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Showing posts from October, 2021

Khari Khjari and other Posts from 27 to 28 Oct 2021

मप्र में तमाम प्रयासों के बाद भी जमीनी स्थितियां सुधरी नही है, 18 वर्षों से मामा भांजी और भांजों के नेक, पवित्र रिश्तों के बावजूद भी मामा का साम्राज्य बढ़ा और भान्जे भांजियों को अकाल मौत मिली ये आंकड़े यही कहानी कह रहे है, अब यह मत कहना कि कांग्रेस दोषी है या बसपा या सपा या कोई और स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग के बीच ना समन्वय है और ना Convergence और ऊपर से #Unicef जैसी मक्कार संस्थाएँ पत्रकारों को रुपया दे देकर बकवास की सफलता वाली कहानियाँ छपवा कर अपना अस्तित्व यहाँ बनाये रखती है, उजबक किस्म के कंसल्टेंट घर बैठकर समुदाय प्रबंधन पर काम कर रहें हैं, सिवाय आंकड़ेबाजी के कुछ नही होता, भोपाल की पलाश होटल से लेकर जहाँनुमा या नूर उस सभा में रंगीन चमकीले पीपीटी के प्रदर्शन के कुछ नही होता ; मप्र के गुना, शिवपुरी और श्योपुर यूनिसेफ के जहागिरदारी वाले जिले है और सबसे ज़्यादा कुपोषण और मृत्यु के केस यही से आते है, यह शासन, सत्ता का असली चेहरा है जिसे सुशासन कहते है और minimum govt & maximum governance कहते है मजेदार कहूँ या दुखद कि जवाबदेही लेने को कोई तैयार नही है - जबकि आंगनवाड़ी से लेकर

Kuchh Rang Pyar ke - Post of 25 Oct 2021

सब इंस्पेक्टर से पुलिस में भर्ती हुए थे, धीरे धीरे जैसे नायब तहसीलदार एक दिन कलेक्टर बन जाता है वैसे ही एसआई भी ठीक ठाक कमाई करके बांटता रहें और गीत, ग़ज़ल, कहानी, कविता लिखता रहें तो एक दिन डीजीपी भी बन सकता है, साहब तो डीआईजी तक आ ही गए है जैसे जैसे रिटायर्डमेन्ट करीब आता है - साहब का "शाहित्य पैरेम" बढ़ते जाता है, अपने कस्बे में लौट - लौट आते है और गोष्ठियों से लेकर झुग्गियों में सेवफल बांटने तक का काम कर अस्थानीय अखबारों में पापुलर होने लगते है ताकि रिटायर्ड हो तो घर, मुहल्ले और कस्बे में बोई इज्जत बनी रहें - जो पुलिस मुख्यालय में जबरदस्ती बनी रहती है मल्लब जिधर से कुत्ते लेकर घूमने निकले तो लोग सलाम ठोंके साब को बसपन का पियार भी याद आता है, दोस्त भी और वो भी चाचा - बाबा जिनकी "सायकिल की जब्ती तो करबा ही सकते थे जब एसआई थे - मजाल कि किसी की मदद की या धार्मिक पिच्चर के फ्री टिकिट दिलवाएं हो किसी को, पर अब दोस्त भी बाइक पर है और साहब की औलादों ने भी पज़ेरो पर कब्जा कर रखा है" रिटायर्ड होने के बाद शहर में दो चार संस्थाओं में सम्मान हो जाये, इसलिए थानेदार को अभी से हड़क

Khari Khari and Drisht KAvi - Posts from 22 to 25 Oct 2021

और कविराज ऐन चेहरा दिखाने के वक्त इस समय घर से बहुत दूर करवा चौथ की सुहानी रात को सात रुपये वाले गोदरेज के काले रंग के पैकेट से रँगे बालों वाली माशूका से अपनी छाती के सफ़ेद बालों पर दिल के दर्द के लिए बाम लगवा रहे है और मैच देखने का आनंद ले रहे है, और उनकी सगी पत्नी घर में अर्थात सात जन्मों के लिए बुकिंग की हुई अर्धांगिनी राह देखते - देखते हाथ - पाँव पर चुपड़ी हुई मेहंदी निहार रही है #दृष्ट_कवि [ हकीकत बयां कर रहा हूँ, नाम नही लिख सकता बुजुर्ग आदमी है इज्जत तो करना पड़ेगी ] *** सूचनाओं के आदान प्रदान करने और आपसी सम्बन्ध बनाये रखने के लिए घर - परिवार, रिश्तेदारों और मित्रों या सहकर्मियों के बने वाट्सएप समूह भी जहर बन गए है, बगैर पढ़े और सोचे - समझे लोग धर्मांध होकर मेसेज ठेलते रहते है और ये सब मेसेज इतने घटिया और जहर भरे होते है कि मन करता है खरी - खरी लिखकर इनकी समझ पर सवाल उठाऊँ , बेरोजगार भाई बहन, दोस्त या बूढ़े, रिटायर्ड और चौबीसों घन्टे घर बैठे परमज्ञानी ये लोग ना मेसेज पढ़ते है - ना समझते है, बस इधर से उधर ठेल दिया और इतनी भी अक्ल नही कि देश मे कुछ कानून है, नियम कायदे है, संविधान है

