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Ratan Tata 10 Oct, Man Ko Chiththi and other Posts from 6 to 10 Oct 2024

"कि मैंने रतन टाटा को देखा है...." 2006-07 में मैं भोपाल में द हंगर प्रोजेक्ट में काम करता था, शिक्षा में काम करके आया था - स्कूल में शिक्षक, आर्मी स्कूल में प्राचार्य, एकलव्य में नवाचार आदि का लम्बा अनुभव था, भोपाल वाला काम जम नही रहा था - तो शिक्षा का काम खोज रहा था टाटा ट्रस्ट ने झारखंड के खूँटी जिले में काम आरम्भ किया था तो वे कोई अनुभवी व्यक्ति खोज रहे थे, मैंने आवेदन किया तो पहले दो - तीन राउंड में फोन पर बातचीत हुई और बाद में इंटरव्यू के लिये बॉम्बे हाउस मुम्बई में बुलावा आ गया भाई हिमांशु का दफ़्तर वही था, लोकल में घूमते हुए हम वहाँ पहुँचे, हिमांशु मुझे छोड़कर अपने काम पर निकल गया, बॉम्बे हाउस में हम 3, 4 लोग बैठे थे, पैनल में इंटरव्यू लेने वाली पदमा सारँगपाणी ट्रैफिक में कही फँस गई थी अचानक हलचल हुई और रतन टाटा जी ने प्रवेश किया , एक - दो लोगों ने उनका अभिवादन किया और दफ्तर के बाकी लोग अपना काम करते रहें, हमें देखकर रूके और बोले - "आप लोग...? हमने कहाँ इंटरव्यू है..... "ओह, फिर वही हमारे साथ बैठ गये... कहाँ से, क्या करते हो, किन समुदायों के साथ काम करते है ?
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Man Ko Chiththi - Post of 5 Oct 2024

जीवन विरोधाभास, द्वंद और सच्चाई की डोरी पर चलने का नाम है, हमें अक्सर उन स्थितियों, अवसरों, जगहों और लोगों के बीच रहना पड़ता है - जो इस डोरी को दोनों सिरों पर मजबूती से थामे बैठे है और साँस रोककर हमारे फिसलने और गिरने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहें हैं कि हम गिरें और वे तालियाँ बजाते हुए पुट्ठे की धूल झाड़ कर हमारी लाश के पास आकर च - च - च करते रहें मज़ेदार यह है कि अपरिग्रह, अस्तेय, अहिंसा का लबादा ओढ़कर जीवन चलाने वाले सबसे ज़्यादा भ्रष्ट, हिंसक और घातक है, तमाम सत्यशोधक बाशिन्दे झूठ के मैले आँचल तले अपने सुहाने स्वप्न बुनकर भरपूर ज़िन्दगी जीने के उपक्रम में लगे हैं, जो लोग घर - परिवार - शासन - प्रशासन और समाज की संस्थाओं या समुदायों में बुरी तरह से असफ़ल होकर नज़ीर बन गए - वे नेतृत्व की दिशा और डोर थामे बैठे है और नेतृत्व सीखाने के विश्वविद्यालय बन रहे है जो लोग ईमानदार, संस्कृति मूलक समाज और उन्नत भविष्य के सपने सँजोये समाज के अगुआ बनने को उद्धत थे, वे सबसे ज़्यादा बेईमान, भ्रष्ट, परम्परा और पाखण्ड फ़ैलाने की अग्रिम पँक्ति में शामिल है, जो समग्रता, एकाग्रता, भिन्नता और समष्टिवाद के पुरोधा थे -

Drisht Kavi, Man Ko Chiththi and other Post from 1 to 5 Oct 2024

जहाज जब डूबने लगता है तो उसका पता सिर्फ़ कप्तान को होता है, जबकि छोटी नाव में जब छेद हो जाते है और यह जब डूबने लगती है तो इसका पता पूरी दुनिया को होता है कप्तान जहाज डूबने की बात किसी को नही बताता और अपने बचने के रास्ते खोजने लगता है, जबकि नाविक ऊँची लहरों को देखकर ही चीखने लगता है और हैदस से मरने की तैयारी करने लगता है जहाज डूबकर इतिहास बन जाते है - नावों का डूबना रोज़ होने वाली एक दुर्घटना है जो दो सेंटीमीटर के न्यूज़ कॉलम में खत्म हो जाती है जिसे कोई नही पढ़ता जहाज के यात्री डूबते समय गिटार या वायलिन बजाते हुए जीवन के अंतिम सर्ग को उत्सव की तरह मनाते है - ये मुसाफ़िर अपने कूपों में शराब से लेकर मुजरों और ऐयाशियों में व्यस्त रहते है, जबकि नाव के गरीब मुसाफ़िर अपने सामान की पोटली गुदड़ी में दबाते हुए किसी अनिष्ट की आशंका में परवरदिगार से प्रार्थना करते डूबकर मर जाते है कप्तान को बचने के रास्ते पता होते है - वह निकल भी जाता है और गरीब नाविक नसीहत देने के लिए संसार में सबसे घृणास्पद उदाहरण बन जाता है पर एक बात जरूर है कि कप्तान की विराट दृष्टि के समक्ष नाविकों की धृष्टताएँ बचकाना होती है जीवन

Khari Khari, Drisht Kavi, Kuchh Rang Pyar ke, Man Ko Chiththi and other posts from 23 to 30 Sept 2024 [Dr Asharam Chaudhary]

*** "एक लेखक किसे कहेंगें" ◆●◆ मुद्दा क्या है मेरा एक आलेख एक पत्रिका में छपा और मैंने अपने शहर के कुछ लोगों के नाम लिखें जो प्रतिनिधि लेखक है, एक मित्र ने कहा कि A, B, C, D, X, Y, Z जैसे लोग घटिया लेखक है, ये क्या लिखते है, इनकी क्या समझ है और आप ने यह सब क्या लिखा है, एक लेखक को सच बोलना चाहिये, दुःख की बात यह है कि इन घटिया लोगों के साथ आपने मेरा नाम जोड़ा हुआ है ______ मेरा जवाब था "और मैंने जो लिखा - पूरे होशो हवास में लिखा और सच ही लिखा भी है, इन लोगों की जब कविताएँ, कहानियां छप रही, किताबें आ रही तो फिर क्या किया जाए - लेखक होने के मान्य पैमाने तो छपना, किताब, लगातार साहित्यिक कार्यक्रमों में भागीदारी करना है फिर वो कार्यक्रम भले मुहल्ले, गाँव, समुदाय, जिले या राज्य स्तर के हो, यदि इन्हें बुलाया जा रहा है तो हम किसी की पहचान को कैसे नकार सकते हैं, और ये लोग उपस्थित है - हर जगह इसे नकार नही सकते आपके खेमे या गैंग के एक लेखक या लेखिका का नाम नही लिखना और बाकी सबको नकारना तो कोई बात नही है, और इसमे सम्माननीय या धन्य हो कहने की क्या बात है , लेखन के लिए नियमित, विव