30 जनवरी को माँ का जन्मदिन होता है, अब दैहिक रूप से संग साथ नही है पर हमेशा संग है जीवन में जब बहुत कुछ छूटता जाता है तो बहुत कुछ कही दर्ज होता जाता है और हमारे पास यही सब रह जाता है - स्मृतियों, भावनाओं और कुछ टींस के रूप में - समय घाव भरते तो जाता है धीरे - धीरे, वक्त बीतने के साथ दुख गाढ़ा नही रहता - बस जीवन इसके चहूँ ओर फैल जाता है कई बार शब्दों का भी टोटा पड़ता है और हम व्यक्त नही कर पाते है कुछ ... *** 25.06.1995 को Vinay Saurabh को बैतूल जिले के शाहपुर ब्लॉक से लिखा गया एक पत्र वो भी क्या दिन थे जब चिठ्ठियाँ आती जाती थी, पोस्टमेन का इंतज़ार रहता था और बग़ैर मिले-जुले भी सम्बन्ध बनते थे दोस्तियाँ आबाद होती थी मेरे पास खूब पत्र थे, खुद की डायरियाँ, कविताएँ पर 38 वर्ष की नौकरियों में शहर दर शहर और सामान उठाते जमाते हुए वह सम्पदा और धरोहर ही खत्म हो गई और आज विरासत के नाम पर अपने आपको समझाने के लिये ये फोटो ही शेष है जो मित्र भेज देते हैं बदरहाल, शुक्रिया वीनू *** 5 रू में एक किताब - 150 में तीस और 500 में 5000 हजार घर पहुंच कुरियर सेवा फ्री दीवाली ऑफर में 5 रू में दस किताब हो जायेंगी ...
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