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Showing posts from July, 2021

Dr Sadhna Sewak NKuchh Rang Pyar Ke, Khari Khari - Posts of 28 to 30 July 2021

Dr Sadhana Kaushik Sewak जी से 1991 के बाद आज मुलाकात हुई, 1989 में मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग में थोक में प्राध्यापकों की नियुक्तियां हुई थी हर विषय में, मेरी मित्र Dr Neerja Batle की नियुक्ति खातेगांव जिला देवास में हुई थी, मैं उधर जब काम से जाता तो उससे मिलता साथ ही मुलाकात होती साधना मैडम से जो सावदेकर महाविद्यालय में प्राणिशास्त्र की प्राध्यापिका थी, बाद में वे महिदपुर गई और फिर 28 वर्षों से नीमच के सीताराम जाजू शासकीय महाविद्यालय में अध्यापनरत है बाद में उनके बेटे दुष्यंत सेवक से दोस्ती हुई और फिर सिलसिला निकला बातचीत का, तीन चार दिन से किसी काम के सिलसिले में नीमच आया हूँ तो आज संयोग बना और फिर 30 वर्षों बाद नीमच में आज उनसे उनके घर मुलाकात हुई, साथ ही तेजस, परम् और श्री नरेंद्र सेवक जी से भी बड़ी आत्मीय मुलाकात हुई और झकास वाला नाश्ता खाया, बहुत पुरानी पुरानी बातें और तत्कालीन प्राध्यापक मित्रों को याद किया सहज, निश्चल स्वभाव वाली साधना जी आज भी वैसी ही है - बिल्कुल नही बदली, आज के दिन की शुरुवात तीस साल पुरानी वाली यादों से शानदार हुई, आपका बेहद शुक्रिया साधना जी मेर

Khari Khari , Random Posts 2021

आता ना जाता, मैं भारत माता  राम, श्याम, सोहन, मोहन, गीता, सीता, चम्पा चमेली टाईप युवा पत्रकार सिर्फ स्कैंडल बनाने के लिए बगैर अध्ययन और तथ्यों के बकवास लिखते हैं, प्रेम, मुहब्बत, ब्रेकअप, सिगरेट के छल्लों, लिजलिजी भावुकता और बकवास पोस्ट के साथ रोज़ बकर लिखते है और खुद को खुदा समझते है, 23 - 24 साल उम्र हुई नही और लाइक्स कमेंट्स की भूख इन्हें कॉपी पेस्ट करने का बढ़िया अवसर देता है, एक साल में दस नौकरी बदलने वाले ये विचारधारा और विचार दोनो से एकदम रिक्त होते है, अपनी बेवफ़ा माशूकाओं के फोटो डालकर उन्हें बदनाम करेंगे पर जेंडर समानता पर जरूर लिखेंगे और यह भी कि घर में माँ ही सब काम करती है और मैं राजा बेटा बनकर निठल्ले टाईप घूमता हूँ, खुद बेहद सामंती होंगे पर दलितों के नाम पर टसुए बहाएंगे रोज, जबरन पुलिस से भेड़े लेंगे ताकि जल्दी प्रचार मिलें और एक रात में फेमस हो जाये, और पुलिस देखकर दस्त हो जायेंगे वो अलग  कॉपी पेस्ट, चाटुकारिता करके स्वयंभू महान बनें ये लोग आपसे नौकरी के लिए चिरौरी करते है और जब तर्क की बात करो या इनकी पोस्ट पर वाजिब सवाल करो तो खिसिया जाते है, फर्जी क्रांतिकारी नुमा ये लोग

Drisht Kavi, kuch Rang Pyar ke and Posts from 20 to 26 July 2021

किस डाक्टर ने बोला बै, बोल जे हर पोस्ट, कविता या भड़ास के साथ खुद के फोटू या घटिया किस्म के दो कौड़ी वाले वीडियो चैंपना कोई संविधानिक बाध्यता है या फेसबुक के मूलाधिकारों में आता है यह कुछ की पोस्ट अच्छी होती है पर थोबड़ा देखकर उल्टी हो जाती है, रेसिज्म नही, अपराध बोध या कुंठा भी नही पर कसम से यह सच है - आपकी जो मर्जी वो करो - पर कम से कम उजबक टाईप के खुद के फोटो हर पोस्ट के साथ मत चिपकाओ, इससे ज़्यादा और कुछ नही कहना ब्यूटी एप से औरतें तो औरतेँ जवान उम्र के डेढ़ फुटिया कमर के कान में बाली वाले काले पीले छोरे और दाँत टूटे कवि भी खींसे निपोरते फोटो डालकर पोस्ट की बारह बजा देते है, कूड़ा तो वैसे ही थी - खुद का फोटो लगाकर सत्यानाश कर दिया और तुम हो कौन बै, कही के तुर्रे ख़ाँ हो जो तुम्हे देखते रहें दिन में दस बार - साला दिन बर्बाद हो जाता है सुबू सुबू तुम्हारा थोबड़ा देखकर शनि महाराज टाईप इनकू बोलने से कछु नाही होगा घूँसा पेट पर मारना पड़ेगा, दिल दिमाग पे लगने से तो रहा, साला जवानी का ढूंढकर पेलते है फोटू और हकीकत में कब्र में लटके यमराज को पुकार रहें है, प्रोफ़ाइल में सेप्रेटेड है और फोटो डाल रिये

