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Showing posts from August, 2023

Rakhi - Some Questions , Posts of 30 and 31 Aug 2023

  वृहदारण्य उपनिषद में गार्गी का अंतिम प्रश्न था - "कौनसा तत्व आकाश को बींधता है, अंतिम सत्ता क्या है " याज्ञवल्क्य का जवाब था - "अक्षर" #कुछ_रंग_प्यार_के [ जब से यह प्रसंग पढ़ा है, मन बहुत बेचैन है और अक्षत और अक्षर के बीच घूम रहा रहा हूँ ] *** ◆ महिलाएं अंतरिक्ष पर जाने वाले चंद्रयान की टीम का हिस्सा है और लीड कर रही हैं ◆ महिलाएं पायलट है ◆ बड़े उद्योगों से लेकर एनजीओ और ट्रस्ट की कमान महिलाओं के हाथ में है ◆ एयरफोर्स से लेकर नेवी और पैरा मिलिट्रीफोर्स में है पर नही जी कमजोर है वो ◆ दुनिया की श्रेष्ठ डॉक्टर महिलाएं हैं ◆ खेती किसानी में सबसे ज्यादा आगे महिलाएं हैं ◆ न्यायालय से लेकर तहसील के छोटे से कार्यालय में महिलाएं अपनी योग्यता से काबिज हैं ◆ बैंक, पोस्ट ऑफिस, बीमा कंपनी से लेकर निजी क्षेत्र में महिलाएं काबिज हैं पर हमारा पुरुष प्रधान समाज है कि अभी भी उन्हें रक्षा का वचन दे रहा है, ना मात्र वचन दे रहा है - बल्कि रक्षा के बंधन में भी डाल रहा है ताकि वह चंगुल से निकलकर अपनी मर्जी से कोई निर्णय न लें और कोई ऐसा काम ना करें जिसमें पुरुष की मर्जी शामिल न हो - कित

Drisht kavi and Faiz Saahab - Posts from 11 to 22 Aug 2023

"कल आये नही तुम" - अभी फोन लगाया "जी, असल में वो मैडम जी ने बुलवा लिया था, भोजन में कल दाल बाटी थी, बढ़िया एक जोड़ पेंट-शर्ट भी गिफ्ट किया और मेरी कविताएँ भी सुनी उनके पूरे परिवार ने बहुत शांति से", लाईवा चहक रहा था "अरे मैं भी इंतज़ार कर रहा था, सुबह से रात तक कोई नही आया, आख़िर दूध फेंकना पड़ा रात को" , मैंने निराश होकर कहा "आख़िर था क्या कल कुछ याद नही" - लाईवा परेशान था "अरे कुछ नही नाग पंचमी थी, सो सब लोग ढूंढ़ रहें थे तुम्हे, असल में साहित्य के सभी वाट्सएप समूहों में तुम्हारा नम्बर और पता बांट दिया था किसी ने - तभी तो सब बुला रहें थे" - मैंने थक हारकर कह दिया और फोन काट दिया - क्योंकि उसकी गालियाँ सुनने की हिम्मत नही थी #दृष्ट_कवि *** तुम आये हो न शबे-ए-इंतिज़ार में गुज़री है तलाश में है सहर बार - बार गुज़री है ◆ फ़ैज़ साहब *** "क्या बात है बड़े उदास लग रहे हो" - उसका फोन आया तो रो रहा था "क्या बताऊं भाई साहब, कल एक संगठन वालों ने कवि गोष्ठी में बुला लिया, मंच पर जितने कवि थे - उससे आधे भी श्रोता नहीं थे, पर फिर भी सब पेले जा र

No Confidence Motion in Parliament 10 Aug 2023 Random Posts of 10 Aug 23

जब नाश मनुज पर छाता है तो विवेक सबसे पहले मर जाता है इंग्लैंड का प्रधानमंत्री सच में अब मानसिक रोगी है - साबित हो गया आज इसे लेबर पार्टी के नेता के अलावा कुछ नही दिख रहा, यह उसके हाउस में पुनः आने से, पैदल यात्रा से घबरा गया है और चुनाव हाथ से जाते देख पगला गया है आज भले ही "वोट ऑफ कॉन्फिडेंस" जीत जाए पर ये चुनाव तक एकदम अपराध बोध में फ्रस्ट्रेट होकर हिंसक हो जायेगा और फिर मौत से खेलेगा पढ़े लिखें मूर्ख गोरे लोगों देख लो किन बेरोजगारों गंवारों और मूर्ख लोगो को सत्ता सौंप दी तुमने शर्म करो डूब मरो गोरे लोगों तुम्हारे साम्राज्य का सूरज अंधेरे के हाथ में है आज तुम्हारे लीडर की असलियत सामने आ ही गई अबै मणिपुर पर बोल फालतू समय क्यों बर्बाद कर रहा है यही आदत है दक्षिण पंथियों की कि मुद्दे के अलावा सब तरह की बकवास कर लेते है और यह इसमें अग्रणी है सन 2014 से यही कर रहा है इसलिये तो नौटँकीबाज कहता हूँ अबै तू भी तो मौज मस्ती कर रहा है 14 से अभी तक, मशरूम खा रहा है और अरबों रुपये कपड़ों पर बर्बाद कर दिये हमारे टैक्स के मणिशंकर अय्यर ज़िंदाबाद एक प्रधानमंत्री वो था - जिसने भारत एक खोज से ले

