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Posts of FB 22 April 15


राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला परियोजना प्रबंधकों की भर्ती की गयी थी और उसके बाद ये लोग जिलों में ऐसे जम गए है कि हलने का नाम ही नहीं ले रहे है जबकि तबादला नीति के तहत इनके भी तबादले होना थे, फलस्वरूप जिलों में ये स्थानीय अस्पताल प्रशासन के साथ सेटिंग जमाकर बैठे है कि फेविकोल को भी शर्म आ जाए. इंदौर जबलपुर खरगोन या अन्य जगहों पर डी पी एम ऐसे जमे है कि सारा तंत्र खराब कर दिए है.  अब जब राज्य शासन ने तबादले करने का हुकुम दिया है तो क्या प्रमुख सचिव इन फेविकोल के जोड़ों पर ध्यान देंगे और तबादले करके इन्हें यहाँ वहाँ करेंगे  वैसे भी डी पी एम कमाई का बहुत बड़ा साधन है और मेरे देखते देखते प्रदेश में कई डी पी एम करोडपति हो गए है. दूसरा पहलू यह है कि जिन जिलों में मिशन के क्रियान्वयन में बहुत समस्या है जैसे खंडवा, मंदसौर आदि जिलों में वहाँ पुराने अनुभवी डी पी एम् को भेजा जाना चाहिए जो नौ सालों से एक ही जगह पसरकर बैठे है. तीसरा योग्य और निकम्मे लोग अब भर्ती हो रहे है जिन्हें ना स्वास्थ्य की समझ है ना कोई सामान्य समझ उन्हें भी कुछ जिलों  में अभी नियुक्तियां दी गयी है, इसके बदले स्वास्थ्य विभाग फ्रेश MBBS डाक्टर्स को नियुक्ति दे तो बेहतर होगा बजाय समाज सेवा में फर्जी तरीके से डिग्री खरीदकर जो आये है और ज्ञानी बने फिर रहे है. प्रदेश के क्रांतिकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव इन DPMs को बदले तो स्वास्थ्य की मूल समस्याएं हाल हो सकती है या डिग्रीधारी डाक्टर्स को ही नियुक्ति दें.

II 
मध्य प्रदेश में प्रशासन की हालत कमजोर और निकम्मेपन की हद 

मैंने राष्ट्रपति महोदय से अपने स्वर्गीय भाई की पत्नी की अनुकम्पा नियुक्ति के लिए शिकायत की थी,लिहाजा उन्होंने मप्र शासन को वह शिकायत 18 मार्च को प्रेषित कर दी और हमें सूचना दी गयी कि श्रीमती तबस्सुम जैदी, उप सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग से संपर्क करें. उनसे एक लम्बे समय बाद बात हो पाई तो रोज वे टालती रही अब वे कह रही है कि शिकायत निवारण नहीं हो रहा है और जिला कलेक्टर जवाब नहीं दे रहे तो मै क्या करूँ ? उनके विभाग ने जिला कलेक्टर को 6 अप्रेल को शिकायत प्रेषित कर डी थी परन्तु कलेक्टर महोदय को भी समय नहीं है कि वे कुछ करें या जनता की समस्याएं सुलझाए, बस चौबीसों घंटे जन समुदाय के कामों में लगे रहते है.......तबस्सुम जैदी कहती है अभी फोन पर कि मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है इस तरह की शिकायतों को सुलझाने में और जब जवाब आयेगा तब हम कुछ बता पायेंगे. जब मैंने कहा कि यह रिकॉर्डिंग पुनः राष्ट्रपति महोदय को शिकायत के साथ प्रेषित कर दूं तो कहने लगी मुझे नहीं मालूम.और फोन बंद कर दिया. अब बताईये ये प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के अफसरों की हालत है और जिला कलेक्टर को मेल लिखा परन्तु कोई जवाब आज तक नहीं आया उनसे भी कई बार व्यक्तिगत रूप से मिल लिए है परन्तु हालात जस के तस है. मजेदार यह है कि कोई भी जिम्मेदारी से एक जवाब देने की स्थिति में नहीं है और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में तो कबाड़ा है ही.
दिल करता है सभी अधिकारियों को एक सिरे से लाइन में खडा करके..........


