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Showing posts from January, 2020

रात के भोजन के बदले सायंकालीन नाश्ता 29 Jan 2020

रात के भोजन के बदले सायंकालीन नाश्ता ● आधा पाव पनीर, एक प्याज़, एक पाव ब्रोकोली, दो बड़ी शिमला मिर्च, एक हरी मिर्च, दो टमाटर और ताज़ा धनिया साफ धोकर मनचाहे आकार में काट लें ● दस बारह मटर छीलकर रख लें ● शिमला मिर्च, ब्रोकोली और मटर को कुकर में एक सीटी होने तक पका लें और निकालकर रख लें ● अब एक कढ़ाई में दो चम्मच ऑलिव आयल डालकर गर्म करें और जीरे का तड़का लगाएं ● अब इस पूरे मिश्रण को इस कढ़ाई में डालकर हल्के से ढाँक दें और दस मिनिट पकने दें ● दस मिनिट बाद ढक्कन हटाकर चाट मसाला बुरके और एक नींबू के रस को निचोड़ दें - साथ ही ताज़े कटे धनिये की पत्तियों से गार्निश करें ● स्वादिष्ट और पौष्टिक शाम का नाश्ता तैयार है, यह खाने के बाद रात को आप एक ग्लास मलाई निकला दूध या एक बाउल सूप पी लें - भोजन की जरूरत नही रहेगी # संदीप_की_रसोई

ब्रोकोली और मटर आलू का पौष्टिक नाश्ता 29 Jan 2020

ब्रोकोली और मटर आलू का पौष्टिक नाश्ता ● ताज़ी ब्रोकोली को साफ धोकर बारीक टुकड़ों में काट लें ● तीन चार आलू भी बारीक काट लें ● मटर को छील लें ● अब इन सबको एक कड़ाही में डालकर दो चम्मच ऑलिव ऑइल में स्टीम करने को रख दें ● स्वाद के लिए एक हरी मिर्च, भुने हुए जीरे का पाउडर और कुटी हुई काली मिर्च बुरक सकते है ● दस मिनिट बाद बहुत थोड़ा सा चीज़ डाल कर ढाँक दें ● नींबू का रस और चाट मसाला डालकर गर्मागर्म खाएं ● यह खाने के बाद कम से कम छह से आठ घँटे भोजन की जरूरत नही - शुगर के मरीजों के लिए श्रेष्ठ नाश्ता हो सकता है # संदीप_की_रसोई

Sandip Ki Rasoi uttapam and Paranthe 15 Jan 2020

पौष्टिक उत्तपम ◆◆◆ ● चावल के आटे और रवे को बराबरी से मिलाकर स्वादानुसार नमक और एक नींबू निचोड़कर अच्छे से मिला लें, फिर इसमें आवश्यकता अनुसार पानी मिलाकर एक घोल तैयार कर लें ● रात भर इसे ढाँककर रख दें ● सुबह पत्ता गोभी, हरा प्याज, हरी मिर्च, मटर के दाने, अदरख, खूब सारा बारीक ताज़ा धनिया पत्ता और जो भी ताज़ी सब्जी आप मिलाना चाहें मसलन -शिमला मिर्च, मैथी, पालक, लाल भाजी, ताज़े मशरूम, शकरकंद या अन्य कोई , मिलाकर अच्छे से हिलाएं और आधा घण्टा रहने दें ● सभी सब्जियों को साफ़ धोकर बारीक काटकर ही मिलाएँ , इसमें लाल मिर्च बिल्कुल नही है - यदि आप चाहें तो काली मिर्च कूटकर डाल सकते है इससे स्वाद आएगा और अधिक ● अब गर्म एक फ्राई पैन पर हल्का सा तेल डालकर मिश्रण को गोलाई में फैला लें और दोनो तरफ अच्छे से सेंकें ● स्वादिष्ट और पौष्टिक उत्तपम तैयार है - इसे हरे लहसन की चटनी या हल्दी के अचार से गर्मागर्म खाएँ - मज़ा ना आएँ तो फिर ना कहना 2 - मूली के पराँठे और ताज़े लहसन की चटनी ◆◆◆ ● इन दिनों खूब ताज़ी और सस्ती मूली आ रही है और ताज़ा हरा लहसन भी, सर्दियों में दोनो का उपयोग और खाना प

