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Showing posts from September, 2021

Rest in Peace Kamla Bhasin 25 Sept 2021

  "ये पर्दा तुम्हारा कैसा है, क्या ये मज़हब का हिस्सा है" - कमला भसीन कभी नही मरती ••••••••• बहुत साल पहले यानी 1987 में एक किताब पढ़ी थी छोटी सी कार्टूननुमा थी - "उल्टी सुल्टी मित्तो" एक छोटी सी बच्ची की कहानी थी, फिर पीले चमकीले कव्हर पेज के साथ आई एक किताब - "नारीवाद क्या है", फिर हाथ लगी "पितृ सत्ता क्या है" सब 1990 तक पढ़ चुका था "द हंगर प्रोजेक्ट" में राज्य प्रतिनिधि था तो महिला जन प्रतिनिधियों के साथ बहुत काम किया, दिल्ली में अक्सर जाना होता था, देशभर की लड़ाकू महिला मित्रों और जेंडरवादी औरतें अक्सर टकराती थी - और गर्मागर्म बहस होती महिला सम्मेलनों में खूब भाषण सुनता और समझ बनाने का प्रयास करता जागोरी के साथ काम किया, Runu Chakraborty मेरी 1987 से दोस्त है, खूब गाने गाये - महिला समानता के जो भारत पाक महिलाओं की संयुक्त कार्यशाला में लिखें हो या राजस्थान में - आज बहुत समझ तो नही पर जेंडर के मुद्दों की पड़ताल कर महिला समानता जरूर समझता हूँ, जेंडर बजटिंग हो या सुशासन में भागीदारी या साहित्य में महिलाओं की उपस्थिति इन सबके पीछे सीमोन द

Kharii Khari and other posts of 21 and 22 SeptT 2021

देवास के जिला विधि महाविद्यालय में एलएलएम का पाठ्यक्रम आरंभ हो रहा है, जिन लोगों को लिखना - पढ़ना नहीं आता, अंग्रेजी तो बहुत दूर हिंदी का एक वाक्य सही नही लिख सकते, प्रवेश फार्म भरना नही आता, जिन्हें कानून और राजनीति की बेसिक समझ नहीं है वे "मास्टर ऑफ लॉ" करने के मंसूबे पाल रहें है, कानून की बहुत समझ मेरी भी नही बनी, दो साल कोविड ने बर्बाद कर दिए - कोर्ट में जितना जाना था जा नही पायें पर घर बैठकर लोग बाग गुलाब जामुन खा गए और 60 से 70 % लेकर बैठे है आज रोते झीकते और कोरोना देव की मेहरबानी से घर बैठकर जिन्होंने एलएलबी पूरा कर लिया - वे लोग एलएलएम करने आ रहे हैं - खास करके बहुत सारी लड़कियां - ध्यान रहें "यह पोस्ट लड़कियों के विरोध में नहीं है उनकी उच्च शिक्षा के विरोध में नहीं है" 3 - 4 विषयों में एमए कर लिया, बीएड कर लिया, एमएड कर लिया, मानव अधिकार में डिप्लोमा कर लिया, फिर भी शादी नही हो रही, एलएलबी भी कर लिया और अब एलएलएम करना है - जबकि इनकी समझ की हालत यह है कि ना लिखना आता है, ना आदेश समझते है - कोर्ट के नही विश्व विद्यालय के सामान्य अनुदेश भी नही समझते, और तो

