्या कहा था थोड़ी देर पहले। और यह 50 - 50 का बंटवारा किसी ठग या दलाल से कम है क्या और एक लोक कल्याणकारी रा...

मध्य प्रदेश स्थापना दिवस 1 नवम्बर, लोकतंत्र और 1 नवम्बर की पोस्ट्स

यह आस्थाओं, विश्वासों और मूल्यों के चूक जाने का विक्षप्त समय है जहां लोकतंत्र में मुझे अपने ही मत और मत देने के अधिकार पर अब शक शुबहा होने लगा है और मैं कुछ बेहतर या किसी से थोड़ा ठीक मानकर सरकार को चिन्हित करता हूँ, लोग चुनकर आते है, संविधान की कसम खाते है जो कहता है कि जाति, धर्म, उम्र और लिंग के आधार पर भेदभाव रहित समता मूलक समाज के निर्माण के लिए जनता के चुने प्रतिनिधि कार्य करेंगे और वैज्ञानिक चेतना के प्रसार में संविधान के दायरे में रहकर यथा कार्य, न्याय पालिका और विधाय िका को सशक्त करने ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पर अब मेरी जब से यह समझ बनी है कि सरकार, संविधान और लोक क्या है, पंथ निरपेक्षता क्या है - तब से सारी प्रक्रियाओं पर से विश्वास उठ सा गया है। एक ओर मेरा देश है जो करोड़ो साल पुराना सुसंस्कृत और ज्ञान विज्ञान से भरपूर है वही कोलम्बस के द्वारा खोजा गया अमेरिका है या दूसरे छोटे देश है जहां लोकतंत्र में इतना खुलापन, पारदर्शिता और धैर्य है कि हरेक नागरिक को कम से कम अपनी बात कहने सुनने की पूरी आजादी है। चुनाव में हमने नोटा का भी प्रयोग करके देखा, राइट टू कॉल बेक ...