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Showing posts from April, 2022

Khari Khari and other Posts from 24 to 25 April 2022

|| ट्वीटर का असाधारण राजपत्र में जनसाधारण के लिए नोटिस || ••••• नए भाव - सभी राशि भारतीय मुद्रा मतलब ₹ में है, तत्काल प्रभाव से लागू ◆ सिर्फ फैशन के लिए बने रहने वाले 1000/- प्रतिवर्ष ◆ हर तीन माह में ट्वीट करने वाले 2000/- प्रतिवर्ष ◆ हर माह ट्वीट करने वाले 3000/- प्रतिवर्ष ◆ हर हफ्ते करने वाले 4000/- प्रतिवर्ष ◆ दिन में एक बार करने वाले 5000/- प्रतिवर्ष ◆ दिन में पाँच से दस ट्वीट 7000/- प्रतिवर्ष ◆ प्रधान मंत्री से लेकर बाकी पदों पर आसीन को टैग करते हुए ट्वीट करने वाले 10000/- प्रतिवर्ष ◆ और सबसे आखिरी में "ब्ल्यू टिक" वालों के लिए 50000/- प्रतिवर्ष ( बहुत इज्जत कमा ली इन्होंने ब्ल्यू टिक के नाम पर ससुरों ने ) ◆ बॉलीवुड और बाकी फर्जी डिग्निटीज़ के लिए एक लाख रूपये ◆ फेक आईडी वालों को पाँच लाख प्रतिवर्ष अन्यथा पहचान सामने आज ही कर दी जाएगी ◆ सभी अधिकारी, संविधानिक पदों और कम्पनीज़ के सीईओ को पचास लाख रुपये प्रतिवर्ष देना होंगे हर आम और खास को सूचित किया जाता है कि ट्वीटर अब समाज सेवी एप नही और ना ही आपकी समस्याओं से लेना देना है - हम धँधा करने आये है भाँड़ में जाओ आप और आपके

Khari Khari, Drisht Kavi and other Posts of 22 and 23 April2022 [Pankaj Chaturvedi]

पंकज चतुर्वेदी हिंदी के कवि है प्राध्यापक है पहले सागर में थे और अब कानपुर में गहन - गम्भीर अध्येता है और नया रचते रहते है लगातार, पिछले दिनों उन्होंने बनारस के मंदिर में विजिट किया तो किसी ने चंदन लगा दिया, हिंदी में हल्ला शुरू हो गया कि हमें डराया जा रहा है, वामपंथी चंदन कैसे लगा रहें है आदि आदि, ट्रोलबाज सक्रिय हो गए असल में व्यर्थ की बहस खड़ी की है - चंदन से लोग डरने लगे, टोपियों से डरने लगे तो हो गया कल्याण फिर, और जिस तरह से यह ट्रोलबाजी है वह बेहद निम्न स्तर की है याद आता है राज्य संसाधन केंद्र, इंदौर के हमारे नए भवन का उदघाटन था 2004 में और मैंने उदघाटन के लिए श्रीमती कमल एवं चंद्रकांत देवताले जी को अतिथि के रूप में बुलाया था, अचानक आयोजको में से एक निदेशक, श्रीमती अंजली अग्रवाल ने उन्हें कहा कि आप जोड़े से पूजा करिये, पूरी पूजा हुई विधि विधान से और बाद में जब मैने देवताले जी को खाने के समय छेड़ा कि "कहिये पंडित देवताले कैसे है" तो वे आदत अनुसार मेरे कान में फुसफुसाकर बोले "साला, आज मुक्तिबोध भी फंस जाते तो आरती उतारना पड़ती उन्हें भी सपत्नीक" पिछले दो तीन वर्ष

Khari Khari, Application for Bulldozer Loan, Hans and Ashish , CPC and Posts from 18 to 21 April 2022