हाथ पीले और अचार का किस्सा 11 Jan 2020

हाथ पीले और अचार का किस्सा ● इन दिनों खूब ताज़ी नर्म हल्दी आ रही है, सस्ती भी है - बस हाथ पीले करिये और बनाईये अचार ● आधा किलो ताज़ी हल्दी की गठानें ले आईये, साफ धोकर सूखा लीजिये और छीलकर बारीक काट लीजिये ●अब लाल मिर्च, हल्दी, सौंफ, खूब सारी कलौंजी, राई की दाल, नमक, काली मिर्च स्वादानुसार मिलाकर अचार मसाला तैयार कर लीजिए, यदि ये सब झंझट नही करना तो बाज़ार से तैयार अचार मसाला ले आईये ● बस इस मसाले में कटे हुए हल्दी के टुकड़े डालकर अच्छे से मिला लें और चार पांच नींबू का रस निचोड़कर डाल लें ● अब सरसो का तेल अच्छे से गर्म कर उसमें खूब सारा हींग पाउडर डालें और ठंडा होने पर मिश्रण में मिला दें ● दो दिन ढाँक कर रखें और मिश्रण को दिन ने दो बार हिलाते रहें ● अचार तैयार है, इसके गुण बताने की जरूरत नही - त्वचा, पेट, खून और बाकी सब साफ़ तो होगा ही, स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और सबसे बड़ी बात जीवन में हाथ पीले करने के " बेस्ट अवसर " बहुत जल्दी आएंगे ● तो जाईये बाज़ार और ले आईये ताज़ी हल्दी, करिये हाथ पीले - कल रविवार भी है [ सुनील भाई, बहादुर और ज्योति के विशेष अनुरोध पर सबके

Drisht Kavi and other 9 Jan 2020

सर्दी बहुत है जी, सही कह रही आप धूप में मन लगता है, देर तक बैठी रहूँ और मटर छीलती रहूँ जी, कब बैठती है आप, मैं भी आ जाता हूँ आपकी नौकरी.... अरे कालेज का क्या है , कह दूँगा मतदान का ट्रेनिंग है और स्थानीय निकाय के काम शुरू होंगे ही आप तो एक काम करिये कालेज में ही मटर ले जाइए दो किलो , शाम को याद से दें देना, दिल्ली जा रही हूँ कल इंटरसिटी से पुस्तक मेले में - वहाँ फलाने जी, जिज्जी को और अमके - ढमके प्रकाशक को मटर की कचौड़ियाँ बहुत पसंद है , सो बनाकर ले जाऊंगी, ढाई किलो गाजर किस सकते है क्या - मुस्कुराकर कवियत्री बोली जी, आज तो सम्भव नही, नैक की टीम आ रही है ...अंग्रेजी का प्रोफेसर उर्फ बूढ़ा कवि कुतिया, छिनाल मन ही मन बोलते बड़बड़ाते हुए निकल गया कवियत्री के घर से *** पुस्तक मेले में छपी किताबों के केश लोचन समारोह उर्फ लोकार्पण देखकर एनजीटी को प्रकाशकों के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठाना चाहिये प्रकाशक हिसाब दें कि कितनी छपी, कितनी बिकी और कितनी शेष और कागज़ पर सब्सिडी बंद हो, एक राष्ट्रीय समिति तय करें कि क्या छपने योग्य है क्या नही, जो आता है वह किताब छपवा लेता है - पति अफसर तो

