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Showing posts from May, 2021

Khari Khari, When I will be old and other posts from 27 to 30 May 2021

  || जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा || ••••••••••••••••• जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा, एकदम जर्जर बूढ़ा, तब तू क्या थोड़ा मेरे पास रहेगा? मुझ पर थोड़ा धीरज तो रखेगा न? मान ले, तेरे महँगे काँच का बर्तन मेरे हाथ से अचानक गिर जाए? या फिर, सब्ज़ी की कटोरी मैं उलट दूँ टेबल पर? मैं तब बहुत अच्छे से नहीं देख सकूँगा न! मुझे तू चिल्लाकर डाँटना मत प्लीज़! बूढ़े लोग सब समय ख़ुद को उपेक्षित महसूस करते रहते हैं, तुझे नहीं पता? एक दिन मुझे कान से सुनाई देना बंद हो जाएगा, एक बार में मुझे समझ में नहीं आएगा कि तू क्या कह रहा है, लेकिन इसलिए तू मुझे बहरा मत कहना! ज़रूरत पड़े तो कष्ट उठाकर एक बार फिर से वह बात कह देना, या फिर लिख ही देना काग़ज़ पर। मुझे माफ़ कर देना, मैं तो कुदरत के नियम से बुढ़ा गया हूँ, मैं क्या करूँ बता? और जब मेरे घुटने काँपने लगेंगे, दोनों पैर इस शरीर का वज़न उठाने से इनकार कर देंगे, तू थोड़ा-सा धीरज रखकर मुझे उठ खड़े होने में मदद नहीं करेगा, बोल? जिस तरह तूने मेरे पैरों के पंजों पर खड़े होकर पहली बार चलना सीखा था, उसी तरह? कभी-कभी टूटे रेकॉर्ड प्लेयर की तरह मैं बकबक करता रहूँगा, तू थोड़ा कष्ट करके सुनना। मेरी खिल्

Khari Khari, Nanded Webinar, Netflix Films , Posts of 25 and 26 May 2021

  भारत मे अंदाजन साढ़े छह लाख गांव है, कस्बों और शहरों को छोड़ दीजिए, औसतन पांच लोगों की भी एक गांव में यदि कोरोना से मृत्यु हुई है - तो जोड़ लीजिये कुल कितनी मृत्यु एक साल में हुई है सीधा सा गणित है - इतना तो आता होगा न आपको आप सवाल पूछिये सिर्फ़ - जवाब देने की बारी सरकार की है, आप नही पूछेंगे तो आप हमेशा की तरह से ठगे जायेंगे और याद है ना आपने नोटबन्दी के दौरान भी नही पूछा था कि क्यो, कैसे , कितने मरे या कितने ब्लैक के रुपये वापिस आये बोलिये, पूछिये और अपने लिये नही - पर अपने परिजनों, पड़ोसियों, दोस्तों और गांव समुदाय के लोगों को कम से कम कोविड से मरने वाले या आपदा यानी महामारी की मृत्यु सूची में तो डलवा दें - इतना भी नही कर सकते तो अपने आपको इंसान कहलवाना बन्द कर दें #खरी_खरी *** बुद्ध की कथाओं ने जीवन समझने में मदद की, हम सबमें एक बुद्ध है जो रोज कथाओं को रचता है, जीता है और अपने लिए जीवन धर्म बनाता है - आईये इस बुद्ध को जिंदा रखें और अपने भीतर ही जीवित रहकर कर्म करते हुए निर्वाण को प्राप्त हो, बुद्धत्व की ओर उन्मुख हो बुद्ध जयंती की स्वस्तिकामनाएँ सबको *** पद्मश्री अण्णासाहेब जाधव भारत

Netflix Movies and "Khed Hai" - Poem of Naiduniya Diwali Special 1999, Posts of 24 to 25 May 2021