निरापद_की_डायरी Posts of 18 to 19 July 2021

  #निरापद_की_डायरी [ नई श्रृंखला - जिसमें अपने अवगुणों को जग जाहिर करके जीवन में क्या नही करना था, पर जोर रहेगा - बाकी निंदा स्तुति , पूजा पाठ , गिले शिकवे, तंज कसना और आत्म मुग्धता बन्द ] √5 एक बड़बोले युवा पत्रकार को आजतक से आज बर्खास्त कर दिया, कारण कुछ और थे पर वह यह कह रहा कि प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ दो ट्वीट किए थे, विरोध अपनी जगह पर एक चुने हुए संविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शेमलेस नही कह सकते सार्वजनिक रूप से, यही नागरिक शास्त्र का बोध है आपका, यही पढ़े है - ये IIMC से निकले थे और बाकायदा जब आप किसी कारपोरेट के यहां काम करते है तो करारनामे पर हस्ताक्षर करते है कि सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ नही लिखेंगे जो असंवैधानिक भाषा में हो, संविधानिक पदों के खिलाफ हो या सीधे सीधे सरकार के ख़िलाफ़ हो - यह समझ तो होगी ही ना, पर चलो मुक्ति मिली - अब आंदोलन चलाओ मोदी के ख़िलाफ़ और नए कानूनों के दायरे में आओ - "भला हुआ जो मेरी गगरी फूटी" की तर्ज पर पंगे लो और बचते रहो सार्वजनिक जीवन की इंटिग्रिटी, अनुशासन और नियम कायदों से अभी कुछ दिन पहले ही उसने लिखा था कि सात माह हो गए आजतक की नौकरी को मुझे तभ

Kuch Rang Pyar ke - Post of 17 July 2021

  सदोष मानव वध के दोषी ••••••••• कुल मिलाकर प्रकाशन, लेखन और किताब पर संदेह उठे और यह भी कि कुछ भी लिखना, बकवास करना और पीएचडी के शोध ग्रन्थ की तरह जो भी मिला उससे कॉपी पेस्ट करके चैंप देना ना लेखन है, ना छापने का धंधा, शोध ग्रन्थ तो विवि में दफन हो जाते है पर किताब सार्वजनिक डोमेन में आ जाती है और जाहिर है कि "आप बुद्धिमान हो सकते हो पर दूसरे मूर्ख नही है" - लीपापोती से जीवन नही चलते एक युवा लेखक का वध तो हुआ ही पर पूरा प्रकाशन व्यवसाय और प्रचार - प्रसार का धंधा भी सन्देह के घेरे में आ गया, साथ ही अब जो विचारधाराओं की टकराहट में बीएचयू के प्रोफेसर्स से लेकर प्रलेस - जलेस की जमात सामने आकर जो कबड्डी और खो खो खेल रही है - वह भी हास्यास्पद है, इनकी पोस्ट पढ़कर भी अफसोस होता है कि ये हिंदी के कर्णधार और खिवैया है युवा शोधार्थियों की आपसी जलन, कुंठा, नौकरी के लिए मोहरा बनकर सामने से कीचड़ उछालना और शब्दों के बाण चलाना कोई कम गम्भीर कृत्य नही है और वे नही जान रहें कि उन्हें यूज किया जा रहा है घाघ , शातिर और गैंग द्वारा यही लोग इसी प्रकाशन की हर पंक्ति की समीक्षा कर रहें थे पर प्रकाश