नश्वर संसार के हम भुक्तभोगी 9 Jan 2020

नश्वर संसार के हम भुक्तभोगी स्व रामचन्द्र नाईक को आज ही एक सौ दस बरस हुए थे पैदा हुए, 1911 में दादाजी जन्में थे और वे 85 की उम्र में गुजर गए , जीवन के संयोग भी अजीब होते है - उनकी बड़ी बेटी लीला जो 1934 में पैदा हुई थी, आज से ठीक तेरह दिन पहले यह संसार छोड़कर चली गई - यह संयोग की आज वे अपनी बेटी से कही मिलें होंगे और सुख दुख की बात कर हम सबके बारे में भी पूछा होगा आज उज्जैन में रामचन्द्र नाईक का कुनबा जो एक भीड़ हुआ करता था, आज जब तेरहवीं की रस्में अदाकर अपनी श्रद्धाजंलि दे रहा था तो मात्र तेरह लोग ही उपस्थित थे, समय, शहरों की दूरियाँ, नौकरी, काम के दबाव और चाहने के बाद भी उपस्थित ना होने की पीड़ा, अवसाद वहाँ अनुपस्थितों के बहाने तैर रही थी बुआ सबसे बड़ी थी फिर पिता थे, दोनों ने दसवीं करते ही नौकरियां शुरू की कि छोटे भाई बहनों को पढ़ाना है और मरने तक लगे रहें, पिताजी यहाँ वहाँ और बुआ शादी के बाद परदेशीपुरा इंदौर के स्कूल में, सबको पढ़ाया, लायक बनाया और शादी ब्याह किये छोटों के बुआ का बेटा बरसों पहले मुम्बई चला गया था और वही उलझकर रह गया, बड़े शहर लील जाते है रिश्ते - नाते औ

JNU Posts of 6 and 7 Jan 2020

पर हम पुस्तक मेले में आत्म मुग्ध होकर अपनी किताबें बेचते रहेंगे और सेल्फी चैंपते रहेंगे हम बेशर्म हिंदी के प्रकाशक, लेखक , घर से फुरसती बूढ़े नाकारा लोग और किटी पार्टी वाली पेज थ्री की बेशर्म तितलियां क्यों ना सब पुस्तक मेले का बहिष्कार कर बाहर आ जाये और एकजुट होकर इस फांसीवादी सरकार के ख़िलाफ़ दुनिया को इनका चाल चरित्र बताएं नही जी, हमें तो "अंजू मंजू सीता गीता अनिता सुनीता" और अलाने - फलाने, घटिया और टुच्चे के साथ मिलना है फोटो खींचने का है ना अरे महाधूर्त घटिया लेखकों और बुद्धिजीवियों जब शिक्षा के मंदिर बचेंगे तभी ना, पढ़ने - लिखने वाले पैदा ही होंगे नही तो तुम्हारी किताबें क्या मुर्दों को जलाने के काम आएंगी *** Completely failed Govt on all Fronts, time to change the same with immediate effect. instead of feeling shame change them and get rid from.... *** Police is the worst system in free India . It is important to reiterate here that failure of Govt especially Modi and Shah , is being replaced by brutality of police and the students are being victim

Book Launch by PM on Kirloskar 6 Jan 2020

अभी अभी मेरे द्वारा मराठी से हिंदी में अनुदित स्व लक्ष्मण राव किर्लोस्कर की ऑटो बायोग्राफ़ी "यांत्रिक की यात्रा" का विमोचन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में किया प्रकाशक ने जो भी किया , उसमे मेरा कोई हाथ नही है, बड़े लोग बड़ी बातें है - अपन सिर्फ मजदूर है - काम करते है और पारिश्रमिक लेते है , किताब मिलेगी तो यहाँ फोटू चेंप दूँगा , ज्यादा प्रतियां मिल गई तो बांट भी दूँगा यहाँ देख सकते है - अभी खोजी लिंक और ये फोटू स्क्रीन शॉट है https://youtu.be/hE9J7peISD4 सूचना समाप्त हुई