  Dear Daddy Sandeep and Pinky Faraar Grand son of Sardar कुरुक्षेत्र लोनावाला बायपास आखिरी दो मराठी बाकी हिंदी - पिछले तीन चार दिनों में देर रात देखी फिल्में है -ताकि सनद रहें, नेटफ्लिक्स और अमेज़ॉन प्राइम पर *** || खेद है || बहुत पुरानी बात जब हिंदी क्षेत्रों में भी दीवाली विशेषांक निकाले जाते थे और अखबारों के इन विशेषांकों में छपने से लेकर पढ़ने और चर्चा करने की होड़ मची रहती थी अभी Abhay Sahasrabuddhe ने फोन करके 1999 के नईदुनिया के दीवाली विशेषांक की याद दिलाई कि "तेरी कविता पढ़ रहा हूँ, लगभग 22 साल पुरानी कविता का फोटो भेज रहा हूँ " दिन बन गया भाई, तब दोस्तों को चिट्ठियाँ लिखते थे हम लोग ; मोबाइल नही, नेट नही बस चिट्ठी यानी पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय या 50 पैसे के लिफ़ाफ़े और कॉपी से फाड़े हुए चार पन्नों पर भर - भरकर लिखी चिठ्ठी से जीवन ख़ुश था और दिमाग़ी तनाव नही होता था, Binay Saurabh , Sanjeev Thakur , Jitendra Srivastava , Avinash Das , Ramesh Gupta , Dinesh Kushwah से लेकर तमाम दोस्तों और तत्कालीन बड़े साहित्यकारों, सम्पादकों और कवियों को, यहाँ तक कि स्थानीय शहर के दोस

Khari Khari, Covid, Late Sundar Lal Bahuguna - Posts of 21 to 23 May 2021

छग के सूरजपुर कलेक्टर भी पुलिसिया गुंडागर्दी पर उतर आए है, क्यों ना इस कलेक्टर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की जाये जो किसी नागरिक को सड़क पर पीट रहा है, इसकी नौकरी या तो खत्म हो या इसे उसी जिले के कलेक्टर दफ्तर में चपरासी के पद पर डिमोट कर दिया जाये इस तरह से यह एक नज़ीर बनेगी - ताकि अगली बार कोई इतनी निर्लज्जता से संविधानिक प्रदत्त नागरिक की गरिमा से खिलवाड़ नही कर सके ब्यूरोक्रेट्स अगर इस नीचता पर उतर आएगा तो क्या किया जा सकेगा, ये देश के क्रीम है या कलंक और अब माफ़ी मांगकर क्या कहना चाहता है यह उजबक, देश से ना ब्रिटिश राज गया है ना संस्कार, इन्हें जिस तरह से पैम्पर किया जाता है - वह बहुत ही घातक है फिर कहता हूँ कि जब तक "लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी" को एक बम लगाकर उड़ा नही दिया जाता और इस चयन प्रक्रिया से लेकर इनके प्रशिक्षण में आमूल चूल परिवर्तन नही होता - तब तक ये इसी तरह से गुंडे मवालियों की तरह काम करते रहेंगे - फिर वो IAS , IPS हो या IFS - जो आदिवासी इलाकों में वन कानूनों के नाम पर आदिवासियों और ग्रामीणों को अकारथ प्रताड़ित करते रहते है यह बेहद चिंताजनक ह

Khari Khari, Yousuf Bhai's treatment and Posts between 18 to 21 May 2021

  प्रिय संदीप दा, आपको याद करते हुए मेरे ज़हन में रईस अंसारी का एक शे'र अनायास ही कौंध जाता है - "कोई दरख्त कोई साएबाँ रहे न रहे बुजुर्ग ज़िंदा रहें आसमां रहे न रहे " उम्मीद करता हूं इस शे'र की प्रासंगिकता और हम जैसे युवाओं के लिए आप जैसा आसमान सलामत होगा । चौबीस घंटे की लगातर बारिश के बाद आज धूप दिख रहा है। धूप की किरणें मेरे कमरे में आहिस्ता-आहिस्ता दबे पांव चली आ रही है । ठीक वैसे ही जैसे आपकी दुआएं आती हैं । संयोग देखिये, इन दोनों से ही हमें ऊर्जा मिलती है। कुछ सप्ताह पहले आप कोविड की चपेट में थे । कोविड आपके चपेट में था या आप उसके चपेेट में यह कहना थोड़ा कठिन है। अरे! आप जैसे जिंदादिल इंसान के पास जाकर वो झक ही मारा होगा । बेचारा पछता रहा होगा कि हम किस व्यक्ति के यहां आकर फँस गये । ये तो रोज हँसता रहता है, मूवी देखता है और मदमस्त अपनी धुन में गाते रहता है। आपका होना हमलोगों के लिए उतना ही जरूरी है जितना की बारिश के लिए बादल का होना । आपकी बेबाकी, आपका अल्हड़पन,आपके व्यंग्य और आपकी बातें समुद्र की तरह है । जहाँ गोता लगाओ तो फिर दर्जनों देशों की यात्रा करने जैसी