हिंदी दिवस पर अस्सी लेखकों की क्षति & Posts of 14 Sept 2021

  || हिंदी दिवस पर अस्सी लेखकों की क्षति || "बुद्धिजीवी है - अपने कुकृत्यों के लिए तर्क तो गढ़ ही लेगा" ◆राजेन्द्र यादव [ हंस के एक सम्पादकीय में ] ---------- मध्यप्रदेश शासन की साहित्य अकादमी ने आज प्रदेश के 80 साहित्यकारों की एक सूची जारी की है - जिनको 20 - 20 हजार रुपये मध्यप्रदेश शासन देगा ताकि वे अपनी कविता, कहानी या निबंध की पुस्तक छाप सके यह एक पुरानी योजना है जिसके तहत लेखकों की पहली प्रति के लिए प्रोत्साहन स्वरूप यह राशि प्रदान की जाती थी , कमाल यह है कि इस सूची में 90% लोग ऐसे हैं जिनका नाम कभी नहीं सुना और 10% ऐसे हैं जो अपनी कई - कई किताबें छाप चुके हैं बाकायदा उनके नाम से किताबें छपी है, उनकी किताबों की समीक्षाएं छपी है और दो - चार लोगों की समीक्षाएं तो मैंने भी लिखी है, चार पांच तो रिटायर्ड है और पेंशन से लेकर दूसरे स्रोतों से रुपया उगाही में भी लगें हैं तन मन धन से, 70 वर्ष से ऊपर के बूढ़े लोग है उन्हें इस सबकी क्या ज़रूरत है और ये सब छप चुके है यहाँ - वहाँ तीसरा इनमें से कई लोग प्रगतिशीलता का झंडा उठाकर दौड़ते थे, लाल गमछा बांधकर, अबीर - कबी

Hindi Day, Drisht Kavi and other Posts of 14 Sept 2021

हिंदी की बरसी है आज - बोले तो शिराद्ध Please call me for Breakfast, Lunch, High tea in evening or Dinner "आई बिल इस्पीक ऑन इम्पोर्टेंस ऑफ हीन्दी लैंगुएज " भाषण देने का हो, बाद बिबाद का निर्णायक, निबंध जांचकर नम्बर देना हो - सब कल्ल लेगा अपुन अकेला, आप जो ₹ 60/- की शॉल और सड़ा नारियल दोगे बगैर पानी बाला बो बी ले लूँगा, बासी समोसा खा लूँगा हीही करते हुए बस कल बुला लो, कुर्ता साफ करके रख लिया है, आठ दस दोहे जाद कल्ल लिए है और शानी, महादेबी, अन्नामीका, कुंबारे नारायण, निर्मल बर्मा, डबराल, पिरेमचन्द्र , निराला, मुक्तिबोध से लेकर दुबे, चौबे, छब्बे, वेदी, द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी और यहां तक कि मोई जी के बी बिचार पढ़ लिए है हीन्दी कूँ लेकर कोई बुलाओ रे कल , दो साल से शॉल नी मिली बैंक बाले, इस्कूल बाले या कोई एनजीओ बाले ही बुला लो रे, भासण देंने की भोत इच्छा हो रैली हेगी एकदम जोर से जैसे कि जोर से ..... #हिंदी_की_बरसी 14/09/21 *** बेसे जे पूछ रहे कि इस्कूल कालेज के माड़साब लोगोंन कूँ अब्बी बी ज़ूम पे ई देख रियाँ हूँ, किलास नई ले रिये ससुरे, अब्बी बी सेमिनारों, कउता पाठ, भासण और बिम

Siddharth' s Birthday 14 Sept 2021

ज़िम्मेदार पिता, पति और उच्चाधिकारी, मुम्बई जैसे शहर में महज़ दस वर्ष के भीतर पढ़ाई पूरी करके नौकरी में सेटल हो जाना, अपना मकान कर लेना कोई सहज नही है पर यह सब तब सम्भव है जब होशियारी, व्यवहारिकता, मैनेजमेंट और दूरदृष्टि आपके जीवन में हो, सबको साथ लेकर चलना और वहाँ रहकर भी पूरे कुनबे से रिश्ते निभाकर चलना भी एक बड़ा मानवीय गुण है हमारी अगली पीढ़ी के हीरो Siddharth Naik आज 31 के पूरे हो गए है लगता है कल की बात है जब देवास में पैदा हुए और हम सब लोगों में उत्साह था, लाड़ - प्यार में पले बढ़े और सब कुछ हासिल किया और आज मुक़ाम पर है, आज स्थिति यह है कि हम हर तरह के निर्णय के लिए उसकी निजी राय की ओर देखते है, रोज बात नही कर पाने का रंजो गम रहता है क्योंकि बच्चे जब बड़े पदों पर चले जाते है तो भाग दौड़ बढ़ जाती है और एक एक मिनिट निकालना भी मुश्किल हो जाता है पर जब भी समय मिलता है खूब बातें होती है और बदलती दुनिया की समझ बनाता हूँ यश कीर्ति बनी रहें, खूब तरक्की करो और ऐसे ही सहज बने रहो बेटू स्नेह, दुआएँ और स्वस्तिकामनाएँ जन्मदिन की बधाई

