लगातार सफ़र करना और सफ़र में रहना भी एक भोग है, एक तरह का योग है और यह सिर्फ़ बिरलों को ही नसीब होता है - सफ़र से सीखने की प्रक्रियाएँ आसान हो जाती है, मनमिली जगहों, खिलंदड़पन, बेलौसपन, बेख़ौफ़ रहना और अपनी मनमर्जी से जीवन शैली विकसित करना - खासकरके यह उन लोगों के लिये बहुत उपयोगी है जो अपने उसूलों और सिद्धांतों पर बग़ैर किसी तानाशाही और अनुशासन के जीवन को निर्मल बहते पानी की तरह धारा के साथ या धारा के विरुद्ध जीना चाहते है लम्बी यात्राओं के बाद अब भीतर की ओर चलना शुरू किया है इस बीच नए रास्ते, नए दुख दर्द और नये पड़ावों के साथ नए संगी साथी होंगे - देखना है कि एक यात्रा खत्म कर फिर एक यात्रा जो शून्य से आरम्भ हो रही है उसका अंजाम क्या होगा, अनुभवों ने परिपक्व तो नही पर जिज्ञासु जरूर बनाया है और शायद यही अब कुछ सीखा सकें तो शायद उद्धार हो #मन_को_चिठ्ठी *** असफलताओं ने ज़िन्दगी को रफ़्तार दी और इस सबकी इतनी आदत पड़ गई - अब कोई बाधा आती है तो लगता है यह सब तो हिस्सा ही है अपने होने का - अस्मिता की लड़ाई, जिजीविषा का संघर्ष, जीने की होड़, अपने सिद्धांतों और उसूलों पर काम करने की आदत से आजीविका के स्थायि...
वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है - यह तो सर्व विदित तथ्य है ही, बस अफसोस यही है कि हमारे छोटे शहर भी दिल्ली बनते जा रहे है - दूरियाँ किलोमीटर में नही, दिलों में बढ़ गई है असल में - वरना तो हम भरे भीड़ ट्रैफिक में मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर, दिल्ली या न्यूयॉर्क तक पहुँचकर रिश्तेदारों, मित्रों या व्यवसाय के लिये मिल आते है [ एक मित्र के लिये ] *** कुछ लोग हमें No Men's Land पर छोड़कर हमेंशा के लिये चले जाते हैं और फिर हमें उबरने में उम्र लग जाती है यह सदमा नही, नासूर की तरह के घाव होते है जो सदा रिसते रहते हैं #मन_को_चिठ्ठी *** सबके होठों पर तबस्सुम था मेरे क़त्ल के बाद जाने क्या सोच के रोता रहा कातिल तन्हा ◆ बेकल उत्साही *** असफलताएँ हमें यह सीखाती है कि सफलताओं की गलाकाट अंधी दौड़ में हमने अपनी कुशलताओं, दक्षताओं और ज़मीर को अभी तक अतिरिक्त रूप से अपवित्र नही किया है और दिखावा करने से बचे हुए हैं - शायद यही नैतिकता और ईमानदारी हमें सफल होने से बचायेगी ; दरअसल, सफलता के मायने और पैमाने आज जिस तरह से हो गए है - उस सन्दर्भ में हमें असफलता और नेकनीयती को बचाकर रखने की चुनौती स्वीकार...