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Showing posts from December, 2023

Three of Us, Khari Khari , Drisht Kavi and other posts from 23 to 30 Dec 2023

Three of Us के बहाने से विरेचन व्यथा 31 Dec 23 नही देखी तो देख लीजिये शेफाली शाह और जयदीप एहलावत का उत्कृष्ट अभिनय और स्वानन्द किरकिरे का पूरक और अवास्तविक हल्का - फुल्का अभिनय देखने योग्य है यह फ़िल्म स्मृतियों के झंझावातों के बीच जीवन खोजने की एक मुक़म्मल कोशिश है और डिमेंशिया को आइना दिखाकर पुराने प्रेम को नये संदर्भों में पुनर्जीवित करने की संभावना है पर सांसारिक व्यवधान अपनी जगह बदस्तूर है जैसे लगता है कि हवा में चलता झूला वही रूका रहें, किसी रोप वे पर चलता हिंडोला स्थाई रूप से ठहर जाये और हम नश्वर संसार के संग अपने प्रिय को निहारते ही रहें एक पुराने क़स्बे में ज़िंदगी का जवान होना और भगदड़ तथा शांति के बीच शेष समय में बस हम सिर्फ़ खुशी से जीना चाहते है बग़ैर किसी दाँव पेंच के और इस सबमें कोई दोस्त, कोई माशूका या आशिक मिल जाये तो फिर और कुछ कहना - समझना बेमानी है अफ़सोस कि जीवन वैसा होता नही - जैसा हम चाहते है, हम सबको जीवन एक बार पुनः अतीत में ले जाता है और तब हमें खुले दिल से माफी मांग लेनी चाहिये - ताकि शेष जीवन हम पश्चाताप की अग्नि में ना जलकर हम सामान्य हो सकें और शायद फिर कभी पलटकर ...

Sad Demise of Dr Madhuri Londhe and other Posts from 17 to 22 Dec 2023

देवास ने आज एक बेहतरीन डॉक्टर खो दिया डॉक्टर माधुरी लौंढे , कृष्णपुरा की रहने वाली और कवि कालिदास मार्ग पर क्लिनिक डॉक्टर शरद और डॉक्टर माधुरी जी इतने सज्जन और व्यवहारी कि कहा नही जा सकता, मराठी परिवार के संस्कार और परंपराओं में यकीन रखने वाले सेवाभावी दम्पत्ति को कौन भूल सकता है भला उनकी तीनों बेटियों को पढ़ाने का सौभाग्य मिला स्मिता, मीनाक्षी और अश्विनी और तीनों के लिये वो अक्सर स्कूल में मिलने आते थे, दोनों उस समय मात्र दस रुपये फीस लेते और दवाई के नाम पर घर की ज्यादा चीज़ें इस्तेमाल को कहते जैसे अजवाइन, हल्दी, शहद या सौंफ जैसी ; दवाओं और दवाओं के ख़िलाफ़ थे और बहुत ज़्यादा आवश्यकता होने पर ही अपने पास से आये सेंपल की दवाएं मरीज़ को दे देते थे, अस्पताल में हमेंशा उपलब्ध रहते थे माधुरी ताई इतनी सौम्य और शांत थी कि विद्वान होने के बाद भी कभी वो तर्क नही करती थी, शुरू में तो मैं उनसे बायलॉजी विषय को लेकर बहस करता था पर जब बाद में किसी से मालूम पड़ा कि वो डॉक्टर है तो फिर बोलती बंद हो गई , डॉक्टर शरद साहब अप्रतिम मज़ाकिया और हर विषय पर गम्भीरता से अपनी बात रखने वाले थे मैं कक्षा 6 से 10 तक विज्...

नये साल के संकल्प - Posts of Dec 2023

सबसे आसान शब्द और व्यवहार है "प्रेम" - जन्म के पहले से हम जिस जज़्बे और सम्बन्ध में पले - बढ़े और रचे - बसे, वही ज़िंदगी का सबसे मुश्किल सफ़र रहा, जिसे वो ढाई आखर कहते है, जिसे दुनिया जादू का खिलौना कहती है, जिसे पाने और खोने के लिये सात जन्मों का मिथ स्थापित किया गया, जिसे संसार का सबसे बड़ा युद्ध कहा गया और जिसके होने से सारी खुशियाँ और उपलब्धियों पर विजय पाई जा सकती है - वह प्रेम निज जीवन का सबसे बड़ा संताप और अवसाद साबित हुआ और यही से त्रासदी की शुरूवात हुई कहते है हर जीवन की अपनी सीमाएँ, कहानियाँ और यात्राएँ होती है और यह सब समझना इतना मुश्किल है कि बहुधा हम किसी और को तो दूर अपने आप को ही नही समझ पाते, हम सब कुछ करते है पर अपने आप से भागते है, दो पल का एकांत हमें डसता है और जब इसका मूल कारण खोजते है तो पाते है कि हममें जो रिक्त रह गया, जो अकिंचन था, जो असिंचित रह गया, जो अधूरा था, जो अलौकिक था - वो प्रेम था जिसका पौधा तमाम खाद - पानी, धूप - मिट्टी और सुंदर परिवेश के बाद भी चेत नही पाया भाग्यशाली है वो जिन्होंने सत्तर - अस्सी बरस की छोटी सी विकास यात्रा में प्रेम के सम्पूर्ण ...

Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts related to MP Election Results from 10 to 17 Dec 2023

"सुनिये, एक लिंक और सन्देश आपको मैसेंजर और वाट्सअप पर भेजा है" - उधर लाईवा था "क्या है इसमें" - मैंने पूछा "मेरी किताब की लिंक है, अमेजॉन वाली, आप क़िताब मंगवाये, पढ़े और समीक्षा करें " - लाईवा चहक रहा था "जा बै, रुपये मेहनत से कमाता हूँ, तेरी घटिया किताब खरीदने के लिए ये रूपया बर्बाद नही करूँगा, निकल, और अब मैसेज भेजे तो ब्लॉक कर दूँगा और ट्रोल करूँगा वो अलग, समझा" जवाब देकर फोन काट दिया #दृष्ट_कवि *** कैलाश विजयवर्गीय का आडवाणी हो जाना ●◆● बंगाल चुनाव में हार का ठीकरा कैलाश विजयवर्गीय जी पर फूटा था, चुनाव में निपटाने के हिसाब से उन्हें उतारा था भाजपा ने, पर जीत गए, पर अब मुख्य मंत्री बनने का सपना आडवाणी जी की तरह सपना ही रह गया, इंदौर में उन्हें कही से भी खड़ा करो वे हार नही सकते कैलाश जी की आक्रामक शैली और इंदौर के पुराने कर्म - जब महापौर थे, हमेंशा आड़े आ जाते है - फिर वो पेंशन कांड हो या जमीन के या सिंहस्थ 2004 के कर्म , कैलाश जी करीबी पारिवारिक मित्र है, मेरी सगी बुआ का मकान नंदा नगर की 9 गली में जीवन बीत गया , मेरे फूफा और कैलाश जी के पिता जी...