हम कब तक डरते रहेंगे और कुछ ना करेंगे - यह मत करो, वह मत करो - इससे यह होगा उससे वह - पर इस सबसे निकलकर खतरे मोल लेना ही होंगे और यह भी सच है कि आख़िर में जीतना मौत को ही है , सौवीं बाजी मौत की ही जीत है पर हम निन्यानवें बार तो लड़कर जीत ही सकते हैं ना #IWanttoTalk शुजीत सरकार की फ़िल्म है जिसमें अभिषेक बच्चन ने अपने उम्दा और कालजयी अभिनय से गहरा प्रभाव छोड़ा है, अहिल्या बामरू, जॉनी लीवर, जयंत कृपलानी और क्रिस्टीन गोडार्ड जैसे गिने चुने कलाकारों के साथ बनी यह अदभुत फ़िल्म एक कैंसर सरवाइवर पर बनी है जिसे डॉक्टर्स ने मात्र 100 दिन की उम्र बख्शी थी पर वह 20 सर्जरी के बाद भी दस हजार दिनों से ज़्यादा जिया अमेज़ॉन प्राइम पर है देख लीजिये - मुझे तो एक ही बात समझ आई कि जिंदगी के दौड़ की 99 बाजी हम जीतेंगे - बाकी मौत को आख़िर में जीतना ही है, खाओ - पियो, घूमो - फिरो मज़े करो - ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा, एक ही जीवन है यारां - इसे अपनी शर्तों और पसन्द से जीयो भाड़ में जाये सलाह - मशविरे, नियम - कायदे और सिद्धांत - उसूल और रिश्ते - नाते Just live and enjoy *** IIT की पढ़ाई को इतना महत्व देना ठीक नही लगभग...
समय जब बीतते जाता है तो हम बार - बार पलटकर देखते है और पाते है कि जीवन एक बोझ ढोते हुए बड़ी जिम्मेदारियों के साथ बीत गया, हमने कभी सोचा भी नही था कि यह सब इतना सहजता से गुज़रता जाएगा कि हम एक दिन जब ठिठक कर रुकेंगे और देखेंगे तो पता चलेगा कि सब कुछ व्यर्थ हो गया, पचास -साठ साल बर्बाद या सार्थक होकर निकल गये - हम परिवार में रहें, अकेले रहें, झुण्ड में, या निपट अपने भीतर धीरे-धीरे खत्म होते रहें - दाये हाथ को कभी मालूम नही पड़ा कि बाये हाथ ने कब जिम्मेदारियाँ ओढ़ ली और एक सर्द खामोशी से सब कुछ यंत्रवत हो गया और अब जब वक़्त गुज़र गया है तो तमाम आरोप - प्रत्यारोप, बेईमानी - ईमानदारी, सच - झूठ, भीड़ और एकाकीपन, आवाज़ों और गहन सन्नाटों के बीच हम इतने बेबस हो गए है कि अब कुछ कहने या सुनने का मन नही करना अपने जीवन पर लगे तारीफों के पुल या इल्ज़ामों के लिए कोई प्रतिउत्तर नही, कोई अनुतोष नही चाहते, अपने कामों और निर्णयों के लिये किसी भी प्रकार की प्रतिपुष्टि नही लेनी और ना ही ज़िन्दगी के कटघरे में खड़े रहकर किसी भी तरह की स्व- संस्तुति देनी है, अब जीवन या सब कुछ, कर्म और अकर्मण्यता फेल - पास, महल - अटारी, ...