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Khari Khari and other Posts from 24 to 25 April 2022

|| ट्वीटर का असाधारण राजपत्र में जनसाधारण के लिए नोटिस ||
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नए भाव - सभी राशि भारतीय मुद्रा मतलब ₹ में है, तत्काल प्रभाव से लागू
◆ सिर्फ फैशन के लिए बने रहने वाले 1000/- प्रतिवर्ष
◆ हर तीन माह में ट्वीट करने वाले 2000/- प्रतिवर्ष
◆ हर माह ट्वीट करने वाले 3000/- प्रतिवर्ष
◆ हर हफ्ते करने वाले 4000/- प्रतिवर्ष
◆ दिन में एक बार करने वाले 5000/- प्रतिवर्ष
◆ दिन में पाँच से दस ट्वीट 7000/- प्रतिवर्ष
◆ प्रधान मंत्री से लेकर बाकी पदों पर आसीन को टैग करते हुए ट्वीट करने वाले 10000/- प्रतिवर्ष
◆ और सबसे आखिरी में "ब्ल्यू टिक" वालों के लिए 50000/- प्रतिवर्ष ( बहुत इज्जत कमा ली इन्होंने ब्ल्यू टिक के नाम पर ससुरों ने )
◆ बॉलीवुड और बाकी फर्जी डिग्निटीज़ के लिए एक लाख रूपये
◆ फेक आईडी वालों को पाँच लाख प्रतिवर्ष अन्यथा पहचान सामने आज ही कर दी जाएगी
◆ सभी अधिकारी, संविधानिक पदों और कम्पनीज़ के सीईओ को पचास लाख रुपये प्रतिवर्ष देना होंगे
हर आम और खास को सूचित किया जाता है कि ट्वीटर अब समाज सेवी एप नही और ना ही आपकी समस्याओं से लेना देना है - हम धँधा करने आये है भाँड़ में जाओ आप और आपके दो कौड़ी के मुद्दे
गन्दा है पर धँधा है
एलन मस्क
नए मालिक
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#Orgasm पर अणुशक्ति सिंह की पोस्ट, स्त्रीकाल पर बवाल मचा हुआ है, आवश्यकता खुले दिल दिमाग से बात करने के साथ सैक्स एजुकेशन पर काम करने की है
2003 से 2005 तक बाकायदा UNFPA & CEDPA Washington DC के एक प्रोजेक्ट पर मप्र एवं छग के किशोरों और युवाओं के साथ काम किया था, उस दौरान कई प्रकार के मैन्युअल्स बनाये लगभग 50 हजार किशोरों को स्कूल और स्कूल के बाहर सीधा संप्रेषित किया प्रशिक्षण दिया और बहुत सामग्री बांटी.
Better Life Option and Opportunity Model, (BLOOM) मॉडल नाम था और उपलब्धि यह थी मेरे टीम की कि बघेलखण्ड और मप्र के बुंदेलखंड के कुछ जिलों में शादी की उम्र 13 - 15 से बढ़कर 18 - 21 क्रमश: हो गई थी, वरना सतना रीवा सीधी जैसे जिलों में 22 - 23 वर्ष की लड़कियों के इस उम्र तक आते आते 4, 5 बच्चे हो जाते थे कम उम्र में ब्याह के कारण और उनका गर्भाशय निकाल दिया जाता था 24 की उम्र होने के पहले ही जिसका मनोवैज्ञानिक असर पड़ता था, बहुत मुश्किल काम था पर तमाम परम्पराओं और रीति रिवाज़ों से लड़ते हमने किया था टीम में Shivu Bajpai , Ashish Mandloi जितेंद्र सोनी, ज्योति भाटिया आदि मित्र थे आज यही काम Priti Neelesh Shinde और नीलेश शिंदे कर रहे है
बाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का मैं लम्बे समय तक ARSH ( adolescent reproductive & sexual health) का राष्ट्रीय प्रशिक्षक रहा और DFID के Safe City Project में मप्र राज्य की चार लोगों की कोर टीम में था 2015 से 2018 तक
2005 में भाजपा सरकार ने संस्कृति की दुहाई देते हुए खूब हल्ला मचाया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वह प्रोजेक्ट बन्द कर दिया, आज भी भारतीय ग्रामीण महिला संघ इंदौर, राज्य शिक्षा केन्द्र के साथ मिलकर मप्र में यही कर रहे है, पर आज भी बड़े हो चुके किशोरों और कई स्कूल्स के फोन आते है, युवाओं के बल्कि कई डाक्टर मित्रों के भी और शादी शुदा जोड़ों के भी फोन आते है - निदर्शन और समस्या समाधान के लिए ; अणुशक्ति की बात सही है और यह व्यक्ति का निज अधिकार है, इस पर इतनी मीनमेख क्यों