Khari Khari and other Posts of 20 to 22 Oct 2021

  दस बजे आ रहा है उछाल - भूचाल और अपने मुंह मियाँ मिठ्ठू बनने आ रहा है - बस आशाओं से लेकर डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई देकर अपना गुणगान करेगा - अहं ब्रहासमि दूजो ना भवो तो कूट कूट कर भरा है इसमें - देश और जनता जाये भाड़ में  अगर हिम्मत है तो महंगाई, पेट्रोल - डीजल के भाव, किसान आंदोलन , लखीमपुर की हत्याओं, दलितों की हत्याओं की, अपने हत्यारे मंत्री के इस्तीफ़े की, जम्मू - कश्मीर में हो रही नरसंहारों की बात करें - नही तो "थोथा चना बाजे घना" होने को नही मंगता अपुन को इस आदमी ने दो साल में दस बार भाषण देकर देश बेचा है और बर्बाद किया है और त्योहार की बधाई दें तो पूछना कि चूल्हा कैसे जलाये - हुजूर - महंगाई डायन नही, राक्षस हो गई है इस सरकार में तो  थोड़ा लिखा - ज्यादा समझना और नही समझ आये तो बजाओ फिर झाँझ, मजीरे या थाली और ताली - इसी लायक हो भारत के जन गण मन  #खरी_खरी *** इस देश में अरुण वाल्मीकि होने का अर्थ क्या है, उसकी पुलिस हिरासत में मौत हम सबके भीतर बैठी मनुष्यता की मौत है, यूपी पुलिस इन दिनों हत्यारी हो गई है जो हर किसी की हत्या करने पर तुली है और आशीष मिश्रा जैसे कम

Kuchh Rang Pyar ke - Yash and Sarthak in Dewas , Post of 19 Oct 2021

यश फफूनकर और सार्थक सँगमनेरकर मेरे भान्जे है, दोनो युवा है और बीई कर रहें है, पर यह परिचय अधूरा है दोनो संगीत के सिद्धहस्त खिलाड़ी है गायन और वादन दोनो शैली के युवा उस्ताद है आज देवास में कोजागिरी पौर्णिमा के अवसर पर एक निजी महफ़िल में आये और अपने युवा मित्रों के साथ ढाई तीन घण्टों की अदभुत प्रस्तुति दी, इनके साथ थे बेहद प्रतिभाशाली गायक तन्मय बोबड़े, वेदांत लकरस, डॉक्टर सलोनी शर्मा और अन्य दो तीन मित्र यश और सार्थक की माँये भी सगी बहनें है पर इन दोनो में जो सामंजस्य है - यानी यश और सार्थक में, और आपसी समझ है वह गहरी और गम्भीर है ; सभी युवा मित्र जो "प्रयोग" नामक बैनर के तले काम करते है, सब हँसमुख परन्तु गायन - वादन में बेहद गम्भीर अनुशासन का पालन करने वाले है, शास्त्रीय संगीत के साथ इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले ये प्रतिबद्ध युवा शानदार गायक है, ये सभी स्थानीय से लेकर राज्य स्तर तक संगीत के लिए पुरस्कृत है और आसपास इनके बड़े चर्चे रहते है बस एक बात कि यदि "प्रयोग" समूह को आगे बढ़ना है तो अपने एंकर को बदलना होगा, जिसे ना एंकरशिप आती है - ना बोलना, अन्यथा इन सब