बेड़ई और आलू की रस्सेदार भाजी 5 Jan 2020

बेड़ई और आलू की रस्सेदार भाजी ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी , मुरैना यदि आप जाएं तो नाश्ते में इडली या वड़े के बजाय एक प्लेट गर्मागर्म बेड़ई और आलू का रस्सा खा लें आपको जो स्वाद और ऊर्जा की अनुभूति होगी वह स्वर्गिक होगी - बड़े प्यार और चाव से खाएं जाने वाली यह डिश बनाना बहुत आसान है, यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी है आटे और रवे को बराबर मात्रा में मिला लें उसमे आधा कटोरी दही, दो चम्मच मोयन (गर्म तेल) और नमक मिलाकर गूंथ लें और आधे घँटे के लिए कपड़े से ढँककर रख दें मूंग की दाल को रात को गला दें पर्याप्त पानी में और फिर सुबह लहसन, हरी मिर्च, अदरख डालकर स्वादानुसार नमक, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर , गरम मसाला और नमक डालकर अच्छे से पका लें, ऊपर से ताज़ा कटा धनिया डाल दें और ठंडा कर लें आधे घँटे बाद आटे को पुनः एक बार अच्छे से गूंथ लें और छोटी छोटी लोई बनाकर रख लें, अब हर लोई में पकी हुई मूंग की दाल के भरावन को अंदर भरकर बेल लें और गर्मागर्म तेल में भूरा होने तक तलें आलू की रस्सेदार सब्जी बनाने के लिए कोई विशेष तकनीक नही है बस खूब ताज़ा मटर, प्याज़, लहसन, टमाटर, हरी मिर्च और धनिये के स

हम सब मुर्दाबाद 5 Jan 2020

हम सब मुर्दाबाद Police is the worst system in free India . It is important to reiterate here that failure of Govt especially Modi and Shah , is being replaced by brutality of police and the students are being victim Govt should feel shame on acts and controlling the Human in the guise of Police. A failure govt has only this way to divert things and focus from poverty, hunger, malnutrition, children's death across the country including Gujrat and mismanagement of finance Why don't they Resign and leave. *** कैसे राष्ट्र भक्त और समझ वाले लोग है - एक इंदौर को जला देने की बात करता है , 30 - 40 गुंडे मवाली विवि में जाकर छात्रों और शिक्षकों को मार आते है रात में , नपुंसक छात्रा पर हाथ उठाते है जो देवी के नाम की माला जपते है, एक दहाड़ता है कि जेएनयू को नेस्तनाबूद कर देंगे, गृह विभाग का मुखिया राहुल प्रियंका को दंगे के लिए जिम्मेदार ठहराता है , एक CAA है ही नही जैसा कह कर देश को बरगलाता है हर मोर्चे पर असफल , लगातार खोते जा रहें राज्य और विदेशों में खराब होती इमेज और अ

बच्चों की लाश पर जीत के अभेद्य किलों में अट्टाहास 2 Jan 2020

बच्चों की लाश पर जीत के अभेद्य किलों में अट्टाहास एक माह में 100 बच्चे सरकारी अस्पताल के आईसीयू में मरें तो आपको सरकार होने के नाते जिंदा रहने का या शासन करने का भी हक है - चमकी बुखार हो या ऑक्सीजन की कमी या अब कोटा की ये मौतें - उफ कितने घटिया और ग़ैर ज़िम्मेदार है हम भारत के लोग जिस देश में बच्चे लगातार मर रहें है और सारे जिम्मेदार लोग और सरकारें भी हिन्दू मुसलमान और पाकिस्तान पर बात कर रही हो - उनके लिए सिर्फ शोक संवेदना ही व्यक्त की जा सकती है जिस देश के शाहीन बाग में इस कड़कड़ाती ठंड में बूढ़ी औरतें, युवा लड़कियाँ और युवा अपने हक़ों के लिए लगातार लड़ रहे हो और सरकार को हिन्दू मुसलमान और पाकिस्तान दिखें तो उनके लिए शोक संवेदना ही व्यक्त की जा सकती है इन मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय बदला लेने और गलीज़ स्तर पर उतरकर गाली गलौज करने वाले लोकप्रिय और जननेता और ऐसे ही लोग संविधान की शपथ ख़ाकर संविधानिक पदों पर बैठ जाएं तो उनके लिए सिर्फ शोक संवेदना ही व्यक्त की जा सकती है गोरखपुर , कोटा, लखनऊ या दिल्ली हम सबकी जिम्मेदारी है - रवि ,एकता और उनके मासूम चंपक की जिम्मेदारी हम सबकी है क

