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Showing posts from July, 2023

Drisht Kavi - Post of 29 July 2023

"क्यों बै भोपाल में जो अगस्त में जलसा हो रहा है वहां तुम्हें नहीं बुलाया कुकुर पाठ करने, सुना है वहां पर 500 के करीब - करीब कवि और कहानीकार आ रहे हैं ; 1 दिन में 5 - 6 सत्र हैं और हर सत्र में 30 - 40 कवि रहेंगे, भगवान मंच बचाएं , टेंट वाले की उम्र बख़्श दें " मैंने लाईवा को फोन किया अभी दाल बाटी खाकर "अरे मुझे मालूम ही नहीं है, आयोजक कौन है, वह बताओ आप - ताकि मैं जुगाड़ करूं" लाईवा का खून बढ़ गया होगा पक्के से "अबे आयोजक तो बहुत सारे हैं, पर मैंने अभी डेढ़ घंटे में सूक्ष्मदर्शी की सहायता से लगभग सभी नाम पढ़ें और कसम से कह रहा हूं कि किसी आंख के डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा, ससुरे ऐसे ना नाम सुने, ना कभी पढ़ें - बस हिंदी के 2 - 4 वही माड़साब टाइप लोग है जो सेटिंगबाज है, मठाधीश हैं जो बार-बार हर जगह दिख जाते हैं" मैंने जवाब दिया लाईवा को - "और तो और चहकती और चरचराती चिड़ियाएँ भी नही है हिंदी वाली, ना गीता - सीता, अनिता - सुनीता, अंजू- मंजू का गैंग है" "तो भोपाल के बहुत लोग होंगे" वो चहका "नहीं यार, यही तो रोना है - भोपाल के स्थापित जड़ बु

छोटी आँखों की पुतलियों से दुनिया सहेजते युवा लेखक - देवेश पथसरिया Post of 27 July 2023

  छोटी आँखों की पुतलियों से दुनिया सहेजते युवा लेखक  देवेश पथसरिया साहित्य का अर्थ ही विविधता है और जितनी विविधता होगी, उतना ही लिखना-पढ़ना रोचक और ज्ञानवर्धक होगा. आवश्यक है कि हम न मात्र अपने परिवेश के बारे में लिखें - पढ़ें और समझें, बल्कि अपनी मिट्टी के अलावा अपने देश - प्रदेश के साथ-साथ दूसरे देश-प्रदेश और भाषा संस्कृति को भी समझें. भारत से बाहर जाकर बहुत सारे लोगों ने कई प्रकार की विधाओं में प्रयोग किए और विविध प्रकार का साहित्य लिखा. आजकल इस विधा को एक नया नाम और टैग यानी “प्रवासी भारतीय साहित्य” मिला है और यह खुशी की बात है कि काफी सारे साहित्यकार जो काम - धंधे की तलाश से लेकर वृद्धावस्था में जाकर बाहर बस गए, वे तो लिख ही रहे हैं, साथ ही साथ बहुत सारे युवा जो पढ़ने और शोध करने के लिए देश के बाहर गए, वे भी साहित्य को एक विदेशी चश्मे के साथ देख कर लिख रहे हैं और हिंदी के साथ भारतीय भाषाओं को समृद्ध कर रहे हैं.   भारतीय परिवेश के साथ-साथ वे बाहर के परिवेश से एकसार होकर लगातार अच्छा और उत्कृष्ट रच रहे हैं जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए. हम जानते हैं कि सलमान रुशदी, नेहरू, गांधी, उषा प

Khari Khari - Posts of 26 July 2023

गृह मंत्री इस्तीफ़ा दें ••••• यह पढ़ने के पहले सँविधान का अनुच्छेद 355, 356 पढ़कर अध्ययन कर लेना - जिसमें लिखा है कि सरकार राज्यों में शांति की स्थापना करेगी, राज्यपाल की अनुशंसा पर राष्ट्रपति शासन लगायेगी, मणिपुर की राज्यपाल लगातार कह रही है कि स्थिति बेकाबू है राज्य में पर सरकार को सत्ता से चिपके रहना है और 2024 के लिये चुनाव जीतने का गंदा खेल खेलना है ----- उत्तर पूर्व के राज्यों की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है, पहले रोहिंग्या घुस आए , कल 700 से ज़्यादा म्यांमार के लोग असम में घुस आए असम के मुख्यमंत्री हेमंत शर्मा या गृह मंत्री अमित शाह की यह नाकामी है और सरकार तो ख़ैर फेल हो ही गई है, जो बड़बोला दुनिया भर की संसद में और भोज चाटने को उत्सुक रहता है वह अपनी ही संसद में बोलने से डर रहा है, बावजूद इसके कि सारी कठपुतलियां उसकी है - दो - चार विपक्षी है जिनके सामने बोलने की हिम्मत नही हो रही ध्यान दीजिये - अमित शाह के दौरे के बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ी है और ना मात्र उत्तर पूर्व, बल्कि पूरे देश में कानून व्यवस्था लचर, नाकारा, कमज़ोर और खत्म हुई है, आतंकवाद को नोटबन्दी से जोड़कर जो भ्रामक प्र