Path international, BGMS, DFID, SIMI West Bengal, Cry, Hamsafar, Naz Foundation, Chetna - Ahmadabad, NCERT and various state education boards are still working on it, but the name of the package is "Life Skills Education". Working with adolescents and youths on their sexual issues is one of the major programs of UNFPA and it's mandatory
ज़मीनी हालत बहुत खराब है, इस विषय को दबा दबाकर रखने से और पोर्न देखने से, अधकचरा ज्ञान वाट्सअप विवि से लेने के कारण सैक्स जनित कुंठा और विक्षप्तता बहुत बढ़ी है, RTI, STD के रोगी भयानक है और जिस गुस्से में अणुशक्ति ने जो इशारे किये वे अलार्मिंग है, उधर सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने जारकर्म यानी एडल्ट्री 497 की धारा को decriminalize कर ही दिया था
बजाय मज़ाक या हंसी में उड़ाने के चक्कर में या "मर्दानगी को उस औरत ने चुनौती दी" जैसी बहस के सैक्स एजुकेशन की पैरवी बड़े पैमाने पर करने की ज़रूरत है
किसी को ढेरो मैन्युअल, सामग्री देखना समझना हो या कोई प्रश्न हो तो स्वागत है या अपने स्कूल या समुदाय में किशोर, युवाओं के साथ इस विषय पर बातचीत या प्रशिक्षण करना चाहते हो तो संपर्क करें, मैं निशुल्क करने को तैयार हूँ
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यह प्रश्न थोड़ा अजीब है, हिंदी में वैचारिक दरिद्रता का कोई अंत ही नही है यहां देखिये युवा मित्र और आलोचक ने आज पुस्तक दिवस पर क्या प्रश्न पूछा है - लोग मुफ्त किताब के लालच में जवाब भी दे रहें है
क्या नामवर जी ज़िंदा होते तो यह प्रश्न कोई पूछने की हिम्मत करता, किसी के निजी जीवन को सार्वजनिक करना या उघाड़ना निजता का हनन है और सँविधान प्रदत्त मूल अधिकार का उल्लंघन
लोग उत्साह से जवाब लिख रहे है, अंकित की वाल पर बड़े बड़े प्रबुद्ध लोग है पर कोई इस बात पर चर्चा नही कर रहा, कोई आपत्तिजनक नही पर यह प्रश्न हमारी हिंदी की दिशा दशा और निजता के संदर्भ में मुझे लगता है कि यह ठीक प्रश्न नही है, मतलब खुले आम अपने पते और मोबाइल नम्बर तक सार्वजनिक कर रहे है, कल कुछ ऊंच नीच हो गई तो यही लोग रोना लेकर बैठेंगे, हद है मतलब फ्री का इतना भयानक लालच, कितना शर्मनाक है - यही समझ है अनल पाखी के लेखक की
मतलब कल कोई कुछ भी पूछ लेगा इस तरह से सार्वजनिक करके ?
जिन लोगों ने यहाँ कमेंट किये है वे लोग अपनी माँ, माशूका, पत्नी, भाभी, बहुओं या बेटियों के नाम लिखें जरा सार्वजनिक रूप से
Ankit's Post of Dated 23rd April 22
"आज पुस्तक दिवस है, जिसे तमाम लेखक साथी अपनी पसंदीदा पुस्तकों की फ़ोटो या सूची लगाकर अपनी वाल पर सेलिब्रेट कर रहे हैं, पर क्या किसी ने किसी को भी इस दिन पुस्तक उपहार में दी? जाने दीजिए…फिर कहेंगे पुस्तक संस्कृति विकसित नहीं हो रही…।
मैं अपनी एक पुस्तक उपहार में दूँगा। इस सवाल का सही जवाब दीजिए…
नामवर सिंह की पत्नी का सही नाम क्या था?
(केवल पहले तीन तक ही उपहार सीमित है।)"
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