एकला चलो रे Last Post of the Year 2019

एकला चलो रे नए साल में अपनी जिन्दगी जियो, और वो सब करो जो करने से खुशी मिलती है, जब तक अपने भीतर का डर नहीं निकलेगा तब तक कुछ नहीं हो सकता. दुनिया बहुत बड़ी है- नौकरी, समाज और आसपास के तनाव और फ़ालतू लोगों की चार बातें सुनने से बेहतर है कि अपना काम और अपना ध्यान अपनी रचनात्मकता पर लगायें. किसी और के सपनों के लिए नहीं किसी और की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि अपना जीवन जीने और अपने हिसाब से सब करने के लिए जियें आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. जब तक आप नौकरी, समाज, साहित्य के (अगर मुगालते है कि आप महान कवि, कहानीकार या उपन्यासकार आलोचक है तो) तनाव झेलते रहेंगे, घटिया किस्म के मूर्ख लोगों की उजबक किस्म की बातें सुनते रहेंगे और उलजुलूल विचारों को और दूसरों को सपनों को पूरा करने के लिए अपने को मारेंगे, या इन घटिया लोगों से मान्यता लेने के लिए घिसते रहेंगे कागज़ - क़लम, अपने लिए लिखें - तब तक आप कुछ सार्थक नहीं कर पायेंगे. जिन्दगी बहुत बड़ी होती है और अपने आसपास के लोगों से परे भी दुनिया में अच्छे लोग है- इस बात को ध्यान में रखें. खूब पढ़े, लिखें, मनन करें, अपने परिजनों को,

जुकरबर्ग_की_पीड़ा World Book fair 2020 31 Dec 2019

और हाँ, एक आखिरी बात ध्यान से गाँठ बांध लें - ठीक समय से दस मिनिट पहले आकर लड़के को टिक करवा देना कि आप सही लेखक की किताब का लोकार्पण करने आ गए है, अगर टैंम पर नही आये तो दूसरे लेखक की क़िताब का विमोचन नही करने दूँगा, भाषण नही देने दूँगा, पेड़ा भी नही और हाँ - पानी तो आप जानते है ना बहुत महंगा है , और यार दोस्तों को घेरकर लाये तो चाय का पैसा भी आप देंगे हम नही क्या है ना भाई साहब एक दिन में 37 किताबों का विमोचन है, दस दिन में 228 किताबों को निपटाना है साला, छाप ली थी और फिर दिल् ली में सब महान लेखक ही है और सब विमोचन में आएंगे, अब घर में काम रहता नही कोई , तो आ जाते है मेट्रो में सौ पचास लगाकर ... हम भी परेशान है इनकी थेथरई से पर क्या करें जी, जी मैं आ जाऊँगा अकेला ही, पानी घर से ले आऊंगा ... एकदम समय पर आऊंगा , बस बता देना किताब किसकी है और बोलना क्या है, आपके लड़के को कहना कि फेसबुक पर फोटो डालें तो टैग कर दें मुझे - हीहीहीहीही... 2 कैसे है संदीप जी जी, ठीक हूँ, क्या हुआ आपका फोन आया 26 जनवरी 19 के बाद, सब ठीक है ना ... जी, जी सब ठीक है - आप आ रहें है ना 5 से 15, हम इंतज़ार