Khari Khari and other posts from 22 to 24 July 2023

हे राम सर्व सेवा संघ,बनारस में जो हो रहा है वह अति निंदनीय तो है ही, इसकी जमकर भर्त्सना की जाना चाहिये, सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर रेलवे पर रोक लगाना चाहिये, केंद्र और योगी सरकार को फटकार लगाना चाहिये, पर अब इस समय गांधीवादियों को भी सोचना चाहिये कि अब उनकी आपसी लड़ाई जो हद से ज्यादा घटिया हो चुकी है, को बंद करके संगठन को मजबूत करें, मोहमाया और संपत्ति का लालच छोड़े, अपनी निकम्मी औलादों को सेट करना बंद करें गांधी के नाम पर मप्र के भोपाल के गांधी भवन की लड़ाई हो, सर्वोदय आश्रमों की लड़ाई हो, विसर्जन आश्रम की हो, वर्धा के सेवाग्राम की, कस्तूरबा ग्राम, इंदौर की हो या संगठनों पर कब्ज़े की, दुखद यह है कि ये तथाकथित शांतिप्रिय लोग ही जनता के बीच लड़ने लगे है, इनके चरित्रों की असलियत सामने आ रही है, ढीले नाडों को कसकर बांधे रखें - परस्त्री गमन के अलावा जीवन में बहुत काम है, छोटी जगहों पर बने आश्रमों में इन्होंने कब्ज़े कर लिए है और मामले पुलिस और एफआईआर के आगे निकल कर बैंक खाते सीज करने तक आ गए है मोटा खादी का चोगा ओढ़कर बारह - पंद्रह लाख की गाड़ी में घूमने वाले सेटिंगबाजों से गांधी को बचाने

Khari Khari - Posts of 18 to 21 July 2023

चुनाव और बलात्कार ••••• सोचा नही लिखूँगा, मणिपुर सिर्फ़ एक शब्द नही - सरकार की हर मोर्चे पर विफलता, सत्ता के लिए उच्च महत्वकाँक्षा और नीचता की हद का प्रतीक है जब अखंड भारत के नार्थ ईस्ट के सात राज्यों में से एक जल रहा है - तीन माह से तो कही हलचल नही, पंत प्रधान विदेश में है, गृह मंत्री सेटिंग कर रहें है, पड़ोसी राज्य का मुख्य मंत्री दूसरे राज्य में समकक्ष मुख्य मंत्री के काम की मॉनिटरिंग कर दंगे भड़का रहा है - किस हैसियत से, क्या सँविधान में ये प्रावधान है मई में हुए बलात्कार अब वाइरल हो रहे है जब तीन राज्यों में चुनावों का नशा और सारी हड़बड़ शुरू हो गई है, बेशर्मी चरम पर है, मणिपुर पर बोलने, जाने या ठोस कदमउठाने, एक्शन लेने के बजाय छग और राजस्थान का उदाहरण देकर घटिया राजनीति कर क्या कहना चाहते है मोदी हंस में राजेंद्र यादव ने लिखा था "हर परिवर्तन का झंडा स्त्री की योनि में गाड़ा जाता है और वह बलात शिकार होती है" यह 1992 की बात है जब आडवाणी की रथ यात्रा से दंगे भड़के थे,याद होगा कि भोपाल में हिन्दू संगठनों ने एक बड़े समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ भयानक नारा लगाया था, फिर गोधरा से लेकर भिवंड