Khari Khari, Kuchh Rang Pyar ke , Posts from 14 to 19 Oct 2021

  प्लीज़ मत पढ़िए •••••• इन दिनों हर कोई हर विषय पर बोलने लगा है और मजेदार यह कि जिन लोगों ने कभी किसी की नब्ज नही धरी या अपनी औलादों को नही पढ़ाया - वे शिक्षा पर आख्यान देने लगे है, जब तक शिक्षा या मेडिकल जैसे विषय जो सीधे - सीधे मनुष्य से जुड़े है, उन पर बोलने का अर्थ नही या कानून पर जब तक नियम या लॉ नही मालूम नही तो कैसे बोलोगे, एक पत्रकार है जिसे जल्दी यश पाना था, पुलिस से गिरफ्तार होना था कि अपने को जल्दी बेच सकें मीडिया मंडी में , दिन रात अंड - सन्ड बका करता था कि कानून ऐसा, कानून वैसा , दिल्ली के संघी संस्थान से बकलोली कर निकला यह 23 साल का फर्जी मक्कार रोज कुछ भी लिखता था - एक बहस में हिंदू विवाह कानून की धारा 9 पर ऐसे कुतर्क कर रहा था कि कोई उजबक भी क्या करेगा और वही कि दलितों के लिए कोर्ट ने गलत फैसला दिया, उस मूर्ख को यह नही मालूम कि हिन्दू या मुस्लिम विधि में दलित सवर्ण नही देखते, विवाह के नियम, कानून सबके लिए समान होते है, एक दिन मैंने पूछ लिया कि कभी आईपीसी या सीआरपीसी देखी तो ब्लॉक करके भाग गया, अब हर कोई स्वास्थ्य या शिक्षा या कानून या मीडिया पर बोलेगा तो हो गया कल्याण, ऐसे

Khari Khari - Post of 13 Oct 2021

पुस्तक मेला आते ही लेखकों की आत्म मुग्धता बढ़ते जा रही है - मेरे विचार, मेरी कविता, मेरी कहानी, मेरी बीबी, मेरे बच्चे, मेरी नौकरी, मेरे कुत्ते, मेरी ईमानदारी, मेरी विदेश यात्राएँ, मेरी तारीफ़, मेरे दोस्त, मेरी कार, मेरे रिश्ते, मेरे अनुयायी, मैं - मैं और मैं बेहद शर्मनाक माहौल हो गया है, उम्मीद न रखें कि आपके इस मैं - मैं - मैं पर मैं कोई लाईक या कमेंट करूँगा, शेयर करूँगा या लिखूँगा - लिखना, पढ़ना, छपना और छापना, बेचना और नौकरी करना - आपके पेशे के हिस्सा है, इसे इतना महिमा मंडित मत कीजिये कि कै आने लगे ; पढ़ - लिखकर, पढ़कर या नौकरी करके किसी पर एहसान नही कर रहें - अपना पेट पाल रहें है या अपने बीबी - बच्चे ही पाल रहें है, और अगर यह भी समस्या है तो वो आपकी है मेरी या किसी पाठक की नही, अब जो भी करें वो बेईमानी से करें या ईमानदारी से - मुझे या किसी को कोई चवन्नी नही दे रहें कमाई से अला - फलाँ कविता या किताब या पत्रिका पर आपकी क्या राय है - पेलते रहिये वो आपका निजी मामला है, घण्टा फर्क नही पड़ रहा किसी को आपके घटिया विचारों से, जब तुर्रे खाँ मिट गए तो तुम क्या हो बै, पर इनबॉक्स में घुसकर जबरन उस

Khari Khari, Kuchh Rang Pyar ke , Visit of Manish Chavare and Yash Krishnan and other Posts from 9 to 11 Oct 2021

  सुप्रीम कोर्ट के दबाव में आख़िर आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई इसके दो अर्थ है ◆ सुप्रीम कोर्ट सरकार के किसान विरोधी बिलों का प्रत्यक्ष और स्पष्ट रूप से खुलकर विरोध कर रहा है, बस लोयाकरण के खुटके से सीधा नही बोला ◆ सरकार की यह नैतिक हार है और दस माह से चल रहे किसान आंदोलन की जीत, बस अब राज्यमंत्री या तो इस्तीफ़ा दे दें या सरकार इस नापाक मंत्री को बर्खास्त करें तो बिल एकदम गलत थे - इस बात पर मोहर लग जाये होना यह चाहिये - मिश्रा के इस्तीफ़े के तुरंत बाद संसद के दोनो सदनों की बैठक बुलाकर दोनो किसान विरोधी बिल सरकार वापिस ले लें, यूपी चुनाव के रास्ते 2024 मे वापिस काबिज़ होना हो तो - बाकी तो बेइज्जती इत्ती हो गई हैं कोयले की दलाली, पेट्रोल डीज़ल के भाव, गैस सिलेंडर का ग्यारह सौ तक पहुंचना, 180000 करोड़ का हवाई जहाज तानाशाह के लिए खरीदना जबकि जीडीपी अभी भी ऋणात्मक ही है और टाटा के द्वारा एयर इंडिया फिर से खरीद लेना, महंगाई से परेशान जनता, दस माह से चल रहे आंदोलन में 600 के करीब किसानों की हत्या / मौत और कश्मीर में पंडितों की हत्या, जांबाज़ सैनिकों की 2014 से अब तक आतंकवादियों द्वारा सर्वाधिक हत्या