Kuchh Rang Pyar ke, Siraj and Mira kumari of Ranipur Panna - Posts from 3 to 12 Sept 2021

Mohammad Siraj चौबीस परगना (पश्चिम बंगाल) जिले के टीटागढ़, बैरकपुर के रहने वाले है ; बहुत पुरानी बात है - जब ये बहुत छोटे थे तो युवाओं और किशोरों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सेवाग्राम, वर्धा, महाराष्ट्र में मिलें थे , खूब बातें की थी हमने उस सम्मेलन में - रैली निकाली थी और सामाजिक बदलाव के गीत गाये थे इकठ्ठे और तब सिराज़ ने मुझसे वादा किया था कि "दादा आपसे मिलने देवास आऊंगा" - क्योंकि यहां इनकी सगी ख़ाला भी रहती है 26 अगस्त से यहां थे - पर मैं नही था, लिहाज़ा ये भोपाल, ग्वालियर आदि जगह घूमते रहें, मेरा इंतज़ार करते रहें, आज पकड़ में आये तो थोड़ी देर के लिए, हम एक रेस्तरां में मिलें गपशप की और बस विदाई, पर अगली बार पूरा एक दिन साथ रहने का वादा किया है और जल्दी ही देवास लौटेंगे सिराज़ 25 वर्षीय एक होनहार युवा है, किशोरों और युवाओं के साथ काम कर रहें है, "पहचान फाउंडेशन" नामक अपनी संस्था पंजीकृत करवाई है, इनकी आँखों में बदलाव के सपने है और दिल में बड़े - बड़े अरमान, पाँवों में पहिये है - तो बस घूमते रहते है जनाब जाओ बच्चे खूब मेहनत करो, खुश रहो और तरक्की करो, जब मिला था तो बहु

Khari Khari HC on COW, Price Hikes - Posts of 2 Sept 2021

न्यायपालिका का दिमाग़ और इनमें बैठे माननीय जजों को गाय, भैंस और लव जेहाद के अलावा कुछ दिखता हैं या नही, लोगों को जीना मुश्किल हो रहा है - अन्न के एक एक दाने के लिए लोग तरस रहें है और ये सफेद हाथी गाय, गौमूत्र, गोबर में ही उलझे है इलाहाबाद हाईकोर्ट के विद्वान न्यायमूर्ति शेखर यादव की टिप्पणी और सुझाव विशुद्ध राजनीति से पीड़ित है ; या तो उन्होंने किसी राजनैतिक दबाव में बात कही है या फिर वो समाज की क्रूर सच्चाई, गरीबी, भुखमरी और रोज बढ़ती महंगाई से अनजान है और कोर्ट रूम और बंगले के अलावा उन्हें कुछ मालूम नही है या फिर रिटायर्डमेंट के बाद अपना जातिगत पैतृक व्यवसाय करने का इरादा रखते है इन्हें जनहित की याचिकाओं को ख़ारिज करने में मजा आता है - जहाँ बेबस लोगों या पर्यावरण या जल - जंगल - जमीन या शिक्षा - स्वास्थ्य - रोज़गार की बात होती है, पर ऐसे राजनैतिक मुद्दों पर बात करने में बहुत मजा भी आता है और इनके पास समय भी है - इको सिस्टम में हर स्तर पर हर प्राणी का महत्व है यह बुनियादी समझ तो होगी ही यादव जी की, फिर एक मात्र प्राणी पर दया क्यों बजाय इसके वो कहते कि एक भी नवजात की या गर्भवती महिला की मृत्