Khari Khari and Drisht Kavi - Posts of 18 July 2023

कुछ महंगी किताबें खरीद ली, कुछ मित्रों ने गिफ्ट कर दी अब पढ़ते नही बन रही, 800 -2000 पेज कितनी फुर्सत है भाई तेरे को - कोई काम नही क्या इतना लंबा और भारी कोई लिखता है क्या, कुछ तो पोस्ट भी पीएचडी थीसिस के बराबर लिखते है, कुछ कवि निहायत ही बकवास लिख रहे है और लोग लगे पड़े है अहो अहो करके, अरे हर कोई हर बात श्रेष्ठ थोड़े ही लिख सकता है और आपने बीच में कोई तीर मार लिया तो यह मतलब थोड़े ही कि सारा कचरा हम झेल लेंगें - पर कुछ नही कहना, यह सब अब आत्म मुग्ध होने और स्व प्रचार का वीभत्स रूप है और हम सब इसमें पारंगत हो गए है वरना क्या बात है कि एक कविता लिखकर रोज अपनी ही फोटो चैंपने वाले आजकल इफ़रात में है यहां और जो फेसबुक छोड़ने का प्रवचन देते थे - वे आजकल इसी को रसोई और सुलभ बना बैठे है - अब क्या ही कहूँ, ससुरे इंस्टाग्राम हो फेसबुक, ट्वीटर या थ्रेड हर जगह वही पेल रहें है बस पैक करके रख दी है है, भारी भरकम और बकवास किताबें, दूँगा नही किसी को भी - रूपये का नुकसान हुआ - सो हुआ, पर बुद्धि और समय का ना हो - यह जतन करता हूँ, समय कम है मेरे पास और पढ़ना बहुत है - सो सार्थक ही पढ़े तो बेहतर बाकी तो सब भड़ा

Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts from 13 to 17 July 2023

ये है #दैनिकभास्कर की स्थानीय संपादक की असली कहानी, बहन जी भोपाल में थी इनके परमेश्वर भी भास्कर में डॉट कॉम के राष्ट्रीय सम्पादक है या थे - जिन्होंने ज्वाइन करते ही कईयों को निपटाया था उपमिता वाजपेयी जो मूल इंदौर की है, जब सम्पादक बनी थी तो लोगों ने खूब वंदन द्वार सजाये थे और महिला सम्पादक होने आदि के तमाम गुणगान किये थे, सुना कि एक माह पहले तीन लाख से लेकर तीस लाख तक मासिक उगाही का खेल शुरू कर दिया था, आज विदाई हो गई आखिरकार वीडियो सामने आने के बाद, सुधीर अग्रवाल ने तिलक लगाकर विदा कर ही दिया मैंने अपने 38 साल के अनुभव में देखा है कि जब महिलाएं भ्रष्टाचार पर उतरती है तो लाखों से कम की डील नही होती और बड़ा सेफ गेम खेलती है टीनू जोशी से लेकर चंदा कोचर और तमाम ऐसे उदाहरण भरे पड़े है - गर्व की बात है कि ये अपने मालवा की लाड़ली बहना है मल्लब इंदौर की जियो, जियो - महिला शक्ति ज़िंदाबाद भाई आदित्य पांडे ने बड़ा सटीक लिखा है - आप भी पढ़िए सुना है अब बनारस अमर उजाला में जाकर मोदी के संसदीय क्षेत्र में उजाले फैलायेंगी और वहाँ तीस करोड़ भी मांगे तो हर्ज नही कोई #खरी_खरी *** "रोटियों के लिये अब लड़

Drisht Kavi and other posts from 11 to 14 July 2023

"कैसे है भाई जी, बाज़ार जा रहा था, पोहा और जलेबी लेते आऊँ गर्मागर्म आपके लिये भी" - लाईवा घर के बाहर खड़ा होकर बात कर रहा था उसके झोले में डायरी देखकर मेरा माथा ठनका -"नही, बिल्कुल नही, साला तुमने दिल्ली की बाढ़, पहाड़ों पर भूस्खलन, और आज छोड़े जाने वाले चंद्रयान पर कविताएँ लिखी होंगी 100 -150, रात भर बिजली जल रही थी तुम्हारे घर की" "कोई जरूरत नही आज जय संतोषी माँ वाला शुक्रवार का उपवास है, और सुन बै घर आना मत आज, जीवन में साली वैसे ही बहुत खटाई है, तुम आये तो अमचूर बना दूँगा - समझे" - यह जवाब देकर दरवाज़ा जोर से बन्द कर दिया मैंने #दृष्ट_कवि *** जो मणिशंकर मणिपुर नही गया वो बरसात में क्या करेगा - कहाँ जायेगा विदेश के अलावा और कोई संवेदना शेष बची भी है अभी उस काणे की फर्जी दवा की दुकान का उदघाटन करना होता तो केदारनाथ घूम आता, एक दो साल में पहाड़ों पर योजनाएं लाद-लादकर सत्यानाश कर दिया और अब पलटकर देखने का समय नही, ट्वीट तक नही मणिपुर के समय अमेरिका और बरसात की आपदा में फ्रांस और नाक नीचे दिल्ली यमुना के खतरे को झेल रही है अमेरिका से ड्रोन और फ्रांस से राफेल खरीद