Kuchh Rang Pyar ke - Post of 16 July 2021

  मेरा लॉ का अंतिम सेमिस्टर है, पिछले दो साल से ऑनलाइन कक्षाएं लग रही है, लगभग 120 छात्र दर्ज है मेरी कक्षा में जिसमें पत्रकार, मास्टर, इंजीनियर, दुकानदार, पत्रकार, व्यापारी, क्लर्क, एनजीओ वाले, संघ के प्रचारक और तमाम तरह के लोग शामिल हैं ऑनलाइन कक्षा में 8 से 10 छात्र - छात्राएं उपस्थित रहते है, सबके पास मोबाइल है, स्मार्ट फोन है, सबके रिचार्ज फुल रहते है, नेट पर सब 24 घँटे उपलब्ध रहते है, विभिन्न पेशे से जुड़े लोग ना कभी कक्षा में आते हैं ना कभी चेहरा दिखाते हैं, परीक्षा के दिन मालूम पड़ता है कि यह भी लॉ कर रहे हैं - बाकी तो पूछिए मत पर हां अभी 2 सेमिस्टर से जब घर से परीक्षा हो रही है तो धौंस और दादागिरी दिखाकर नंबर लेने तमाम शहर भर के लोग स्टाफ पर अपना जोर दिखाने आ जाते हैं और ज़ोर दिखाते ही नहीं - बल्कि अच्छे नंबर भी ले लेते हैं - भले ही उन्हें एक लाइन लिखना ना आए हिंदी में, अंग्रेजी तो छोड़ ही दीजिये - हम लोग बेवकूफ है जो पढ़ते है और ऑनलाइन या ऑफलाईन कक्षा अटेंड करते है पर बहाने इतने है कि पूछो मत, लड़कियाँ लॉ के अंतिम वर्ष में आने के बाद या संविधान पढ़ने के बाद भी माँ से या पापा से पू

Drisht Kavi and Kuch Rang Pyar ke - Posts of 12 to 14 July 2021

हिंदी का सच में भगवान मालिक है - बताओ क्यों ◆ नामवर जी पर मरने के बाद विवाद हो रहें है - उनपर लिखी किताब पर वाद विवाद, पक्ष प्रतिपक्ष, प्रकाशक और पार्टनर, ज्ञानी ध्यानी सब लगे है पर सच अल्लाह जाने, पर एक बात तो है जीवनी के लेखकों और प्रकाशकों की विश्वसनीयता पर अच्छी बहस हो गई और अब लुगदी साहित्य छापने के पहले सोचेंगे जरूर, एक धड़ा यह भी कह रहा कि किताब को प्रचार और केंद्र में लाने की यह सुनियोजित संगठित साजिश है - "क्योंकि खपत कम है " यह बात एक बड़े जिम्मेदार व्यक्ति ने कही है और मुझे लगता है अंकित को उसके किसी समकालीन ने ही जलन ईर्ष्या में आकर डुबोया है और उसका कैरियर खत्म किया है, जैसे पिछले वर्ष विहाग वैभव को बीएचयू के पण्डे खा गए थे फेसबुक पर - यहाँ प्रचार करना ही नही था  ◆ इधर मप्र के इंदौर , उज्जैन, भोपाल के कवियों की कविताओं के बहाने लोग फर्जी आईडी बनाकर टोपियां उछाल रहें है, भाजपा काल है और भगवान या सांस्कृतिक प्रतीकों को लेकर लिखें शब्दों को तोड़ मरोड़कर भारत भवन पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है, भारत भवन में जाकर कविता पाठ से मिलने वाली दक्षिणा ,तीन सितारा होट

Dainik Jagraan Bhopal is Thief Posts of 11 July 2021

मुझे रामकृष् ‍ ण परमहंस की बात याद हो आती है, - "नदियाँ बहती हैं, क् ‍ योंकि उनके जनक पहाड़ अटल रहते हैं" - शायद इसीलिए इस संस् ‍ कृति ने अपने तीर्थस् ‍ थान पहाड़ों और नदियों में खोज निकाले थे–शाश् ‍ वत अटल और शाश् ‍ वत प्रवाहमान – मैं एक के साथ खड़ा हूँ, दूसरे के साथ बहता हूँ - निर्मल वर्मा *** दैनिक जागरण के किसी मृगेंद्र सिंह से अभी फोन पर बात की - जो शायद वहाँ का बड़ा बाबू टाईप लगा और मैंने शिकायत दर्ज करवाई तो बोला - देखते है, जब पारिश्रमिक का बोला तो कहता है - देखेंगे और जब मैंने कहा कि इस पर कार्यवाही कीजिये नही तो मैं एडिटर्स गिल्ड में शिकायत करूँगा तो बदतमीजी करने लगा और कहने लगा कि अब फोन मत करियेगा एक तो #दैनिकजागरणभोपाल ने गलती की ऊपर से अपनी गलती मानने के बजाय बेहद घटिया तरीके से बात कर रहा था एक जमाना था जब ओमप्रकाश जी जैसे सम्पादक इस अख़बार में थे, जो सहज थे और पाठकों से तसल्ली से बात करते थे और अब ये नया मैनेजमेंट आ गया है - जो चोरी करता है , यहां वहां से कंटेंट उठा लेता है और बदतमीजी भी करता है और लेखकों के रुपये भी खा जाता है शर्मनाक और घटिया गई #दैनिकजागरण