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Showing posts from January, 2022

Kuchh Rang Pyar Ke and Mother's Birthday - Post of 30 Jan 2022

  || 30 जनवरी के सुख || 30 जनवरी दुनिया बापू को याद करती है और मैं माँ को कि माँ की आज जन्मतिथि है , एक दिन हम सबको तारीखों में बदल जाना है और समय सबको तारीखों में भी भुला देगा सबसे ज्यादा दुख तब होता है जब हम जन्मदिन और मरण दिवस में कन्फ्यूज हो जाते है और शिद्दत से याद करके दोनों का अंतर समझ पाते है और एक दिन ऐसा आता है कि हम अपने ही लोगों के जीवन के ये महत्वपूर्ण दिन भूलने लगते है और जब यह शुरू हो जाये तो समझ लीजिये कि आपका अंत भी अब आने को ही है माँ के साथ आखिरी दिनों में पूरे समय साथ रहा था जैसे पिता के साथ था अस्पताल में, भाई के साथ था डायलिसिस करवाते हुए, माँ का तो ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन था सुयश अस्पताल, इंदौर - में दस दिन और बाद में देवास के संस्कार अस्पताल में जहां के डॉक्टर पोस्ट केयर नही कर पाए थे, बाद में मालूम पड़ा कि डॉक्टर श्रीकांत रेगे, जो मुख्य सर्जन थे माँ के केस में - ड्रग ट्रायल के मामले में फंसे थे, उन पर प्रतिबंध था - कहानियाँ कई थी, अस्पताल में फंस जाने के बाद जीवन में लौट आने की उम्मीद करना पागलपन है, निजी अस्पताल पीड़ा है, संत्रास है और वीभत्सता के यातना गृह, चा

Khari Khari - Upkar Guide by Ammber, Faizal Khan Teacher , Youth and Agitation , Posts of 27 and 28 Jan 2022

ऊपर खादी अंदर जॉकी नौकरी अंग्रेजी की, उल्टी हिंदी की गांव में नही पर कोलकाता में पाठ दिनभर फेसबुक, गाली नौकरी को छिछोरेपन में अग्गे, नाम गम्भीरमल आम आदमी से दोस्ती का प्रचार आईएएस से दोस्ती का अभिमान घर में बीबी एक - जो जूते खाये बाजार में छमियाबाज उस्ताद और सोशल मीडिया पर मैत्राणी संघ के झंडाबरदार नौकरी सरकार की और गाली सरकार को उम्र साठ की और कार्ड पर युवा यही दुनिया असली है गुरु बाकी तो माया है अम्बर पांडेय की #उपकार_गाइड_पाठ का अगला पाठ ---- || ढकोसला कैसे करे || हिंदी साहित्य में ढकोसलों का बड़ा महत्व है। ढकोसले आदमी के सामाजिक उत्थान का कारण बनते है और प्रत्येक मनुष्य साहित्यिक संसार में अपना नाम बनाना चाहता है उसे ढकोसला-पुंगव होना चाहिए। ढकोसले कैसे करे? ढकोसले करना नृत्य करने जैसा है यह पक्का गाना गाने के समान कठिन कला है और इसका रियाज़ नित्य करने पर ही आप इसमें प्रवीण हो सकते है। इसके टुकड़ों के छोटे छोटे अभ्यास आप सोशल मीडिया पर प्रतिदिन कर सकते है और चिल्ला काटने का अभ्यास अपने सामाजिक जीवन में कर सकते है। ढकोसलेबाज़ आदमी अक्सर निष्क्रियाक्रमक (passive-aggressive) होता है

Khari Khari and other Posts of 26 Jan 2022

जिस देश में गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर जनपथ, राजपथ या लालकिले पर जाकर समारोह देखने को रोकने के लिए सत्ता अपने ही नागरिकों से डरकर किलेबंदी कर दें उस देश की आजादी व्यर्थ है और शासक डरपोक इतने हथियारों का प्रदर्शन करना और इसके ठीक विपरीत यह डरपोक रवैया दर्शाता है कि आजादी अभी सिर्फ एक वर्ग को ही मिली है - सिर्फ बड़बोलेपन में भाषण पेलना सरकार नही होता हुजूर ; लोगों को अभिव्यक्ति, समता, आजादी, काम, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क, बिजली, पानी की मूल सुविधाएँ भी देनी पड़ती है - सिर्फ अम्बानी अडानी को देश बेच देने से आजादी की नुक्ती सबमें नही बंट जाती "मोदी बदलो - देश बदलो" यही असली गणतंत्र है #खरी_खरी *** || " मोदी बदलो - देश बदलो अर्थात ही गणतंत्र || नरेंद्र मोदी सरकार ने सन 2014 से देश के हर वर्ग का जितना नुकसान किया उतना किसी ने नही किया है बिहार और उत्तर प्रदेश के साथ साथ रेलवे ने जो देशभर के युवाओं के साथ धोखा किया है और बाद में जिस तरह से डंडे मारे जा रहें है, लॉज में घुसकर जो अत्याचार किया जा रहा है वह निंदनीय है, करोड़ो की नौकरी देने के बजाय इस सरकार ने लोगों को नंगा क

