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Showing posts from January, 2023

कोई हमें मृतकों से ज्यादा कभी प्रेम नहीं करता - अम्बर पांडे का नया संग्रह “गरूड और अन्य शोक गीत - Post of 27 Jan 2023

  “कोई हमें मृतकों से ज्यादा कभी प्रेम नहीं करता” – [अम्बर पांडे का नया संग्रह “गरूड और अन्य शोक गीत”] संदीप नाईक वेद और ऋचाएं हिंदी कविता के श्रेष्ठ उदाहरण है और फिर बाद में हम देखते है कि अनेक धार्मिक ग्रन्थ काव्य के कारण ही लोकप्रिय हुए है और जनमानस में जुबान पर रहें. इसी कला को तुलसीदास से लेकर कबीर, रसखान, जायसी से लेकर संत परम्परा के नामदेव, तुकाराम, ज्ञानदेव और रुकमाबाई तक ने अपनी बड़ी से बड़ी बात कविता में सहज ढंग से कही है और वह जीवन दर्शन जनमानस को कंठस्थ हो जाता है और यही ताकत कविता की है. मालवा से लेकर सभी जगह लोक में हमारे यहाँ वाचिक परम्परा का महत्व भी है जो पीढी-दर-पीढी एक दूसरे को हस्तांतरित होता रहता है. आज रामचरित मानस, महाभारत से लेकर गीता और कबीर, गोरक्षनाथ और तमाम लोगों की बात या यूँ कहें कि उनका लिखा काव्य जो हम तक आया है वह सिर्फ इस वजह से आ पाया कि यह सब कविता में था और सहज था. इसमें लोगों ने समय-समय पर जनश्रुतियों के हिसाब से अपने समय और काल की बातें, अनुभव और प्रसंग भी जोड्कर इसे समृद्ध किया. प्रिंटिंग प्रेस के आने के बाद छ्पाई ने इस सब वृहद काम को एक बड़े स्वरुप

Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts from 3 to 26 Jan 2023

बड़नगर एक डेढ़ साल पहले गया था तो ज़मीन के एक छोटे से टुकड़े पर खेती कर रहें दम्पत्ति की कहानी लिखी थी, जो भास्कर से लेकर देश दुनिया के लोगों ने चुराकर या तोड़ मरोड़कर छाप ली और मेरा नाम तक क्रेडिट में ना लिखा तब लगा था कि यह एक अनूठा काम है क्योंकि अपनी व्यस्तता में वही एक काम देख पाया था, अभी तीन-चार दिन वहाँ रहा, ग्रामीणजनों से लेकर शासकीय लोगों और जनप्रतिनिधियों से मिला, 4-5 गाँव घूमा तो समझ आया कि बड़नगर बहुत धनवान शहर है, कहने को ब्लॉक है पर व्यवसाय से लेकर खेती और कई तरह के काम बहुत उन्नत और आधुनिक है, आसपास के इलाकों में उतना धन, कौशल, दक्षता नही जितनी बड़नगर में है हजारों किसानों ने काली उर्वरा मिट्टी और प्रचुर पानी का इस्तेमाल करके बहुत बेहतर और शानदार काम किया है और रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन किया है, जैविक खेती ही नही बल्कि सभी प्रकार की फसलों में परिवर्तन करके नवाचार किये है, ये सब दर्ज किया जाना चाहिये और छोटे मोटे विशुद्ध वणिक बुद्धि से किये जाने वाले स्व केंद्रित और आत्म मुग्ध कामों को दरकिनार किया जाना चाहिये जो लोग भी अपने छोटे कामों का हो हल्ला करके जबरन का श्रेय लूटने की कोशिश करत

Drisht Kavi, Naye Sal Ki Duaa - Hindi Kavita 1 Jan2023

हिंदी कविता का वितान और सिमटा हुआ छोटा सा मंच कुल मिलाकर दो कवियों और एकाध आधे अधूरे व्यक्ति से बचें रहें - जो बापड़ा सबसे रजिस्टर पर हस्ताक्षर ही करवाते रहता है *** हिंदी कविता मासिक आयोजन , महाकवियों के आगमन , निरापद आलोचकों और विश्वविद्यालयों के पुरस्कार की लालसा में जी रहें विष ' बैलों ' से बची रहें , छोटे कस्बों में लोग न आएं और न ही शहरों की कविताई वाली घटिया राजनीति के सैप्टिक टैंक के ढक्कन खोलकर खुले छोड़ जाये - हमें सुख से जीने दें *** हे ईश्वर , हिंदी कविता को प्रगतिशील , जनवादियों , जलेस , अलेस और प्रयोगवादियों से बचाना , बचाना - उन कवियों से भी जो हर घटिया तुकबंदी के नीचे अपनी जवानी की फोटू चैंपकर महान बनने की प्रक्रिया में ज्ञानपीठ या साहित्य अकादमी जुगाड़ने का जतन 24x7 करते है *** हिंदी कविता को उनसे भी बचाना जो "तू मुझे बुला - मैं तुझे" की तर्ज़ पर महान और सबकी आँख की तारें बनें है , कविता को खतरा कवियों से उतना नही - जितना पोस्टर बैनर बनाने वाले उन हिंदी के मजदूरों से है जो बड़े लोगों के चंद अशआर उठाकर उन्हें ओबलाइज करते है एवं जिनकी औकात सिर्फ़