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Showing posts from March, 2017

UP Election a Few Points to be kept in Mind for ensuing Elections in country.

ये जो मायावती उर्फ़ बहनजी उर्फ़ मसीहा की बात जो कर रहे हो कि वो हार गई है ना, वह ना राजनीति की समझ रखती है - ना जेंडर का कोई उभरता हुआ रोल मॉडल है। अवसरवाद, पीठ में छुरा भोंपने और सवर्ण व्यवस्था से अपना व्यक्तिगत फायदा लेने का दूसरा नाम मायावती है। यह आज नहीं तो कल और साफ होगा । सिर्फ इतना कि कबीर ने संभवतः इसी के लिए लिखा होगा ;- "माया महाठगिनी हम जानी" ______________ बीमारू राज्यों की श्रेणी से मप्र, राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़ निकल ही चुके है। गुजरात पहले ही उन्नत और प्रोन्नत के दर्जे में था, उप्र बचा था सो अब वो भी पिछड़ेपन से उबरने की चाह में सीढ़ी पर आ खड़ा है। एक चमकीली राह और मेट्रो की नींव पर खड़ा आज यह राज्य नए जातीय समीकरणों, जातीय भेदभाव से ऊपर उठकर अपने आकाओं और पूर्वाग्रहों को त्यागकर सफलता की कहानी लिखने को उद्धत है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। निश्चित ही केंद्र और भाजपा का खेमा सन 2019 के मद्देनजर इसे एक दो वर्ष मे ं सफलता का मॉडल बनाकर देश की राजनीती में, खासकरके दक्षिण में, इसे परोसना चाहेंगे ताकि पुनः सत्ता पर चमत्कारिक बहुमत से काबि...