The Woolf of Wall Street में Leonardo DeCaprio का अभिनय अप्रतिम है और आर्थिक दुनिया की कहानी, मोटिवेशन, टीम भावना, लीडरशिप और अंधी सुरंगों के रास्तों की दास्ताँ समझना और देखकर सन्न रह जाना कितना रोचक, मज़ेदार और शैक्षिक है अमेज़ॉन पर है - हिंदी में भी देख डालिये, हर्षद मेहता इसी तरह से बनी थी, पर हर्षद से यह ज्यादा सच्चाई के करीब है *** CPC के अनुसार सबै भूमि गोपाल यानी शासन की है, वो जब चाहे तब अधिगृहित कर सकता है पर यहाँ सन्दर्भ "समुदाय, सँविधान और समय" का है जो कि भयानक पूर्वाग्रह से ग्रस्त है बाकी तो जो है सो हइये है, पर आज सुप्रीम कोर्ट ने "यथास्थिति" की बात की, कल देखते है सीजेआई क्या कहते है अतिक्रमण हटाकर ही ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और राजस्व संहिता का सहारा लिया जा रहा है, इस जमीन का क्या, कैसे उपयोग होगा - यह भी विचारणीय है खरगोन में अब सरकार मकान बनाकर देगी मतलब इससे भद्दा मज़ाक हम टैक्स पेयर्स के लिये क्या होगा मतलब एकदम साइकिक हो गए है सारे नेता और सम्पूर्ण शासन - प्रशासन - यह सामूहिक हिस्टीरिया का दौर है और बरबस ही बशीर बद्र साहब याद आते हैं जो क

Kuchh Rang Pyar Ke, Ambedkar's oath and Mudit Abhay Shukla Prizes - Posts from 13 to 18 April 2022

  एकदम खतरनाक धूप में कल में चिन्मय मिश्र जी के घर, इंदौर पहुंचा था - सरोज भाभी ने कहा - "चाय पियोगे, मैंने कहा नहीं - कुछ खा लो, मैंने कहा नहीं - घर से पोहा खा कर आया हूँ" फिर उन्होंने कहा कि - "बेल का शरबत पी लो दिन भर बाहर धूप में रहोगे तो शायद फायदा करें - पर थोड़ी सी शक्कर डाली है" मन ललचा गया और मना नहीं कर पाया, झटपट से एक ग्लास भर के ठंडा शरबत पी गया और राहत महसूस की सच में पेट में जो ठंडक पहुंची - वह कमाल की थी और इसी शरबत ने शाम तक जिंदा रखा, पूरा दिन धूप में घूमता रहा - पर ठंडक गर्मी में तब्दील नहीं हुई, आते समय सरोज भाभी ने एक किलो का लगभग बड़ा सा बेलफल दिया ; अभी कच्चा ज़रूर है, पर दो-चार दिन में पक जाएगा तो शरबत बनाकर रखूंगा , मन तो कर रहा था पेड़ पर लगे सारे बेलफल तोड़ कर झोले में भर लूँ पर अपने गांधीवादी चिन्मय जी हिंसा कर देते, वैसे ही बहुत डरता हूँ आजकल इससे और क्या बन सकता है , मुरब्बा मालूम है पर अपन शक़्कर के भंडार गृह है - तो नही चलेगा - बाकी ज्ञानी लोग प्रकाश डालें तो प्रयोग किया जाए #कुछ_रंग_प्यार_के *** Mudit Shrivastava Abhay Shukla दोनो आज

Khari Khari, Kuchh Rang Pyar ke and Sharwil's birthday - Posts of 10 to 12 April 2022

|| नाकामियों का बुलडोज़र || ••••• "लोग टूट जाते है एक घर बनाने में तुम तरस नही खाते बस्तियाँ जलाने में" [जलाने को बुलडोज़र चलाना भी पढ़ सकते है] बशीर बद्र साहब का यह शेर पोस्टर के रूप में 1992 के इससे थोड़े हल्के माहौल में पढ़ा था, तब सोचा नही था कि हालात इतने खराब हो जाएंगें कि राज्य और प्रशासन - जो पंथ निरपेक्ष होना चाहिये , बुलडोज़र से अपनी कमी, नाकामी और घटियापन को इस तरह से छुपायेगा और लोगों के मकान जमींदोज कर देगा मतलब हद से ज़्यादा हालात बिगड़ चुके है, सारा दिन डीजे लेकर ऑटो, गाडियाँ और तांगे बेहद भौंडा प्रचार कर रहें है - लोग बीमार है, व्यवस्थाएँ भंग है, किसी को रोकने वाला कही कोई नही है, भयानक किस्म की गुण्डागर्दी और दादागिरी है, पुलिस और प्रशासन पर साम्प्रदायिक लोगों का कब्ज़ा हो गया है - कोई भी कुछ करने को तैयार नही है, शिकायतों का हल नही है सँविधानिक पदों पर बैठे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, तमाम गृहमंत्री या ब्यूरोक्रेट्स साम्प्रदायिक हो जाये तो किससे शिकायत करें, कहाँ तो सरकार को देश के युवाओं को कौशल, प्रशिक्षण और नौकरी देने की बात थी और कहां युवाओं को और पूर