बहुत दिनों बाद पाई फुर्सत तो, मैंने खुद को पलट के देखा, मगर मैं पहचानता था जिसको, वो आदमी अब कहीं नहीं है ◆ जावेद अख्तर *** "मैं थोड़ी देर बाद कॉल करता हूँ" "अभी बिजी हूं , मीटिंग में हूं" "बाजार में हूँ" "कोई जरूरी काम कर रहा हूं, गाड़ी चला रहा हूं" "कॉल पर हूँ, एक ज़रूरी मीटिंग चल रही है" "ऑफिस में मीटिंग है बहुत जरूरी" या फिर Pre scripted SMS - "I am busy, call you later" और बाद में करता हूँ- कभी नही आता हर जगह मीटिंग का भयानक खूनी खेल चल रहा है, भगवान जाने काम कैसे हो रहें है, कब हो रहें हैं - अल्लाह के बन्दे मीटिंग में हैं तो, काम कैसे होते है, कैसे संसार चलता है - क्या वाकई भगवान चला रहा यह समूचा संसार 98% दुनिया के लोग इस समय मीटिंग में है, सरकारी से लेकर सड़क पर भीख मांगने वाले ही मीटिंग में है और बहुत बिजी है, इतने कि खाने को टाइम ना है, पानी पीने या दवाई लेने का टाइम ना है किसी को, वो लौंडे जो धक्का खा - खाकर दसवीं - बारहवीं पास हुए सप्लीमेंट्री से - फोन पर कहते है "इम्फाल एयरपोर्ट पर चेक इन कर रहा हूँ
ic #Immaculate on Amazon Prime एक नन की कहानी - कैसे ईसाई धर्म में एक युवा स्त्री को शोषित किया जाता है और धर्म की ध्वजा को फहराने के लिए दमित किया जाता है एक वर्ष एक कॉन्वेंट में पढ़ाया है, सामाजिक क्षेत्र में काम किया है तो "सिस्टर्स" और उनके जीवन, घुटन, पीड़ा और जीवन में खत्म कर दी गई महत्वकांक्षाओं से बहुत बारीकी से वाकिफ़ हूँ, फादर, ब्रदर, बिशप, मदर सुपीरियर, आदि की इस पूरी श्रृंखला यानी हेरार्की जो इस खेल में शामिल है - से परिचित हूँ बहुत वर्ष पहले [ 2004 ] छग के रायगढ़ जिले में था तो 4 सिस्टर्स की आत्महत्या की खबर पढ़ी थी - जो गर्भवती हो गई थी, तो वहाँ की मदर से पूछा था तो उन्होंने कहा था " when he knocks the door at 12 in the night, we being the Sisters, can't say No Sandip, the Brother, the Father, the Bishop are incarnation of Jesus", इंदुप्रभा का उदाहरण सबको याद ही होगा, मथुरा - वृंदावन में नवविधवाओं के शोषण की कहानियों से हम वाकिफ़ है ही - मीरा नायर की फ़िल्म वाटर याद ही होगी ना, इस्लाम में पाशविकता की हद तक की कहानियाँ रोज़ सुनते ही है हम , आर्मी स्कूल