एक दिन कोविड का Post of 20 May 2021

एक दिन कोविड का  सुबह हड़बड़ाहट में होती है और सामने दिखता है मोरपेन क़ा शुगर नापने वाला यंत्र, रात सपने में इस यंत्र की स्क्रीन दिखती है कभी 648, 576, 349, 232 जबकि मेरा सपना है 90, 95 या 118 पर जीते जी तो यह सम्भव नही हो रहा, उठता हूँ और इस कमबख्त को उठाकर दसों उंगलियों में से किसी एक को खरोचता हूँ - पिन चुभने का एहसास खत्म हो गया है , पिछले बीस वर्षों से इतनी सुईयाँ चुभोई है कि शायद ही चमड़ी अब संवेदनशील बची हो - दर्द मानो स्थाई भाव हो और सुईयाँ उसका रस सामने स्क्रीन पर शुगर का स्कोर देखकर कुछ नही होता - ख़ौफ़ नही लगता ज्यादा स्कोर से क्योंकि अब इतनी निराशा हो गई है कि लगता नही सामान्य स्तर पर कभी आ भी पाऊंगा - बस बिस्तर छोड़कर बाहर आता हूँ छत पर, आसमान निहारता हूँ - इतना रंग बिरंगा होने लगा है इन दिनों कि रँगों के प्रकार ही समझ नही पाता - आज ही छत गीली थी, कपड़े गीले, तेज़ छत पर सूख रहें प्याज भी गीले हो गए थे पर कोई फ़र्क नही पड़ रहा मुझे, दिन में धूप निकलेगी तो सब फिर सूख जाएगा, व्यायाम तो क्या ही कहूँ, हां थोड़ा स्ट्रेचिंग कर लेता हूँ - श्वास के दो चार आसन करके थक जाता हूँ सुबह - सुबह चिराय

Khari Khari Dead Bodies in Ganga , Film Ahaan of Netflix - Posts of 15 to 17 May 2021

  || भिन्न विषय की रोचक फ़िल्म अहान || अहान - अधेड़ उम्र के एक दम्पत्ति की प्रेम कहानी में एक वयस्क किंतु मानसिक रूप से अपरिपक्व युवा की भूमिका को लेकर बनाई गई फ़िल्म है - जो विशेष रूप से आवश्यकता वालें [ persons with special demand or mentally retarted ] लोगों के मुद्दों पर फोकस करती है आरिफ़ ज़कारिया और निहारिका सिंह पति पत्नी है और उनका युवा पड़ोसी अबुली मामाजी एक मध्यमवर्गीय परिवार का लड़का है - जिसका मानसिक विकास अभी उम्र के हिसाब से हुआ नही, पर वह माँ के काम मे हाथ बंटाता है, बहुत संवेदनशील और भावुक है और आरिफ़ निहारिका के सामान्य झगड़ों के बीच दोनो के अलग होने पर एक मध्यस्थ या पुल की भूमिका अदा करता है फ़िल्म बहुत स्लो पेस पर चलती है पर विशेष मांग वाले बच्चों, किशोरों और युवाओं की समझ, योगदान पर फोकस करते हुए सही तरीके से मुद्दों को सामने लाती है, यह उन लोगों को जरूर देखना चाहिये जिनके घरों, रिश्तेदारों या आसपास में ऐसे लोग है - जिन्हें सहानुभूति की नही बल्कि बराबरी से समता के आधार पर ट्रीट करके नौकरी या विकास के अवसर देने की बात है आजकल बहुत एनजीओ इस तरह का काम कर रहें हैं और ये लोग जॉ