75 th Birthday of Mrs Radhika Ingle 6 Aug 2023

गुरू माँ Radhika Ingle जी, आज 75 वर्ष की हुई, इस अवसर पर बच्चों ने एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया था मुझे सन 1976 से लेकर 79 तक देवास के एक शासकीय विद्यालय में पढ़ाया और फिर हमने अंग्रेज़ी में एमए भी साथ किया था, सरल - सौम्य और बेहद प्रतिभाशाली कवियत्री का यह यशस्वी जन्मदिन बहुत ही सार्थक ढंग से मनाया गया इतने लंबे वर्षों का सानिध्य और मार्गदर्शन और लगातार प्रेरित करती रही है मेरे जैसे सैंकड़ो लोगों को, लगता ही नही कि इतना समय बीत गया, आजकल की ही बात लगती है, पुराने लोगों को ढूंढ ढूंढ़कर आज बच्चों ने बुलाया वह काबिले तारीफ़ है गुरू माँ से एक रिश्ता है और उनके पूरे घर से बेटा प्रद्युम्न, बेटी हो गीता या बहु प्रियंका या दामाद लोकेंद्र हो सब मेरे दिल के बहुत करीब है ; छोटे कस्बों में हम सब एक माला की तरह बंधे होते है, यह सहजता बनी रहे यही कामना करता हूँ गुरू माँ खूब स्वस्थ रहें, हिंदी, अंग्रेज़ी एवं मराठी में लिखती रहें और खूब रचें यही सुकामनाएँ जन्मदिन की बधाई और स्वस्तिकामनाएँ आज के इस समृद्ध कार्य्रकम में माय माउशी समूह के कवि, कवियत्री मिलें, अपने बहुत पुराने छात्र एवं छात्राएं मिलें - विम

Khari Khari, Drisht kavi and Why I am on FaceBook - Posts of 4 and 5 August 2023

"मोदी सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दें" ••••• राहुल गांधी को राहत मिली, सुप्रीम कोर्ट से दो साल की सज़ा रद्द हुई मोदी सरकार, गुजरात हाईकोर्ट और सूरत कोर्ट को झटका लगा, ये जिस तरह से पूर्वाग्रहों से घिरे है वह बेहद शर्मनाक है, गुजरात मॉडल से बचकर रहिये यह आपको और आपके जीवन का सत्यानाश कर देगा इस सरकार ने जिस तरह से न्यायपालिका को अपना गुलाम बनाया है वह निंदनीय ही नही शर्मनाक भी है नैतिकता का तकाज़ा तो यह है कि मोदी सहित पूरी सरकार को इस्तीफ़ा दे देना चाहिये पर इस सरकार की संस्कृति है ही नही, जब मणिपुर सहित बाकी राज्य जल रहे तो सीट से नही उतर रहें तो बेशर्म इसमें क्या इस्तीफ़ा देंगे और राष्ट्रपति से तो उम्मीद ही मत करिए, जैसे रामनाथ कोविद सुविधाभोगी थे और कठपुतली बने रहें इसी तरह से 200 से आदिवासियों को मार डालने के बाद भी महामहिम द्रोपदी मुर्मू जी कुछ नही कर रही, जबकि राष्ट्रपति शासन लगना चाहिये था अभी तक पर वे चुप्पी लगाकर बैठी है इस फैसले के बाद तो राष्ट्रपति को सख़्त कदम उठाना चाहिये पर कुछ नही करेंगी वे भी मजबूर है और उन्हें भी सुविधाएं भोगना है शरद जोशी का व्यंग्य पढ़िये &q

मृत्यु कथा - आशुतोष भारद्वाज - Post of 31 July 2023

Book on the Table "मृत्यु कथा - आशुतोष भारद्वाज" बस्तर, दंडकारण्य या सात राज्यों में फैला नक्सलवाद देश की स्थाई समस्या है और छग के साथ अन्य छह राज्यों से घिरा सघन वनों के बीच जितना सुंदर जंगल है, जितनी अच्छी हल्बी और गौंडी बोली है और सहज सरल आदिवासी मानुष है यहाँ - उतना ही खतरनाक नक्सलवाद भी है, खाकी वर्दी देखकर भड़कने वाला आदिवासी अब आक्रामक है फिर वो वर्दी पुलिस की हो, अर्ध सैनिक बलों की या वन विभाग वालों की - जब उनकी जमीन या बहु बेटियों पर हमला होता है तो वे बड़ी-बड़ी घटनाएँ कर गुजरते हैं फिर 100 जवानों को मौत के घाट उतार देना हो या किसी मास्टर - पटवारी को रात की बैठक में उड़ा देना जल, जंगल और ज़मीन की लड़ाई, आदिवासी और उद्योगपति, सरकार और सलवा जुडूम के प्रयोग, तमाम तरह के प्रयास और नतीज़ा शून्य ही निकला है, मेरा अपना लम्बा अनुभव है कि जब आप किसी की ज़मीन, सम्पत्ति छीन लें, पत्नी या माँ - बेटी को अपह्रत करके बलात्कार कर छोड़ दें मरने को तो कोई क्या करेगा, देवभोग के जंगल हो या बैलाडीला की पहाड़ी - यदि कोई उद्योगपति यह सब उजाड़ कर अपनी फैक्ट्रियां लगा दें तो जंगल पूजने वाले क्या करेंग