और मोदी जी सिविल सर्वेन्ट्स को ज्ञान दे रहे है कि हस्तक्षेप और अडंगा क्या होता है प्रदेश के मामाजी को अपने गुणगान गाने और व्यापम में कमाने से फुर्सत मिल गयी हो तो कुछ काम हो...........


III

शर्मिन्दा हूँ कि लाईव मौत के चक्कर में एक किसान एक इंसान और एक युवा यानी गजेन्द्र मर गया मुझे अब शर्म यह भी आती है कि देश में राष्ट्रपति है, और सुप्रीम कोर्ट है जो ना व्यापम घोटाले पर कुछ बोलते है ना इस मौत पर ना देश के लोगों की समस्याओं पर..........

डूब मरो नेताओं, मुख्यमंत्रियों, और देश के प्रधान सेवक, सभी पार्टियों के प्रमुखों और कलपुर्जों, .............प्रशासन, पुलिस और शासन 

मीडिया कितनी बड़ी दलाल है और कितनी वीभत्स, यह भी आज पता चला और बाकी सारा समुदाय नपुंसकों की तरह से देखता रहा .क्या हो गए है हम और क्या होंगे.....?  


डूब गया भारत आज इतना वहशी नंगा नाच देखकर भी देश के प्रधान सेवक या मुख्यमंत्री या राजस्थान की मुख्यमंत्री कुछ नहीं कहते तो शर्मनाक है इस देश में रहना. अरविन्द - मोदी के पुलिस झगड़े में अच्छे दिन आये और नपुंसकों के देश में एक किसान मर गया ........

इस देश में सुप्रीम कोर्ट को अब देश सेना के हवाले कर देना चाहिए , मेरा गंभीरता से सुझाव है.  यह आपातकाल से गंभीर समय है और शर्मनाक है कि कोई कुछ नहीं बोल रहा और देश में लोग सूट बूट या सूटकेस की बात कर रहे है. शर्म आती है मुझे देशवासी होने में. 60 साल बनाम 11 माह किसको छोड़ना चाहिए सुशासन ...........? विदेश में घूमो तो देश की हालत से क्या वाकिफ होंगे मोदी जी और अब भक्तो घटिया राजनीति मत करो कि अरविंद या ये वो.हालात आप लोगों ने आपातकाल से घटिया कर दिए है मप्र में मामा राज हो, छग में रमनसिंह, उप्र में अखिलेश या देश में मोदी राज कुल मिलाकर कबाड़ा हो गया है और मजे में सिर्फ अम्बानी और अडानी है...........सुप्रीम कोर्ट के जज साहेबान सिर्फ काला कपड़ा बांधे बैठे रहेंगे और राष्ट्रपति विदेशियों की अगवानी ही करते रहेंगे या कुछ और भी करेंगे............
मेरा मोदी जी से कोई व्यक्तगत दुराग्रह नहीं है बस आज सिर्फ अपनी पुरानी बात दोहराना चाहता हूँ कि इस प्रधान सेवक की गलतियों के कारण देश को हजारों साल पीछे जाना होगा और इस देश को यह सब ठीक करने में हजारों साल लग जायेंगे......आज इसकी शुरुआत हुई है और ऊपर से अमित शाह जैसे इसके रिद्धि सिद्धि है जो चाहते ही है कि हंगामा हो और देश में स्पष्ट रूप से बँटवारा हो जाए ये अघोषित आपातकाल है और देश के सभी नागरिक सन्न है बस हम बोल रहे है और भक्त चुप है , वे सब जानते है कि ये क्या कर रहे है .......

#निकम्मेप्रशासनऔरनपुंसकोंकाघटियादेश 

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