Books and Other Posts from 23 to 25 Jan 2022

दुनिया का सबसे ज्यादा नुकसान पढ़े लिखे लोगों ने ही किया है यह पत्र नाजी शिविर (concentration camp) में मिला - जिसमें शिक्षकों के लिए निम्नलिखित संदेश था - "प्रिय शिक्षक, मैं एक कंसंट्रेशन कैंप का उत्तरजीवी (ज़िंदा बचा) हूं ! मेरी आंखों ने वह देखा है जो किसी को नहीं देखना चाहिए ! इंजीनियरों द्वारा गैस चैंबर का निर्माण किया गया ! डॉक्टरों ने बच्चों को जहर दिया ! नर्सों द्वारा बच्चों की हत्या की गई ! महिलाओं और बच्चों को कॉलेज के स्नातकों ने मार डाला और जला दिया ! इसलिए मुझे शिक्षा के बारे में संदेह है !” कुल मिलाकर सारांश यह है कि जरूरी नही कि हर शिक्षित व्यक्ति एक अच्छा इंसान बने, वह किसी तानाशाह का अंधभक्त भी बन सकता है *** he Royal Treatment हल्की फुल्की अलग तरह की फ़िल्म है नेटफ्लिक्स पर, छोटी भी है, एकदम अलग स्वाद की देख डालिये बस *** जनवरी के दूसरे लॉट की किताबें, पहले में वसुधा, शुभम अग्रवाल का काव्य संकलन, कब्ज़े जमाँ, वापस जानेवाली रेलगाड़ी (kalbe kabir), आदि पुस्तकें थी, बहरहाल ◆ अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो - कुर्रतुल एन हैदर ( पुनः खरीदी, किसी ने लौटाई नही) ◆ एक वायलिन समंदर

Drisht Kavi, Kuchh Rang Pyar ke, Birju Maharaj, Human review, Amber on Ashok Vajpeyee - Posts of 16 to 22 Jan 2022

बिरजू महाराज का जाना: स्मृतियां साक्षी हैं, धरती स्थिर है, आवाज़ों का शोर थम गया है..! देवास का मल्हार स्मृति मन्दिर अनगिनत कलाकारों की प्रस्तुति का साक्षी रहा है संगीत, वाद्य यंत्र, बैंड, नृत्य से लेकर तमाम कलाएँ यहाँ आकर धन्य हुई और यहाँ के दर्शकों और श्रोताओं को तृप्ति दी बहुत छोटे से मंच पर बिरजू महाराज को लगभग दो ढाई घण्टे अपने संगतकारों के संग थिरकते देखा है, शायद तीन बार से ज़्यादा और हर बार उनकी ऊर्जा चकित करती थी, 1970 से उन्हें देख रहा था देवास, इंदौर, भोपाल, मुम्बई, दिल्ली - वो आदमी थकता ही नही था और गाढ़ी लाली लगे होठों पर गज़ब की मुस्कान हमेंशा चिपकी रहती थी हाल ही में रज़ा फाउंडेशन के कार्यक्रम की वीडियो क्लिप्स देख रहा था जहाँ वे बैठे बातें कर रहे थे कितने सहज और सौम्य लग रहे थे घुँघरू बंधे पाँव, सांसों का आरोह अवरोह, जमुना के तट पर कृष्ण कन्हैया राधा के संग मुरली बजावे, नए प्रयोग, नित नूतन नवाचार और अपने शिष्यों संग पितृ भाव वाले महाराज संसार का चक्कर लगा आये थे, कोई कोना छूटा हो शायद कल देर रात से तबियत ठीक नही, छत पर घूम रहा था पर ठंड, धुंध से हालात और खराब हो गए, बेचैनी