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Showing posts from November, 2024

MAn Ko Chiththi, Rahi Dumarchir's book, and other Posts of 26 and 27 Nov 2024

किताब बेचने के लिये कुछ भी करेगा, करो - करो पर यह भी बता दो कि पढ़ कौन रहा, 21 - 22 मिनिट के वीडियो किताब के बारे में डाल रहें हिंदी के कवि लोग, और बाबा आदम के ज़माने के कोट या दीमक लगे जैकेट पहनकर, पोपले मुँह से लगातार लेपटॉप पर पढ़ते हुए, एकदम बग़ैर रूके किसी की लिखी कॉपी - पेस्ट स्क्रिप्ट पढ़कर गुरू जी, ना कविता बिकेगी ना क़िताब, रोज़ सुन्नर - सुन्नर फोटू भी चैंप दो, गली - मोहल्लों से लेकर छोटे बच्चों को खुद की कविताएँ पेलने के साथ अपने यार - दोस्तों की कविताएँ सुनवा दो और अपना प्रसार भारती चैनल खोल लो - पर क़िताबें ना जायेगी इन दिनों माड़साब नाम की प्रजाति तो गज़ब के नवाचार कर रही है क्लास से लेकर फेसबुक पर, होगा क्या इस सबसे थोड़ा समझो यारां, यह काम प्रकाशक का है तुम क्यो उसके सारे - "योग क्षेम वहांमयमहम " अपनी छाती पर लेकर बैठे हो LIC के मोनो की तरह *** #एनडीटीवी #NDTV से ज़्यादा कोई आज तक संसार में नीचे नही गिरा होगा, गौतम अडानी के चरणों में गिरकर इस मीडिया समूह ने जो नीचता की हरकतें की है उससे घृणा ही नही हुई बल्कि इसमें काम करने वाले एंकर्स और समूचे स्टॉफ पर सवाल है जिनमें न...

Man Ko Chiththi, Drisht Kavi and other Posts from 21 to 24 November 2024

मुझे शहर, गाँव, नदी, पहाड़ और पगडंडी किनारे बसी बस्तियाँ याद आती है, झोपड़ियों से उठता धुआँ, बकरियों का कूदना, मुर्गे की लड़ाई और वह सब याद आता है जिससे जीवन है और साँसे है, पीछे देखता हूँ तो याद आता है जब पक्की सड़क छोड़कर उस ओर चला, गाड़ी मुड़ गई, धीमी हो गई और फिर खेतों से लौटते किसान, दौड़ते हुए बच्चों की किलकारी, ठिठोली करती महिलाओं के झुण्ड, इशारों में बात करती नवयौवनाएँ, जगह - जगह बैठे और किशोरियों को घूरते युवाओं के समूह याद आ रहें हैं, किसी टपरी में बैठकर वरुण के साथ पी काली चाय और आसपास बीड़ी का धुआँ और फसलों की चिंता वाली बहस करते लोग - उस टपरी में दो टाँग टूटी लकड़ी की बेंच जिसके दो और ईंटों का सहारा है उमरिया के कोने में खड़ा अपने निर्जन को ढोता मन्दिर, तवांग जिले की रपटीली सड़क पर बैठा वो जोड़ा - जिसमें लड़की अगली सुबह दिल्ली लौट जाने वाली थी पढ़ने और लड़का अपनी फौजी यूनिट में - पता नही वो फिर कभी मिलें या नही, मझगंवा के दूरस्थ गांव में उस पेड़ पर कितने महुआ के फूल आये - याद नही, पर जब मैं उस रात वहाँ रुका था तो कोई कहानी सुना रहा था कि अब इस पेड़ पर भूतों का कब्ज़ा है और सारे महुए के फूलों...

Man Ko Chiththi, Drisht Kavi, and other Posts from 6 to 20 Nov 2024

बहुत दिनों बाद पाई फुर्सत तो, मैंने खुद को पलट के देखा, मगर मैं पहचानता था जिसको, वो आदमी अब कहीं नहीं है ◆ जावेद अख्तर *** "मैं थोड़ी देर बाद कॉल करता हूँ" "अभी बिजी हूं , मीटिंग में हूं" "बाजार में हूँ" "कोई जरूरी काम कर रहा हूं, गाड़ी चला रहा हूं" "कॉल पर हूँ, एक ज़रूरी मीटिंग चल रही है" "ऑफिस में मीटिंग है बहुत जरूरी" या फिर Pre scripted SMS - "I am busy, call you later" और बाद में करता हूँ- कभी नही आता हर जगह मीटिंग का भयानक खूनी खेल चल रहा है, भगवान जाने काम कैसे हो रहें है, कब हो रहें हैं - अल्लाह के बन्दे मीटिंग में हैं तो, काम कैसे होते है, कैसे संसार चलता है - क्या वाकई भगवान चला रहा यह समूचा संसार 98% दुनिया के लोग इस समय मीटिंग में है, सरकारी से लेकर सड़क पर भीख मांगने वाले ही मीटिंग में है और बहुत बिजी है, इतने कि खाने को टाइम ना है, पानी पीने या दवाई लेने का टाइम ना है किसी को, वो लौंडे जो धक्का खा - खाकर दसवीं - बारहवीं पास हुए सप्लीमेंट्री से - फोन पर कहते है "इम्फाल एयरपोर्ट पर चेक इन कर रहा हूँ...