Skip to main content

Aniruddha and Shreya's Marriage in LockDown 12 May 2020

दुनिया बदल रही है
Image may contain: 2 people, including Shreya Dubey, people standing
Image may contain: 2 people, including Shreya Dubey, people standing
हमारे लाड़ले चि.अनिरुद्ध की शादी 15/16 अप्रैल को सौ. श्रेया के साथ तय हुई थी, परन्तु लॉक डाउन के कारण यह सम्भव हो नही पाया, सबको बुलाना था, पत्रिकाओं से लेकर सब तैयारी हो गई थी
श्रेया और अनिरुद्ध क्रमशः पूना और मुंबई में काम करते है, दोनो पेशे से इंजीनियर, प्रबंधन की उच्च डिग्री प्राप्त युवा और दक्ष लोग है - अपने काम में बेहद मुस्तैद और कौशल से पूर्ण इन दिनों घर आये हुए थे, वर्क फ्रॉम होम चल रहा था - दोनो ख़ुश है यही हम सबके लिए बड़ी खुशी की बात है और दोनो ने शादी सादगी से करने की अनुमति दी यह भी बड़ी आश्वस्ति थी - काम के सिलसिले में महीने में 15 से 20 दिन दुनिया जहान घूमते रहते है तो सादगी का महत्व वे जानते ही थे, घर में मुश्किल से 10 दिन वरना जर्मनी, जापान, फ्रांस, लंदन, दुबई, अमेरिका और ना जाने कहाँ कहाँ
परन्तु 24 तारीख से इस विपदा के कारण उन निर्धारित तारीखों में विवाह हो नही पाया , हमें रविवार को सीमित संख्या की उपस्थिति में विवाह करने की अनुमति मिली, हड़बड़ी में कल कुछ रीति रिवाज किये और आज अभी शादी घर में ही सम्पन्न हुई
बदले परिवेश में यह अनूठी शादी अनूठी ही थी - एकदम 10 - 12 लोग, कोई हल्ला नही और दिखावा नही - सुकून भरी शादी थी- यहाँ तक कि हमारे बड़े बेटे बहू और कुलदीपक शरविल भी मुंबई से शामिल नही हो पाए और श्रेया का सगा छोटा भाई प्रणव भी हैदराबाद में होने से आ नही पाया
आप सबको बताते हुए हर्ष हो रहा कि शादी सम्पन्न हुई और सब कुछ अच्छे से निपट रहा है - बदले स्वरूप में हमने भी अपने को बदला और सादी शादी की कोई आडंबर नही और कोई दिखावा नही
आप सबसे आशीर्वाद और दुआओं की अपेक्षा और अनुरोध कि जीवन में जितना सादापन और सहजता रखेंगे उतना ही मानसिक संताप कम रहेगा
Aniruddha Naik & Shreya Dubey को शुभाशीर्वाद और सफल वैवाहिक जीवन के लिए स्वस्तिकामनाएँ
Missed you all Siddharth Naik Snehal Tripathi Naik #SharwilPranav Dubey and all nears and dears.
Image may contain: 5 people, including Shreya Dubey and Anuradha Naik, people standing
Image may contain: Shreya Dubey, Prakash Kant and Amit Raj Singh, people standing
Image may contain: Sampada Naik, Shreya Dubey, Vikas Kumar Porwal and Amey Sangeet Naik, people standing
Image may contain: 8 people, including Chandra Shekhar Dubey, Shreya Dubey, मोहन सगोरिया and Anuradha Naik, people standing
Image may contain: 1 person, hat
Image may contain: 1 person, hat

Comments

Popular posts from this blog

हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी वह तुमने बहुत ही